धनतेरस की शाम मुख्यमंत्री भूपेश ने गोल बाजार में की शॉपिंग: CM ने कुम्हारों से खरीदे मिट्टी के उत्पाद…विकास उपाध्याय, एजाज ढेबर और कुलदीप जुनेजा भी रहें मौजूद; देखिए तसवीरें

रायपुर। दिवाली को लेकर पुरे देश में उमंग और हर्ष का माहौल है। माता लक्ष्मी की पूजा अर्चना की जोरों शोरों से तैयारियां की जा रही है। आज धनतेरस के अवसर पर बाजारों में खूब रौनक हैं।इसी कड़ी में छत्तीसगढ़ के मुखिया भूपेश बघेल ने धनतेरस की शाम रायपुर के गोल बाजार में दिवाली की खरीदारी की।

मुख्यमंत्री ने दीवाली मनाने के लिए गोल बाजार में स्थानीय कुम्हारों से मिट्टी के दीये, मटकी, गणेश, लक्ष्मी और सरस्वती की मिट्टी की बनी मूर्ति, ग्वालिन की मूर्ति, मिठाईयां और लाखे नगर स्थित हिन्द स्पोर्टिंग मैदान में लगे फटाका दुकाने से फटाखे खरीदे। इस दौरान संसदीय सचिव विकास उपाध्याय, महापौर एजाज ढेबर, विधायक कुलदीप जुनेजा उनके साथ थे।

मुख्यमंत्री ने छत्तीसगढ़िया उत्पाद को प्रमोट करने के उद्देश्य से प्रदेशवासियों से स्थानीय स्तर पर तैयार सामग्री खरीदने की अपील की। उन्होंने लोगों को धनतेरस और दीपावली पर्व की बधाई और शुभकामनाएं दी। मुख्यमंत्री ने लोगों से दीपावली पर्व पर मिट्टी के दीप जला कर अपने घर-आंगन को रौशन करने अपील की।

मुख्यमंत्री बघेल ने कहा कि छत्तीसगढ़ सरकार द्वारा परंपरागत व्यवसाय, हस्तशिल्प एवं कला को बढ़ावा दिया जा रहा हैं, ताकि इससे जुड़े परिवारों की आर्थिक स्थिति बेहतर हो और वह भी तरक्की करें। छत्तीसगढ़ में हजारों कुम्हार परिवार अपने परंपरागत पेशे से जुड़े हुए है और मिट्टी विभिन्न प्रकार के बर्तन और सामग्री तैयार कर अपना जीवनयापन कर रहे हैं। ऐसी स्थिति में हम सबका यह दायित्व है कि हम उनके व्यवसाय को आगे बढ़ाने में सहयोग करें तथा उनके द्वारा निर्मित मिट्टी के सामग्री क्रय कर उनके व्यवसाय को प्रोत्साहित करें।

मुख्यमंत्री ने कहा है कि मिट्टी के दीये हमारे कुम्भकार बंधुओं द्वारा बड़ी ही लगन और मेहनत से इस आशा के साथ तैयार किए जाते है कि दीपावली के अवसर पर लोग उनके दीये खरीदेंगे और दीवाली में जलायेंगे। मिट्टी के दीया खरीदने से कुम्भकार बंधुओं की मेहनत का प्रतिफल उन्हें मिलेगा और हम सबके सहयोग से उनकी दीवाली भी धूम-धाम से मनेगी।

दीपावली का त्यौहार कुम्भकार बंधुओं के लिए बड़ी ही उम्मीदों वाला होता है। कुम्हार बंधुओं की त्यौहार की खुशियां उनके द्वारा निर्मित मिट्टी के बर्तन व दीये की बिक्री पर निर्भर होती है। समाज के सभी वर्ग के लोग दीपावली का त्यौहार खुशी-खुशी मनाये इसलिए जरूरी है कि हम सब स्थानीय उद्यमियों एवं हस्तशिल्पियों द्वारा तैयार की गई सामग्री को खरीदें और उनका ज्यादा से ज्यादा उपयोग करें।

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