शिवांग मर्डर केस में बड़ा खुलासा: गले में रस्सी का फंदा लगाकर की गई थी हत्या…किडनैपिंग के बाद 30 लाख रुपए फिरौती लेने का था प्लान, पूर्व पंच निकला मास्टरमाइंड, पढ़िए पूरी कहानी

सीमांत कश्यप@ भिलाई। दुर्ग पुलिस ने शिवांग चंद्राकर मर्डर केस का खुलासा किया है। पुलिस ने बताया है कि, आरोपियों ने हत्या साक्ष्य छुपाने बैग, जैकेट, और लोवर को झरझरा पुलिया के पास जला दिया था। पुलिस की 06 टीमें इस मामले की जांच में लगी थी। इस हाई प्रोफाईल मर्डर मिस्ट्री को सुलझाने मे पुलिस को 65 दिन लगे।

– अपहरण कर 30 लाख रूपये फिरौती लेने का वा प्लान पुलिस के ज्यादा सक्रिय होने के कारण फिरौती लेने का प्लान बदल दिया। महंगे कपड़े और वित्तासता पूर्ण जीवन की चाह में दिया था घटना को दिया था।

– घटना को अंजाम चंदखुरी गांव का पूर्व पंच निकला मास्टर मांइड एक लाख से कर्जे में था डूबा था।

– मास्टर माइंड अशोक देशमुख सहित तीन आरोपी गिरफ्तार, अशोक देशमुख पंच चुनाव हारने व रेगहा की जमीन को लेकर हुए विवाद को लेकर रखता था रंजिश।

– आरोपी की पतासाजी मे करीब 500 लोगों से हुई पूछताछ व 200 सीसीटीवी कैमरे खंगाले गये।


पूरा मामला क्या है, यह जानिए…

07.12.2021 को दीपराज चंद्राकर पिता स्व0 बालगुकुंद चंद्राकर साकिन ग्राम विद्युत नगर पद्मनाभपुर दुर्ग के द्वारा थाना पुलगांव उपस्थित आकर रिपोर्ट दर्ज कराई गई की उसका भांजा शिवांग चंद्राकर दिनांक 06.12.2021 को चंदखुरी स्थित अपनी बाड़ी से शाम करीब 7:30 बजे अपने घर गरीदा जाने हेतु अपनी बाइक से निकला था। जो कि अभी तक अपने घर नहीं पहुंचा है कि रिपोर्ट पर गुम इंसान क0 70/2021 दर्ज किया गया।

गुमशुदगी की सूचना पर की पतासाजी की जा रही थी। गुमशुदा के पता तलाश के हर संभव प्रयास किये जा रहे थे कि इसी दौरान दिनांक 05.01.2022 को गुमशुदा के बड़े भाई धर्मेश चंद्राकर के द्वारा थाना पुलगांव में सूचना दी गई कि झरझरा पुल के पास चंदखुरी भाठा के हरीश साहू के खेत में हार्वेस्टर के चबके से बने गहूढे में मानव खोपडी, घडी, कपड़ा व अन्य हड्डिया बिखरी पड़ी है कि सूचना दी गई.

उक्त सूचना से तत्काल वरिष्ठ अधिकारीयों को अवगत कराया गया सूचना तस्दीक हेतु मौके पर जाकर देखने पर आस-पास मानव शरीर की हड्डिया, मानव खोपडी, कपड़े, व एक टाईमेक्स कंपनी की घडी पड़ी मिली.

