CG – बागेश्वर धाम के दरबार में मुस्लिम युवती सहित क्रिश्चियन परिवार ने अपनाया हिंदू धर्म… इसके पहले महाराज पंडित धीरेंद्र शास्त्री के ऊपर लगा था अंधविश्वास फैलाने का आरोप

रायपुर। छत्तीसगढ में इन दिनों धर्मांतरण का मुद्दा गरमाया हुआ है। जहां बीजेपी-कांग्रेस इस मुद्दे को लेकर एक दूसरे पर आरोप- प्रत्यारोप लगा रहे हैं, तो वहीं रायपुर के गुढ़ीयारी में श्रीराम कथा कह रहे बागेश्वर धाम के के दरबार में एक मुस्लिम युवती ने हिंदू धर्म अपनाने की घोषणा की।

मामला है रायपुर के गुढ़ियारी का दही हांडी लूट मैदान का। शनिवार को आचार्य धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री के दिव्य दरबार का यहां दूसरा दिन था। आचार्य बारी-बारी भक्तों का नाम लेकर उन्हें मंच पर बुलाते और पर्ची पर समस्या के साथ समाधान भी लिख बताते। ये सिलसिला सुबह 10 बजे से लगातार चल रहा था। यह कोई दोपहर 1 बजे होंगे। दरबार समाप्ति की घोषणा होने ही वाली थी कि आचार्य को ओडिशा से आए 4 लोगों के बारे में बताया गया। इन चारों ने क्रिश्चियन धर्म अपना लिया था और अब वे हिंदू धर्म में वापस आना चाहते हैं। इतना सुनना था कि भीड़ के बीच उत्साह से जय-जय श्रीराम गूंज उठा।

आचार्य ने उन्हें मंच पर बुलाकर पूछा, दरबार के किसी कार्यकर्ता ने तुमसे संपर्क किया था? क्या किसी दबाव में आकर हिंदू धर्म अपना रहे हो? उन्होंने जवाब दिया नहीं, तो आचार्य ने सभी के मस्तक पर चंदन लगाकर घर वापसी कराई। श्रीरामकथा के बाद शाम को होने वाली आरती भी इन्हीं से करवाने का ऐलान कर दिया। इसके बाद वे विश्राम के लिए जा ही रहे थे कि एक मुस्लिम महिला भी मंच पर आ गई। उसने अपना नाम सुल्ताना बताया। कहा, मुझे भी हिंदू बनना है। मंच पर ही रोते-बिलखते हुए उसने अपनी सारी समस्या कह डाली। उसने बताया कि वह मूर्ति पूजा करती है, इसलिए उसका घर-परिवार उसे छोड़ चुका है। महाराज ने कहा कि तुम्हारा भी हिंदू धर्म में स्वागत है। चिंता की कोई बात नहीं। इस देश का हर हिंदू तुम्हारा भाई है। कोई हो न हो, मैं तो हूं ही। इस तरह दिव्य दरबार में शनिवार को 5 लोगों की घर वापसी हुई।

आचार्य ने शुक्रवार को दिव्य दरबार की शुरुआत की थी। तब उन्होंने कुछ ही भक्तों की अर्जी सुनी थी और नेशनल मीडिया के सामने दरबार की शक्ति का परीक्षण करवाया। इसके चलते बहुत से भक्तों की अर्जी नहीं सुनी जा सकी। तब उन्होंने कहा था कि शनिवार को चार घंटे का दरबार लगेगा और संभव हुआ तो रविवार को भी दरबार लगेगा। शनिवार को उन्होंने 4 घंटे का दरबार लगाया, लेकिन रविवार को दरबार की मनाही भी कर दी। यानी अब 23 सोमवार तक केवल श्रीरामकथा होगी। आचार्य ने शुक्रवार को दिव्य दरबार की शुरुआत की थी।

