इंजीनियरिंग छात्रों को मिलने वाली है बड़ी राहत: फीस को लेकर CSVTU में मचे बवाल के बाद निर्णय…कम होने वाली है फीस, NSUI ने की कुलपति से मुलाकात…

भिलाई। फीस बढ़ोतरी को लेकर एनएसयूआई के छात्र संगठन ने शुक्रवार को छतीसगढ़ स्वामी विवेकानंद तकनीकी विश्वविद्यालय (CSVTU) का घेराव किया। छात्रों ने बढ़ी हुई फीस को वापस करने की मांग को लेकर विश्वविद्यालय प्रबंधन के खिलाफ नारेबाजी की। इसके बाद सीएसवीटीयू के वीसी डॉ. एमके वर्मा और 10 छात्रों के डेलीगेट्स के साथ लगभग 1घंटे की वार्ता हुई।वार्ता के दौरान निर्णय लिया गया कि विश्वविद्यालय छात्रों से कम फीस लेगा और उस कम फीस की प्रतिपूर्ति के लिए शासन को पत्र लिखेगा।

दुर्ग जिला NSUI के तत्वावधान में व NSUI के राष्ट्रीय संयोजक आशीष यादव के नेतृत्व में छत्तीसगढ़ के तकनीकी विश्वविद्यालय, छतीसगढ़ स्वामी विवेकानंद तकनीकी विश्वविद्यालय (CSVTU) का घेराव किया गया। घेराव के दौरान उन्होंने आरोप लगाया कि 16 मार्च को विश्वविद्यालय ने एक आदेश निकाला था। उस आदेश में नामांकन शुल्क एवं अन्य शुल्क के नाम पर विद्यार्थियों से अतरिक्त फीस वसूल किए जाने का जिक्र था।

एनएसयूआई के प्रदेश महासचिव आकाश कनोजिया ने बताया कि विश्वविद्यालय ने विद्यार्थियों से यूनिवर्सिटी डेवलोपमेन्ट फीस के नाम पर 500 रुपए प्रति वर्ष, सेंट्रल लाइब्रेरी, ई-लाइब्रेरी के नाम पर 2000 रुपए प्रति वर्ष और ट्रेनिंग एवं प्लेसमनेट के नाम पर 125 रुपए प्रति वर्ष फीस लेने का आदेश निकाला है। यह फीस जमा करने के लिए छात्रों के ऊपर दबाव बनाया जा रहा है। विश्वविद्यालय के इस आदेश का NSUI विरोध करता है। छात्र हित की आवाज उठाते हुए एनएसयूआई ने दूसरी बार विश्वविद्यालय का घेराव किया है। इस विरोध प्रदर्शन में विभिन्न कॉलेज के सैकड़ो छात्र-छात्राओं ने भाग लिया।

विरोध प्रर्दर्शन में मुख्य रूप से NSUI प्रदेश संयुक्तमहासचिव आकाश कनोजिया, प्रदेश प्रवक्ता आकाश यादव, पूर्व विधानसभा अध्यक्ष गुरुमुख मैहरा, पूर्व विधासभा ग्रामीण अध्यक्ष सुरेंद्र बाघमारे, राहुल मिश्रा, विशेष गौतम, अमन सोनी, आयुष झा, शिवम तोमर, फतेह सिंग, कारण वैष्णव आदि प्रमुख रूप से मौजूद रहे।

क्षतिपूर्ति के आधार पर फीस कम करने पर बनी सहमति:-
एनएसयूआई के छात्रों ने 2 घंटे तक नारे-बाजी कर विश्वविद्यालय का घेराव किया गया। इसके बाद वहां के कुलपति एमके वर्मा ने छात्र नेताओं से बात करके शुल्क को कुछ कम करने की मांग को माना। उन्होंने कहा कि डेवलपमेंट शुल्क, एनरोलमेंट शुल्क और लाइब्रेरी शुल्क को कम करने का अधिकार उनके पास नहीं है। वह छात्रों से 2000 की जगह 200 रुपए लाईब्रेरी फीस व अन्य फीस में भी कमी करके फीस लेंगे। इसके बाद कम ली गई फीस की क्षतिपूर्ति के लिए शासन को पत्र लिखेंगे।

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