रायपुर। छत्तीसगढ़ में बीते एक महीने से ज्यादा समय से बर्खास्त B.Ed डिग्रीधारी सहायक शिक्षक प्रदर्शन कर रहे है। बीती रात जब प्रदर्शकारियों ने अपनी मांगों को लेकर सड़क में चक्काजाम किया। तो पुलिस की बर्बरता भी सामने आई। आचार संहिता लगने से पहले इस मामले में मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने बड़ा बयान दिया है। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार भी नहीं चाहती कि इन शिक्षकों की नौकरी जाए, लेकिन उनकी बहाली के लिए प्रक्रिया और नियमों का पालन करना होगा। इसके लिए मुख्यमंत्री सचिवालय की अध्यक्षता में एक समिति बनाई गई है, जो अपनी सिफारिशों के बाद सरकार को निर्णय लेने में मदद करेगी।

हाईकोर्ट के आदेश पर बर्खास्त हुए शिक्षक
ज्ञात हो कि छत्तीसगढ़ के 2,897 सहायक शिक्षकों को हाईकोर्ट के आदेश के बाद बर्खास्त कर दिया गया था। इन शिक्षकों की नौकरी करीब 12 से 16 महीने तक चली थी। अब ये शिक्षक अपनी नौकरी की बहाली के लिए पिछले एक महीने से प्रदर्शन कर रहे हैं। रविवार को रायपुर के तेलीबांधा (मरीन ड्राइव) में इन शिक्षकों ने अपनी बहाली की मांग को लेकर सरकार के खिलाफ नारेबाजी की। पुलिस ने प्रदर्शनकारियों को सड़क से हटाया, जिसके दौरान कुछ महिला शिक्षक बेहोश हो गईं।

महिला शिक्षकों के आरोप और पुलिस का बयान
महिला शिक्षकों ने पुलिस पर आरोप लगाया कि उन्हें बिना वजह अपमानित किया गया और कुछ मामलों में बैड टच भी किया गया। वहीं, पुलिस ने कहा कि कानून-व्यवस्था बनाए रखने के लिए यह कदम उठाया गया था और उन्हें किसी भी प्रकार का शारीरिक नुकसान नहीं पहुंचाया गया।

मंत्री बंगला का घेराव भी किया
शनिवार को बर्खास्त शिक्षकों ने मंत्री ओपी चौधरी के बंगले का घेराव किया था। वे समायोजन की मांग को लेकर अनिश्चितकालीन आंदोलन पर बैठे थे। सुबह 5 बजे वे मंत्री के बंगले पहुंचे और गेट के बाहर नारेबाजी की। जब प्रदर्शनकारी नहीं उठे, तो पुलिस ने उन्हें जबरन हटाया और गिरफ्तार किया। बर्खास्त शिक्षक ने ऐलान किया है कि जब तक उनकी नौकरी की बहाली नहीं होती, तब तक उनका आंदोलन जारी रहेगा।