तब उन्होंने कुछ ही भक्तों की अर्जी सुनी थी और नेशनल मीडिया के सामने दरबार की शक्ति का परीक्षण करवाया। इसके चलते बहुत से भक्तों की अर्जी नहीं सुनी जा सकी। तब उन्होंने कहा था कि शनिवार को चार घंटे का दरबार लगेगा और संभव हुआ तो रविवार को भी दरबार लगेगा। शनिवार को उन्होंने 4 घंटे का दरबार लगाया, लेकिन रविवार को दरबार की मनाही भी कर दी। यानी अब 23 सोमवार तक केवल श्रीरामकथा होगी।

शनिवार को दिव्य दरबार में एक मुस्लिम महिला ने मंच से ही धर्म परिवर्तन की करने बात कही। लेकिन, ये इतना आसान भी नहीं है। नियमों के मुताबिक कोई भी धार्मिक पुजारी या कोई भी व्यक्ति जो धर्मांतरण का आयोजन करना चाहता है, उसे उस जिले के जिला मजिस्ट्रेट को फॉर्म सी में पहले सूचना देनी होगी। जिला मजिस्ट्रेट अगर इस बात से संतुष्ट हैं कि धर्मांतरण मर्जी से किया गया है और बिना किसी गलत बयानी के, बल प्रयोग, धमकी, अनुचित प्रभाव, जबरदस्ती, प्रलोभन या किसी धोखाधड़ी के माध्यम से या शादी या शादी के लिए किया गया है, तो इस आशय का एक प्रमाण पत्र जारी करेगा। जिलाधिकारी के आदेश पारित करने के बाद यदि किसी को आपत्ति है तो वह 30 दिनों के अंदर मंडलायुक्त से अपील कर सकता है।

ओडिशा से आए क्रिश्चियन के साथ एक युवक था। परिवारवालों ने बताया कि वह हमारा बच्चा है। काफी दिनों से बीमार है। उन्होंने आचार्य से विनती की कि उसे ठीक कर दें। इस पर आचार्य ने कहा कि बच्चा ठीक होगा या नहीं? ये तो बालाजी सरकार के ऊपर है। क्या बच्चा ठीक नहीं होगा तो आप हिंदू धर्म फिर छोड़ देंगे? इस पर परिवार ने कहा कि नहीं। हम हिंदू धर्म में ही रहेंगे। इसके बाद एक बार फिर पूरा स्थान जय-जय श्रीराम के जयकारों से गूंज उठा।

इसके पूर्व पंडित शास्त्री ने कहा था कि छत्तीसगढ़ में बड़े पैमाने पर धर्मांतरण हुए हैं। इस पर पलटवार करते हुए मंत्री कवासी लखमा ने कहा कि यदि धीरेंद्र शास्त्री इस बात को सिद्ध कर दें तो मैं अपने मंत्री पद से इस्तीफा दे दूंगा और या तो महाराज अपनी पंडिताई छोड़ दें। वे मेरे साथ बस्तर चलें और 2 दिन में दिखा दें कि कहां पर धर्म परिवर्तन हुआ है।

लगा था अंधविश्वास फैलाने का आरोप
वहीं नागपुर में अंधश्रद्धा निर्मूलन समिति के संस्थापक श्याम मानव ने आरोप लगाया था कि महाराज अंधविश्वास फैला रहे हैं। आरोप लगाया कि मेरी चुनौती के दो दिन पहले ही महाराज यहां से भाग गए। इस चुनौती का जवाब देते हुए धीरेंद्र शास्त्री ने रायपुर में प्रेस कांफ्रेंस में कहा कि वो चुनौती को स्वीकार करते हैं। नागपुर के तथाकथित आरोप लगाने वाले लोगों का रायपुर में स्वागत है। मैं दिव्य दरबार में जवाब दूंगा। महाराज ने कहा कि पाखंडियों के मुंह पर बागेश्वर महाराज ठठरी बांधेंगे। वे सनातन धर्म की अलख जगाने आए हैं। धर्मांतरण को लगातार रोक रहे हैं। सनातन धर्म को आगे बढ़ाने के लिए लगातार कार्य कर रहे है।

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