एक्त सनसनीखेज सूचना मिलने पर मौके पर तत्काल पुलिस महानिरीक्षक दुर्ग रेंज दुर्ग ओ.पी.पाल, वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक बी. एन. मीणा, अति.पुलिस अधीक्षक (शहर) संजय ध्रुव, अति. पुलिस अधीक्षक (ग्रामीण) अनंत साहू, नगर पुलिस अधीक्षक जितेन्द्र यादव (भा.पु. से.) उप पुलिस अधीक्षक अभिषेक झा, उप पुलिस अधीक्षक (काईम) नसर सिद्दीकी उपस्थित आये मौके पर फोरेसिक विशेषज्ञ मोहन पटेल, व अन्य चिकित्सा विशेषज्ञों की उपस्थिती में घटना स्थल का वरिष्ठ अधिकारीयो के निर्देशन मे सूक्ष्मता से निरीक्षण किया गया।

मौके पर मिली टाईमेक्स कंपनी की घड़ी की पहचान कराए जाने पर गुमशुदा के भाई धर्मेश चंद्राकर के द्वारा गुमशुदा के द्वारा पहने जाने वाली पडी होना बताया गया। घटना स्थल पर आसपास मानव खोपडी, निचला जबडा एवं अन्य हड्डिया आस-पास बिखरी पड़ी थी गढ़ढे के पास अत्यंत गंध युक्त कुछ कपडे चमडीया, बाल, आदि मिले जिन्हें वरिष्ठ वैज्ञानिक के निर्देश पर परीक्षण हेतु संकलित कर सुरक्षित किया। गया.

रक्षित केन्द्र से पुलिस बल बुलाकर घटना स्थल के आस पास के डेढ़ से 2 किमी के क्षेत्र में खोजबीन कराई गई उक्त गंभीर घटना को गंभीरता से लेते हुए उपरोक्त उपस्थित वरिष्ठ अधिकारियों के निर्देशन एवं मार्गदर्शन में नगर पुलिस अधीक्षक दुर्ग, उप पुलिस अधीक्षक क्राईम एवं थाना प्रभारी पुलगांव के नेतृत्व में थाना पुलगांव सिविल टीम नगर पुलिस अधीक्षक सिवित टीम, व सायबर सेल की संयुक्त विशेष टीम गठित कर टीम को पता साजी हेतु लगाया गया टीम के द्वारा गुमशुदा के पारिवारीक संबंधो, व्यक्तिगत संबंधो, व्यावसायिक संबंधों, मित्रो, गांव के लोगो के साथ संबंधो, सभी बिन्दुओं पर जानकारी एकत्र की गई जिससे प्रथम दृष्टया मामला अपहरण से संबंधित होने का लग रहा था।

टीम के द्वारा गुनशुदा के आने जाने के सभी संभावित रास्तो एवं चंदखुरी पहुच मार्ग के सभी रास्तों पर उपलब्ध तकरीबन 200 स्थानों से सीसीटीवी फुटेज एकत्र कर उनका सूक्ष्मता से अवलोकन किया गया गुमशुदा एवं गुमशुदा से संबंधित सभी व्यक्तियो के मोबाईल नंबरो का तकनीकी रूप से विश्लेषण किया गया।

गुमशुदा से संबंधित व ग्रामीणों को गिलाकर करीब 1500 लोगों से पृथ्व पृथक पूछताछ कर आवश्यक जरूरी जानकारी जुटाई गई टीम द्वारा घटना के बाद से लगातार प्राप्त जानकारी के आधार पर विशेष सूत्र भी लगाये गये थे। झरझरा पुल के पास मिले मानव खोपडी, बगल व अन्य हड्डीयों के आधार पर गुमशुदा की पहचान सुनिश्चत करने हेतु गुमशुदा के माता-पिता के रक्त के नमूने लेकर राज्य फोरेंसिक साइंस लेबोरेटरी रायपुर भेजकर रिपोर्ट प्राप्त की गई जिससे अवशेष के गुमशुदा शिवांग चंद्राकर के होने की पुष्टि हुई। जिससे थाना पुलगांव में अपराध 4016/2022 धारा 364क, 365,201, 120बी, 302 भादवि का पंजीबद्ध कर मर्ग क्रमांक 02/2022 की डायरी सम्मिलित कर विवेचना में लिया गया टीम द्वारा लगातार मेहनत एवं लगन से आरोपीयो की पता साजी हेतु प्रयास किये जा रहे थे।

