कांकेर। छत्तीसगढ़ के कांकेर जिले में स्थित शिवनगर दत्तक ग्रहण केंद्र में मासूम बच्चों की पिटाई के मामले में कलेक्टर डॉ प्रियंका शुक्ला द्वारा जिला बाल संरक्षण अधिकारी (संविदा) रीना लारिया की सेवा समाप्त कर दी गई है। बच्चों से मारपीट मामले में पुलिस ने प्रोग्राम मैनेजर को गिरफ्तार किया था। वहीं महिला और बाल विकास अधिकारी चंद्रशेखर मिश्रा और सचिव पोषण चंद्राकर को सस्पेंड कर दिया गया था।
उल्लेखनीय है कि प्रतिज्ञा विकास संस्थान दुर्ग द्वारा जिला मुख्यालय कांकेर में संचालित विशेषीकृत दत्तक ग्रहण अभिकरण संस्था के विरुद्ध बच्चों के साथ यातना एवं दुर्व्यवहार की शिकायत पाये जाने पर संचालनालय, महिला एवं बाल विकास विभाग की संयुक्त टीम द्वारा 4 जून 2023 को दत्तक ग्रहण अभिकरण का औचक निरीक्षण किया गया।
निरीक्षण में संस्था के विरुद्ध प्राप्त शिकायत की पुष्टि हुई है। घटना के संबंध में जांच दल द्वारा प्रस्तुत प्रतिवेदन में रीना लारिया के कथन अनुसार विशेषीकृत दत्तक ग्रहण अभिकरण संस्था में बच्चों के साथ हुए दुर्व्यवहार की जानकारी होने की स्वीकारोक्ति है। उसके बावजूद भी कार्रवाई हेतु वरिष्ठतम अधिकारियों को सूचित नहीं करना उसके पदीय दायित्वों को स्पष्ट रूप से परिलक्षित करता है। घटना के संबंध में जारी कारण बताओ नोटिस के जवाब में रीना लारिया द्वारा प्रस्तुत जवाब समाधान कारक नहीं पाया गया एवं उनके द्वारा कर्तव्यों के निर्वहन में घोर लापरवाही बरती गई।
जिला बाल संरक्षण अधिकारी रीना लारिया (संविदा) के विरुद्ध 30 मई 2023 को भी एक शिकायत प्राप्त हुई थी। इस सम्बन्ध में 05 जून 2023 को कार्यालय मुख्यमंत्री निवास, छत्तीसगढ़ शासन से भी जांच हेतु पत्र प्राप्त हुआ था, जिसमें वर्णित शिकायत अनुसार महिला एवं बाल विकास विभाग के पूर्व कर्मचारी (संविदा) द्वारा तत्कालीन पद से त्याग पत्र देने के बाद भी वर्ष 2022-23 का कार्यालयीन रोकड़-बही का संधारण किया गया है। शिकायत के सन्दर्भ में कलेक्टर कार्यालय द्वारा जांच समिति बनाई गई थी। समिति से प्राप्त जांच प्रतिवेदन में रीना लारिया एवं पूर्व कर्मचारी (संविदा) द्वारा दिये गये कथनों से शिकायत की पुष्टि होती है। उपरोक्त कारणों से रीना लारिया, जिला बाल संरक्षण अधिकारी (संविदा) की सेवा कलेक्टर द्वारा समाप्त कर दी गई है।
ये है पूरा मामला
शिवनगर दत्तक ग्रहण केंद्र का एक वीडियो सामने सामने आया था। जिसमें यहां की प्रोग्राम मैनेजर सीमा द्विवेदी क्रूरता से मासूमों को पीटती दिखाई दी थीं। इस वीडियो में महिला पहले एक बच्चे की पिटाई करती है और फिर दूसरी बच्ची को भी पीटने लगती है। ये घटना कुछ महीने पहले की है।
सामने आए वीडियो में साफ दिख रहा था कि सीमा द्विवेदी ने बच्ची को पहले हाथ से मारा, फिर बाल पकड़कर जमीन पर पटक दिया। जमीन पर गिरी बच्ची को दोबारा खड़ा किया और फिर बांह पकड़कर पलंग पर पटक दिया। बच्ची चीखती-चिल्लाती है, रोने लगती है, लेकिन मैनेजर को तरस आना तो दूर, वो उसकी और पिटाई करती रहती है। दो आया वहां से गुजरती हैं, लेकिन किसी की हिम्मत नहीं होती कि बच्चों के साथ हो रही बर्बरता को रोक सके।
जब ये सब हो रहा था, उसी बीच एक दूसरी बच्ची वहां पहुंच गई, तो मैनेजर महिला उसे पास बुलाकर सवाल-जवाब करने लगती है। फिर बाल पकड़कर उसकी भी पिटाई शुरू कर देती है। बच्ची गिरती है, तो उसे उठाकर पलंग पर लिटाकर पीटती है। इसके बाद भी मैनेजर का गुस्सा शांत नहीं होता है, तो वह दोनों से गालीगलौज करने लगती है।
यहां काम करने वालों ने दबी जुबान में बताया था कि यह दृश्य दत्तक ग्रहण केंद्र में आम है। बच्चे डरे-सहमे रहते हैं। किसी कर्मचारी ने विरोध किया, ताे उसे बिना किसी कारण काम से हटा दिया गया है। निकाले गए सभी कर्मचारियों की सूची बनाकर जांच की जाए तो दत्तक ग्रहण के अंदर चल रही यातना का पूरा सच सामने आ जाएगा।