भिलाई। बीएसपी वर्कर्स यूनियन के अथक प्रयासों के बाद आखिरकार राजनांदगांव स्थित खुर्सीपार रोलिंग मिल गेट का ताला खुल गया। यह गेट पिछले 25 वर्षों से बंद पड़ा था, जिससे कर्मचारियों और ठेका श्रमिकों को काफी समस्याओं का सामना करना पड़ रहा था। अब गेट के खुलने से लगभग 5000 कर्मचारी और ठेका श्रमिकों को आने-जाने में सुविधा मिलेगी।

बीएसपी वर्कर्स यूनियन अध्यक्ष उज्जवल दत्ता ने बताया कि, उन्हें पहले ही अंदेशा था कि फेस रीडिंग मशीन लगाए जाने के बाद कर्मचारियों को गेट से बाहर और अंदर जाने में कठिनाई होगी। फेस रीडिंग के बाद कर्मचारियों को समय पर संयंत्र में पहुंचने के लिए काफी जद्दोजहद करनी पड़ रही थी, जिससे दुर्घटनाएं होना आम बात हो गई थी। इन समस्याओं को देखते हुए यूनियन ने गेट को खुलवाने का निर्णय लिया।

यूनियन ने वरिष्ठ अधिकारियों से कई बैठकों के माध्यम से गेट खोलने की मांग की और अपनी बात को सामने रखा। इस कड़ी में सीजीएम सेफ्टी प्रवीण कुमार भल्ला, सीजीएम सर्विसेस पीके सरकार, सीजीएम संदीप माथुर, सीईडी के वरिष्ठ अधिकारी और सीआईएसएफ के अधिकारियों से मिलकर यूनियन ने अपनी समस्याएं उठाईं। इसके अलावा, संयंत्र के नए ईडी ऑपरेशन राकेश कुमार और संयंत्र प्रमुख अनिर्बान दास गुप्ता से भी इस मुद्दे पर चर्चा की।

यूनियन के उप महासचिव विमल कांत पांडे ने कला मंदिर में आयोजित लार्ज ग्रुप इंटरेक्शन बैठक में खुर्सीपार गेट खोलने की मांग की। बैठक के बाद डायरेक्टर इंचार्ज ने गेट खोलने पर सहमति जताई। हालांकि, गेट पिछले 25 सालों से बंद पड़ा था, जिससे यह जंग लगा और खराब हो चुका था। इसे खोलने के लिए मरम्मत का काम जरूरी था, जिसे यूनियन ने सीईडी विभाग से संपर्क करके करवाया। इसके अलावा, गेट के आसपास बड़े गड्ढों को भी मरम्मत कराया गया।

अब जब गेट खोल दिया गया है, तो कर्मचारियों को आने-जाने में बड़ी राहत मिलेगी। पहले इस गेट से एक ही रास्ते से कर्मचारी आना-जाना करते थे, जिससे सुरक्षा संबंधित समस्याएं उत्पन्न होती थीं। गेट खुलने से रोलिंग मिल एरिया में कार्य करने वाले कर्मचारियों और ठेका श्रमिकों के लिए सुरक्षा और सुविधाएं बेहतर हो गई हैं।

इस कार्य में यूनियन के अध्यक्ष उज्जवल दत्ता, विमल कुमार पांडे, शिव बहादुर सिंह, दिलेश्वर राव, मनोज डडसेना, सुरेश सिंह, अमित बर्मन, लूमेश कुमार, प्रदीप सिग, संदीप सिंह, कृष्णमूर्ति, नितिन कश्यप, राजकुमार समेत कई अन्य कर्मचारियों ने अपनी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। गेट खुलने से अब रोलिंग मिल, मर्चेंट मिल, वायर रोड मिल, प्रोपेन प्लांट, बीआरएम, यूआरएम और एसएमएस 3 में काम करने वाले लगभग 5000 कर्मचारी और ठेका श्रमिक सुरक्षित रूप से आना-जाना कर सकेंगे।