इसी दौरान विशेष सूत्रों से ज्ञात हुआ कि कैनालपारा चंदखुरी निवासी विक्की देशमुख शिवांग के अपहरण व हत्या से संबंधित चर्चा कहीं किया है कि जानकारी पर विक्की देशमुख के संबंध में विस्तृत जानकारी जुटाकर उससे संबंधित संदिग्ध व्यक्तियो अशोक देशमुख व बसंत कुमार साहू पर सतत् निगाह रखी गई जिससे टीम को जानकारी मिली कि विक्की देशमुख से पूर्व में मृतक शिवांग के बड़े भाई धर्मेश ने किसी बात को लेकर मारपीट की थी।

वहीं अशोक देशमुख से किसी ज़मीन के रेगहा को लेकर मृतक के परिवार से विवाद हुआ था इन बातों को लेकर इनके बीच रंजिश बनी हुई थी सूचना की पुष्टि होन पर संदेही विक्की देशमुख को पकड़कर पूछताछ करने पर प्रारंभिक पूछताछ में पुलिस को गुमराह करता रहा किंतु वरिष्ठ अधिकारियों के निर्देशन में सतत् एवं तथ्यात्मक पूछताछ करने पर आरोपी विक्की देशमुख के द्वारा अपना अपराध स्वीकार करते हुए बताया गया कि आज से करीब दो से ढाई महिने पूर्व दोस्त अशोक देशमुख, बसंत कुमार साहू के साथ मिलकर शिवांग चंद्राकर का अपहरण कर उसके घर वालों से फिरौती की रकम 30 लाख रुपए लेकर उसकी हत्या कर शव को झरझरा पुलिस के पास हरीश साहू के खेत में हार्वेस्टर के चक्के से बने गढ्ढे मे गड़ा देने की योजना बनाई थी।

योजना बनाने के बाद इनके द्वारा लगातार शिवांग चंद्राकर के गतिविधी व आने जाने के समय पर निगाह रखी जा रही थी। उसी आधार पर तीनों ने मिलकर दिनांक 06.12.2021 को शाम 7:00 बजे से योजनानुसार शिवांग चंद्राकर के जाने के समय छिपकर इंतजार कर रहे थे अशोक देशमुख अपनी मो०सा० को पंप हाउस के पास खड़ी कर रोड पर ही इंतेजार कर रहा था।

विक्की और बसंत साहू नहर नाली में छुपे हुए थे जैसे ही 7:30 बजे के करीब शिवांग चंद्राकर अपनी मो०सा० मे फार्म हाउस के तरफ से आया वैसे ही रोड़ पर खड़े अशोक देशमुख ने उसे रुकवाकर केनालपारा तक छोड़ने के लिए कहा और उसके मोठसा० के पीछे बैठ गया और बैठते ही दोनों हाथों से उसे कसकर पकड़ लिया और नहर नाली में छिपे विक्की और बसंत भी दौड़ते हुए आये और अपने पास रखे जानवर बाधने की नायलोन की रस्सी को शिवांग के गले में लपेटकर बांध दिये आवाज करने से पकड़े जाने के डर से रस्सी को खिचकर करा दिये जिससे गला छूट जाने से मौके पर ही शिवांग की मृत्यु हो गई।

उसी समय चंदखुरी केनालपारा के तरफ से किसी की बाइक आता हुआ दिखाई दिया जिससे डर कर तीनों गिलकर मृतक शिवांग चंद्राकर के शब्द को उठा कर नहर नाली में छिपा दिये और खुद भी छुप गये आने वाले गाड़ी में व्यक्ति कुछ देर शिवांग के बाइक के पास रुका और उसके फार्म हाउस के तरफ चला गया और की देशमुख शिवा के गो०सा० को नदी रोड के तरफ आगे कुछ दूरी पर ले जाकर परिया में खड़ी कर दिया और वापस आ गया।

