Officer dismissed
कोरबा। मनरेगा के कार्यो में करोड़ों रूपये के भ्रष्टाचार के मामले में कलेक्टर ने बड़ा एक्शन लिया है। बताया जा रहा है कि कार्यक्रम अधिकारी ने अपने अधिकार क्षेत्र से बाहर जाकर मनरेगा की योजना में फर्जीवाड़ा कर करीब 4.20 करोड़े रूपये का भुगतान जारी कर दिया था। जांच में हुए इस खुलासे और पुष्ट सबूत के बाद कार्यक्रम अधिकारी के संतोषप्रद जवाब नही मिलने पर कलेक्टर अजीत वसंत ने दोषी कार्यक्रम अधिकारी को तत्काल प्रभाव से बर्खास्त कर दिया है।

जानकारी के मुताबिक पूरा मामला पोड़ी उपरोड़ा विकासखंड का है। बताया जा रहा है कि यहां कार्यक्रम अधिकारी के पद पर पदस्थ एम.आर.कर्मवीर इस भ्रष्टाचार को अंजाम दिया गया। पिछले लंबे समय से पोड़ी उपरोड़ा में पदस्थ रहने के दौरान कर्मवीर ने मनरेगा के कार्यों में जमकर न केवल घालमेल किया, बल्कि अपने अधिकार क्षेत्र से बाहर जाकर पैसों का आहरण भी किया गया। उनके कार्यों को लेकर कई तरह की शिकायतें रहीं।
आपको बता दे पोड़ी उपरोड़ा जनपद में पदस्थ तत्कालीन जनपद सीईओं भुनेश्वर सिंह राज जो कि अभी डीएमएफ घोटाला मामले में सलाखों के पीछे हैं, इनकी पदस्थापना के दौरान भी कर्मवीर ने काफी भ्रष्टाचार कर आर्थिक अनियमितता को अंजाम दिया गया। बताया जा रहा है कि जनपद सीईओं और कार्यक्रम अधिकारी के संयुक्त हस्ताक्षर से मनरेगा की राशि जारी हुआ करती थी। इस बीच जब सीईओं भुवनेश्वर राज का तबादला हो गया और उनके स्थान पर राधेश्याम मिर्झा पोड़ी उपरोड़ा के सीईओं बनाकर भेजे गए।

तब मिर्झा के कार्यकाल में कार्यक्रम अधिकारी कर्मवीर ने तबादला के बाद जा चुके भुनेश्वर राज के डिजिटल सिग्नेचर और अपने हस्ताक्षर का इस्तेमाल कर मनरेगा की राशि जारी की गई। इसकी जानकारी जब सीईओं मिर्झा को हुई, तो उन्होंने इस पर जांच बैठा दी। कर्मवीर ने इस पूरे प्रकरण से बचने के लिए अपना तबादला पोड़ी से कटघोरा करा लिया गया। लेकिन विभाग की जांच जारी रही।
जांच कमेटी ने कर्मवीर के भ्रष्टाचार का लेखा-जोखा खोल जब खंगालना शुरू किया, तब कई चैकाने वाली जानकारियों के साथ ही करोड़ों रूपये के अनाधिकृत भुगतान की जानकारी सामने आयी। इस मामले में जांच उपरांत प्रतिवेदन के आधार पर कार्यक्रम अधिकारी कर्मवीर को कारण बताओ नोटिस जारी कर दो बार जवाब मांगा गया। लेकिन दोनों बार दिया गया जवाब संतोषजनक नहीं पाये जाने पर कलेक्टर ने तत्काल प्रभाव से बर्खास्तगी की कार्रवाई की है।
जांच में हुए ये अहम खुलासे….
जॉच टीम ने पाया कि एम.आर. करमवीर ने 12 सितम्बर 2022 से 07 नवम्बर 2022 तक भुनेश्वर राज के डिजिटल सिग्नेचर का उपयोग किया गया। इसकी जानकारी जनपद के मौजूदा सीईओं रहे मिर्झा और पूर्व सीईओं राज दोनों के बिना संज्ञान में लाये मजदूरी मद में 4 करोड़ 20 लाख 49 हजार 571 रुपए, सामग्री मद में 9 लाख 84 हजार 320 रुपये, प्रशासकीय मद में 33 लाख 04 हजार 548 रुपए और अर्द्धकुशल मजदूरी मद में 7 लाख 11 हजार 046 रुपए का भुगतान किया गया है। जिसमें से मजदूरी मद के रूपये 4 करोड़ 20 लाख 49 हजार 571 का भुगतान बिना नस्ती के संधारण किये एवं सीईओं से बिना अनुशंसा के किया गया।