रिसाली। रिसाली नगर निगम में सफाई ठेका निरस्त कर दिया गया है। पीवी रमन द्वारा झूठा शपथ पत्र प्रस्तुत कर सफाई ठेका लेने का आरोप सही पाया गया। रिसाली महापौर शशि सिन्हा की अध्यक्षता वाली परिषद ने सफाई ठेका अंतत: निरस्त कर दिया। उक्त निर्णय आयुक्त आशीष देवांगन द्वारा गठित जांच टीम के प्रतिवेदन के आधार पर लिया गया।
रिसाली निगम के सफाई ठेका पर सामान्य सभा में पार्षद धर्मेंद्र भगत के द्वारा प्रश्न लगाने पर और इस पर बहस की गई थी जिस पर आज मंगलवार को महापौर परिषद के सद्स्यों ने मामले का पटाक्षेप कर दिया। जांच प्रतिवेदन से स्पष्ट हुआ कि सफाई ठेका लेने ठेकेदार पी.वी.रमन ने अपने शपथ पत्र में इस बात का उल्लेख नहीं किया है कि उसका नाम धमतरी निगम ने काली सूची में शामिल किया है।
महापौर परिषद के सद्स्यों ने इसे गंभीर आरोप मानते हुए ठेका ही निरस्त कर दिया। यह विपक्षी पार्षद धर्मेंद्र भगत व विपक्ष की बहुत बड़ी जीत है जिसमें पार्षद धर्मेंद्र भगत ने इस मुद्दे पर सदन में बहुत हंगामा किया था जिसके बाद आज शहर सरकार को इस ठेका कंपनी का टेंडर निरस्त करना पड़ा।
झूठा शपथ पत्र प्रस्तुत करने के मामले को महापौर परिषद के सद्स्यों ने गंभीर माना। परिषद के सद्स्यों ने कहा कि ठेकेदार ने निगम प्रशासन को गुमराह कर ठेका हासिल किया है। जानकारी छिपाने और झूठा शपथ पत्र देने के मामले में अपराध दर्ज कराया जाए।