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30 साल के बैंक मैनेजर की हार्ट अटैक से मौत: 10 दिन पहले हुई थी शादी…RSS के विभाग संचालक व व्यापारी के घर में पसरा शोक

30 साल के बैंक मैनेजर की हार्ट अटैक से मौत: 10 दिन पहले हुई थी शादी…RSS के विभाग संचालक व व्यापारी के घर में पसरा शोक

भिलाई। 30 साल की उम्र में हार्ट अटैक…। ये सुनकर अजीब लगता है। भला इस उम्र में कोई हार्ट अटैक आता है क्या? लेकिन आजकल युवाओं में हार्ट अटैक के मामले बढ़ रहे हैं। खानपान से लेकर रहन-सहन और दिनचर्या में जो बदलाव हुए हैं, उससे अटैक के मामले बढ़ गए हैं। 30 साल के सौरभ ताम्रकार की हार्ट अटैक से कल मौत हो गई। राजनांदगांव जिले के गंडई के रहने वाले सौरभ के पिता राजेश ताम्रकार RSS में विभाग संचालक हैं। वहीं गंडई के प्रतिष्ठित व्यापारी है। सौरभ के निधन से सब स्तब्ध है। सौरभ एक्सिस बैंक में मैनेजर थे। 10 दिन पहले ही उनकी शादी हुई थी।

जानकारी के मुताबिक, बीती रात सौरभ को हार्ट अटैक आया। इलाके के स्थानीय अस्पताल में भर्ती कराया था। गंभीर स्थिति को देखते उसे रायपुर रिफर किया गया। जहां इलाज के दौरान उसकी मौत हो गई। परिजनों से मिली जानकारी के अनुसार सोमवार सुबह सौरभ ताम्रकार के सीने में अचानक दर्द हुआ।

जब दर्द कम नहीं हुआ तो बैचेन सौरभ को इलाज के लिए सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र गंडई भर्ती कराया गया। यहां प्राथमिक उपचार के बाद उसे रायपुर रिफर कर दिया गया। यहां इलाज के दौरान उसकी मौत हो गई।

कोविड के बाद दिल के रोग बढ़ गए…
कोविड-19 के बाद सबसे बड़ी समस्या दिल के रोगों की उभरकर आई है। दुनियाभर में एक-तिहाई लोगों की मौत दिल से जुड़े बीमारियों की वजह से हो रही है। 60 वर्ष के बाद तो कैंसर या अन्य गंभीर रोग की तुलना में दिल का रोग होने की संभावना दो से तीन गुना बढ़ जाती है।

पिछले कुछ समय से दिल के रोगियों में सिर्फ बुजुर्ग ही नहीं बल्कि युवा भी शामिल हो गए हैं। कोविड-19 के बाद दिल के रोगियों में 14% तक बढ़ोतरी हुई है और इनमें ज्यादातर युवा ही हैं। वह भी महज 30 से 40 साल के।

छत्तीसगढ़ के हार्ट स्पेशलिस्ट डॉ. जयराम अय्यर की माने तो इन दिनों युवाओं में भी हार्ट अटैक आना सामान्य हो चला है। आंकड़ों की बात करें तो शहरों में दिल से बीमार लोगों की संख्या 14% तक बढ़ी है। टेक्नोलॉजी और दवाओं में तो हमने तरक्की की है पर कम उम्र में हाई ब्लडप्रेशर और हार्ट अटैक्स को कम नहीं कर सके हैं।

पिछले एक साल में कोविड-19 से रिकवरी के बाद मरीजों में हल्की, मध्यम और बड़े आकार के खून के थक्के हमने युवाओं के शरीर में देखे हैं। इसकी वजह यह थी कि कोविड इन्फेक्शन प्रोथ्रोम्बोटिक, प्रो-इन्फ्लेमेटरी, इम्युनोजेनिक है। यानी कहीं न कहीं यह इम्यूनिटी पर असर डालता है और खून के थक्के जमने की प्रक्रिया को मदद करता है।

इसी वजह से कोविड से रिकवरी के बाद ऐसे लोगों में हार्ट अटैक का खतरा बढ़ा, जो- मोटे हैं, स्मोकिंग करते हैं, हाइपरटेंसिव हैं या जिनकी सुस्त जीवनशैली की वजह से कोलेस्ट्रॉल का लेवल हाई है या ऐसे लोग जो स्ट्रेस के हाई लेवल के साथ जी रहे हैं।

दिल के रोगों से बचने के लिए युवाओं को क्या करना चाहिए?
– फिजिकल और मेंटल फिटनेस बेहद अहम हो गई है। हेल्दी विकल्पों के साथ लाइफस्टाइल का ऑप्टिमाइजेशन बेहद जरूरी है। यह बचपन से ही होना चाहिए। एक ऐसा समय भी आएगा जब हमें दिल की बीमारियों से हटकर हार्ट वेलनेस पर सोचना शुरू करना होगा।

– दिल को सुकून और आराम देने वाली कसरत- जैसे कि रोज 30 मिनट पैदल चलना, जॉगिंग, स्विमिंग और साइकिलिंग अच्छी कसरत है। इससे दिल को आराम मिलता है। अगर आप दिल के रोगी हैं तो वेट लिफ्टिंग या पुश अप्स से बचें।

– जिम्नेशियम में डॉक्टर की निगरानी में एक्सरसाइज और डाइट प्रोटोकॉल होना चाहिए। योग और ध्यान से शारीरिक और मानसिक आराम को बढ़ावा देना चाहिए। योग की सभी 8 बातों का ध्यान रखना चाहिए- यम (क्या करें, क्या न करें), नियम (आत्म-अनुशासन), आसन (मुद्राएं), प्राणायाम (श्वसन क्रियाएं), प्रतिहार (विचार), धरना (एकाग्रता), ध्यान (आध्यात्मिक चिंतन), समाधि ( श्रेष्ठता)।


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