बिलासपुर। स्वास्थ्य मंत्री श्याम बिहारी जायसवाल सोमवार को बिलासपुर प्रवास पर रहे। इस दौरान उन्होंने स्वास्थ्य विभाग की समीक्षा बैठक ली। सिम्स के सभा कक्ष में आयोजित बैठक में बिलासपुर विधायक अमर अग्रवाल, बिल्हा विधायक धरमलाल कौशिक, बेलतारा विधायक सुशांत शुक्ला और तखतपुर विधायक धर्मजीत सिंह शामिल हुए। अस्पताल की अव्यवस्था देखकर स्वास्थ्य मंत्री श्याम बिहारी जायसवाल ने नाराजगी जताई। साथ ही छत्तीसगढ़ आयुर्विज्ञान संस्थान (CIMS) के डीन और एमएस को सस्पेंड कर दिया है। दोनों पर तत्काल कार्रवाई करने का निर्देश दिया है।
दरअसल, स्वास्थ्य मंत्री जायसवाल आज बिलासपुर सिम्स की अधिशाषी समिति की बैठक में शामिल होने पहुंचे थे। इससे पहले उन्होंने अस्पताल का निरीक्षण किया। इस दौरान मरीजों को हो रही परेशानी और सिम्स प्रबंधन की कार्यशैली देखकर वे नाराज हो गए। लापरवाही बरतने पर डीन डॉ. के.के. सहारे और एम.एस. डॉ. एस.के.नायक को सस्पेंड करने के दिए निर्देश
स्वास्थ्य मंत्री ने चिकित्सकों और सिम्स स्टाफ को सेवा भाव से काम करने की सलाह दी। स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि विष्णुदेव साय की सरकार सुशासन की पक्षधर, गरीब जनता का हित सर्वोपरि है।
आज स्वास्थ्य मंत्री जयसवाल सिम्स अस्पताल दौरे पर पहुंचे थे । उनके साथ स्वास्थ्य अपर मुख्य सचिव मनोज पिंगुआ, आयुक्त चिकित्सा शिक्षा किरण कौशल,संचालक स्वास्थ्य सुविधाएं ऋतुराज रघुवंशी,एमडी सीजीएमएससी पद्मिनी भोई, एनएचएम के एमडी जगदीश सोनकर भी साथ थे। उन्होंने सिम्स के विस्तार के रूप में बन रहे कोनी के मल्टी स्पेशलिटी हॉस्पिटल के लिए 31 अक्टूबर 2024 तक निर्माण, खरीदी और भर्ती कार्य पूर्ण करने के निर्देश दिए, ताकि राज्य स्थापना सप्ताह के दौरान इसका लोकार्पण किया जा सके। उन्होंने अस्पताल भवन एवं अब तक उपलब्ध की गई सुविधाओं का अवलोकन किया।
200 करोड रुपए की लागत से बन रहे अस्पताल में 240 बेड की सुविधा है। इसमें 6 विभाग होंगे एवं बीमारियों का इलाज किया जाएगा। इसके अंदर कैंसर इंस्टिट्यूट के लिए 700 करोड रुपए की स्वीकृति प्रदान की गई है। कार्यों की समीक्षा के दौरान सिम्स मेडिकल कॉलेज के डीन केके सहारे और अधीक्षक एसके नायक को वित्तीय अनियमितता और कार्यों में लापरवाही के चलते निलंबित करने के निर्देश स्वास्थ्य मंत्री ने दिए है।
स्वास्थ्य मंत्री सिम्स की अधिशासी समिति की बैठक में भी शामिल हुए थे। इस दौरान उन्होंने सिम्स प्रबंधन की कार्यशैली से नाराज होते हुए प्रबंधन को फटकार लगाई। लापरवाही बरतने पर नाराज होकर उन्होंने डीन डॉक्टर केके सहारे और एमएस डॉक्टर एसके नायक को निलंबित कर दिया।