इसी बीच अशोक देशमुख अपनी कार को लेकर अपने घर से आया और तीनों मिलकर शिवांग चंद्राकर को उठाकर अशोक देशमुख के गाड़ी के डिग्गी में डाल दिए। अशीक कार को लेकर शव को दफनाने के पहले से निश्चित किये गये स्थान झरझरा पुल के पास पहुंच गया।

विक्की और बसंत बाइक से पीछे पीछे गये शव को तीनों गिलकर गाड़ी से उतार कर हार्वेस्टर के चक्के से बने गढ्ढे में डाल दिये और मिट्टी पैरा व पत्थर से ढक दिये शिवांग चंद्राकर के पैटशर्टबै को झरझरा पुलिया के पास अशोक जला दिये उसके बाद घटना मे प्रयुक्त नायलोन रस्सी मृतक का हेलमेट व मोबाईल को बसंत साहू डोगिया तालाब में फेंक दिया है।

घटना में प्रयुक्त पत्थर व मृतक की चप्पल को विक्की आस-पास के खेत में फेंक दिया है। आरोपी का गवाहो की उपस्थिती में विस्तृत मेमोरेडम कथन लेख कर अन्य आरोपीयो बसंत साहू, अशोक देशमुख को भी पकडकर पृथक-पृथक पूछताछ किया गया जिन्होंने आरोपी विक्की देशमुख के कथन की पुष्टि करते हुए तीनो साथ मिलकर योजना बनाकर मृतक शिवांग चंद्राकर की हत्या का अपराध स्वीकार किये आरोपियों की निशान देही पर घटना में प्रयुक्त कार, • बाइक, नायलोन रस्सी, पत्थर, तथा मृतक से संबंधित चप्पल, रस्सी, कपडे, च जले हुए अवशेष जप्त किया गया आरोपियों को विधिवत गिरप्तार कर अग्रीम कार्यवाही थाना पुलगांव से की जा रही है।

नाम आरोपीगण

1. अशोक देशमुख पिता रामनारायण देशमुख उम्र 31 वर्ष, साकिन ग्राम केनालपारा चन्दखुरी, थाना पुलगांव, जिला दुर्ग

2. विक्की उर्फ मोनू देशमुख पिता स्व. दुर्गा प्रसाद उम्र 20 वर्ष, साकिन ग्राम केनालपारा

थाना पुलगांव, जिला दुर्ग

3. बसंत कुमार साहू पिता बालाराम साहू उम्र 24 वर्ष, साकिन ग्राम केनाल पारा चन्दखुरी, थाना पुलगांव, जिला दुर्ग

उक्त कार्यवाही में गुरजीत सिंह, उप पुलिस अधीक्षक, यातायात, निरीक्षक, नरेश पटेल, गौरव तिवारी, रमेश चन्द्रा, रक्षित निरीक्षक, उप निरीक्षक डुलेश्वर सिंह चन्द्रवंशी, सउनि अजय सिंह, राधेलाल वर्मा, नरेन्द्र सिंह राजपूत, पूर्ण बहादुर, शमित मिश्रा, प्र.आर संतोष मिश्रा, चन्द्रशेखर बंजीर, आरक्षक जावेद खान, प्रदीप सिंह, जगजीत सिंग, तिलेश्वर राठौर, धीरेन्द्र यादव, चित्रसेन साहू, केशव साहू, अलाउद्दीन, हीरामन साहू, पाण्डेय, गोह, शमीम खान, अनूप शर्मा, शाहबाज खान, पन्नेलाल, संतोष गुप्ता, जुगनू सिंह, उपेन्द्र यादव, पंकज चतुर्वेदी, शोभित सिंहा की भूमिका उल्लेखनीय रही।

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