रिसाली में भू-माफियाओं की दिलेरी तो देखिए: पार्क-ईडब्ल्यूएस की जमीन ही बेच दी…पार्षद मनीष यादव ने की कमिश्नर से कंप्लेन, जांच के बाद कार्रवाई की मांग

भिलाई। जमीन के मामलों में सरकारी सिस्टम किस तरह काम कर रहा है, वो आपको इस केस में नजर आए। ईडब्ल्यूएस और पार्क के लिए रिजर्व जमीन को भू-माफियाओं ने बेच दिया। वह भी सरकारी संरक्षण में। अब इसकी शिकायत भाजपा पार्षद मनीष यादव ने की है। जब शिकायत की गई तो चौंकाने वाले खुलासे हुए। इस मामले को निगम की सामान्य सभा में पार्षद मनीष यादव ने उठाया था। बावजूद निगम ने कोई कार्रवाई नहीं की। नतीजा यह हुआ कि जिस व्यक्ति ने पार्क की जमीन खरीदा है, वह इसे रातोंरात जमीन का सीमांकन करवाकर भू माफिया के जरिए किसी अन्य को बेचने की जुगत में था। लोगों को जानकारी होने के बाद यहां पंचनामा तैयार किया गया।


पार्षद मनीष यादव ने बताया कि, पार्क व ईब्ल्यूएस की जमीन की खरीद परोख्त का खेल भू माफिया के सांठगांठ से चल रहा है। टाउन एंड कंट्री प्लानि रायपुर में जमीन का ब्लू प्रिंट रहता है। माफिया इस ब्लू प्रिंट को निकलवाकर बल्यूएस की जमीन की रजिस्ट्री करवा दे रहे है। जबकि स्पूवल ले आउट में यह जमीन ईब्ल्यूएस की दर्शाई गई है लेकिन ब्लू प्रिंट में यह सुधार नहीं हो पाता जिसका फायदा उठाकर और खरीदवार को धोखे में रखकर रजिस्ट्री करवा दी जाती है।


आपको बता दें कि, ईडब्ल्यूएस की जमीन पर सार्वजनिक पार्क निर्माण के लिए बकायदा तत्कालीन मंत्री रमशीला साहू ने भूमिपूजन भी किया था। इस भूमिपूजन का बोर्ड भी अब तक लगा है। जिसमें वर्ष 2018 में पार्क के लिए भूमिपूजन हुआ है। इस जमीन की खरीद फरोख्त का मामले की शिकायत रिसाली निगम गठन के बाद की गई। स्थानीय पार्षद मनीष यादव ने लिखित शिकायत की लेकिन न ही आयुक्त ने और न की सत्ता पक्ष के पार्षदों ने इस मामले में दिलचस्पी दिखाई।

प्रकरण को आप ऐसे समझें…
रिसाली वार्ड क्रमांक 25 के अंतर्गत खसरा नंबर 420/ 8/ 29 29 0,046 हेक्टेयर ईब्ल्यूएस की जमीन है। इस जमीन को मूलचंद साहू नामक व्यक्ति को बेच दिया गया है। जबकि यहां का वर्ष 1989 को ले आउट है। जिसमें इंब्ल्यूएस की जमीन दर्शाया गया है। रिसाली वार्ड क्रमांक 25 के अंतर्गत खसरा नंबर 435 है। यहां चार लोगों को ब्ल्यूएस की जमीन बेच दी गई है। यह स्वराजगोपाल व विवेकानंद मार्ग के बीच स्थित है। लोगों ने रिसाली निगम गठन से पूर्व मिलाई नगर निगम से भवन निर्माण के लिए परमिशन भी ले लिया था। जिसे रिसाली निगम बनने के बाद स्थानीय पार्षद के शिकायत के बाद रुकवाई गई।

ईब्ल्यूएस जमीन को खरीद परोख्त में मिलीभगत का ऐसा नमूना में जमीन सीमांकन व पंचनामा के दौरान देखने मिला। गुरुवार को खसरा नंबर 420 के सीमांकन के आवेदन लगाने वाले क्रेता मूलचंद साहू नहीं उपस्थित हुए। राजस्व विभाग के अधिकारियों के समक्ष जमीन दलाल खड़े हुए मिले जो उन्हें फोन लगाकर बुलाते रहे।

मनीष यादव ने कहा कि, अधिकारियों की मिलीभगत से यह सब चल रहा है। रिसाली निगम क्षेत्र में इंब्ल्यूएस की जमीन खरीदने वाले धोखाधड़ी का शिकार हुए है। ऐसे लोगों को धोखे में रखकर लोगों ने दलालो के माध्यम से जमीन बेच दी। जिसकी वजह से लाखों रुपए खरीदारों के फंस गए है। लोगों की राय है कि इंक्ल्यूएस की जमीन को चिह्नांकित कर निगम वहां सूचना बोर्ड लगाएं ताकि खरीदने वाले लोग सचेत रह सके। इस दौरान राकेश सिसोदिया, बीजू आर, राजेंद्र सिंह, डॉक्टर वाधवानी अमित जैन, बी आर साहू सुरेश कुमार, सीएल शर्मा सोमिला पांडे, गिरीश कुमार एवं वार्डवासी मौजूद थे।

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