दुर्ग में शिक्षकों के लिए बूट कैंप का आयोजन… नवाचार और उद्यमिता पर विशेष प्रशिक्षण

दुर्ग। छत्रपति शिवाजी इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी, दुर्ग में 22 और 23 नवंबर को दो दिवसीय बूट कैंप का आयोजन किया गया। इस बूट कैंप का उद्देश्य स्कूल शिक्षकों में नवाचार, डिजाइन और उद्यमिता के कौशल को बढ़ावा देना है। यह कार्यक्रम शिक्षा मंत्रालय, एआईसीटीई और शिक्षा मंत्रालय की इनोवेशन सेल (MIC), भारत सरकार के सहयोग से आयोजित किया गया।

इस कार्यक्रम में लगभग 200 पीएमश्री स्कूलों के शिक्षक भाग लेंगे। बूट कैंप के दौरान प्रतिभागियों को डिजाइन थिंकिंग, व्यापार मॉडलिंग और उद्यमिता योजना जैसे विषयों पर प्रशिक्षण दिया जाएगा। कार्यक्रम का शुभारंभ डॉ. एलनगोवन करियप्पन, असिस्टेंट इनोवेशन डायरेक्टर, मिनिस्ट्री ऑफ एजुकेशन, भारत सरकार द्वारा किया गया। इसके बाद डॉ. श्री अभय जरे, वाइस चेयरमैन, एआईसीटीई और डॉ. श्री बिश्वजीत साहा, सीबीएसई के डायरेक्टर ने संबोधन किया।

इस बूट कैंप में विभिन्न संभागों से शिक्षक और प्राचार्य उपस्थित हुए, जिनमें दुर्ग, रायपुर, सरगुजा, बस्तर और बिलासपुर संभाग से आए शिक्षक शामिल थे। शिक्षकगण को वाधवानी फाउंडेशन के श्री विशाल नायर द्वारा प्रशिक्षण दिया गया। कार्यक्रम के मुख्य अतिथि राजेश कुमार सिंग, उपसंचालक (समग्र शिक्षा), छत्तीसगढ़, आनंदसिवराज आर, नोडल सेंटर (सीएसआईटी, दुर्ग), आसिम काल्टा, क्षेत्रीय कोऑर्डिनेटर, स्कूल इनोवेशन काउंसिल, भारत सरकार, और अन्य गणमान्य व्यक्ति उपस्थित थे।

सीएसआईटी के चेयरमैन श्री अजय प्रकाश वर्मा ने भारत सरकार और राज्य सरकार की इस पहल की सराहना करते हुए कहा कि इस प्रकार के प्रशिक्षण कार्यक्रम आने वाली पीढ़ी के लिए एक नई दिशा प्रदान करेंगे। यह बूट कैंप शिक्षकों को स्कूल स्तर पर नवाचार को प्रोत्साहित करने और तकनीकी कौशल को बढ़ाने में मदद करेगा, जिससे शिक्षा क्षेत्र में सुधार की दिशा में कदम उठाए जा सकेंगे।