बेरोजगार युवक के घर पहुंची GST टीम
डेस्क। उत्तर प्रदेश के मुजफ्फरनगर जनपद में एक बेरोजगार युवक के पैरों तले उस समय जमीन निकल गई, जब उसके घर का दरवाजा जीएसटी विभाग के कर्मचारियों ने खटखटाया. जीएसटी विभाग के कर्मचारियों ने बताया कि युवक के नाम से एक कंपनी चल रही है, जिसमें तकरीबन ढाई सौ करोड़ की जीएसटी ई वे बिलिंग का लेनदेन किया गया है. हालांकि, युवक को इसकी कोई जानकारी नहीं थी, जब मामले सामने आया तो पता चला कि फ्रॉड करके उसके डॉक्यूमेंट पर कंपनी खोली गई और फिर ट्रांजेक्शन किया गया.
नौकरी के नाम पर हुई धोखाधड़ी
दरअसल, मुजफ्फरनगर के रतनपुरी थाना क्षेत्र के बड़सू गांव निवासी एक बेरोजगार युवक अश्वनी कुमार को कुछ दिन पहले व्हाट्सऐप पर नौकरी के लिए एक कॉल आई थी. नौकरी के लालच में अश्वनी ने उनके द्वारा मांगे गए सभी कागजात (डॉक्यूमेंट) व्हाट्सऐप पर उन्हें भेज दिए. अश्वनी का कहना है कि 1750 रुपये भी उसने उन्हें भेजे थे, लेकिन नौकरी तो नहीं मिली, बल्कि उल्टा उसके नाम से एक फर्जी कंपनी और बैक एकाउंट खोलकर तकरीबन ढाई सौ करोड़ रुपये जीएसटी का ई वे बिलिंग फ्रॉड किया गया है.
कानूनी कार्रवाई में जुटे अधिकारी
आला अधिकारियों की माने तो जीएसटी विभाग के साथ मिलकर इस मामले में कानूनी कार्रवाई की जा रही है. इस मामले की अधिक जानकारी देते हुए एसपी ग्रामीण आदित्य बंसल ने बताया कि देखिए किसी व्यक्ति के अकाउंट में यह रकम नहीं आई है और एक रतनपुरी के रहने वाले अश्वनी कुमार को नौकरी लगवाने का झांसा देकर के उसके डॉक्यूमेंट लेकर गए और उन डॉक्यूमेंट के आधार पर एक फर्जी कंपनी और फर्जी बैंक अकाउंट खोल दिया गया, जिससे जीएसटी का ई वें बिलिंग का फ्रॉड किया गया है. उससे फर्जी ई वे बिलिंग करीब ढाई सौ करोड रुपए उसमें तैयार किए गए है, इसमें जीएसटी विभाग के साथ समन्वय स्थापित किया जा चुका है और इसमें उनके साथ मिलकर अग्रिम जांच कर वैधानिक कार्रवाई की जाएगी.
युवक ने कहा कंपनी को लेकर कोई जानकारी नहीं
पीड़ित युवक अश्वनी कुमार ने कहा, ‘मेरे पास व्हाट्सऐप पर नौकरी के लिए कॉल आई थी और मुझसे कागज लिए गए. जिसमें मेरे घर का बिजली का बिल और मेरे पापा का आधार कार्ड और 1750 रुपये भी लिए गए. मेरे नाम पर कोई कंपनी चलाई गई है, जिसका मुझे नहीं पता है. अब जीएसटी विभाग की टीम आई है और उन्होंने बताया है कि आपके नाम पर कोई फर्म चल रही है. अब जीएसटी विभाग ने हमें बुलाया है और कार्रवाई करने के लिए कहा है, जिसमें थाने में तहरीर भी दी गई है. उन्होंने जो व्हाट्सऐप पर कॉल, मैसेज गए हैं वह लिखवाया है और ना तो कोई जीएसटी नंबर ना कोई बिजली का बिल कुछ भी हुआ है.