रांची। विधानसभा चुनाव की घोषणा के बाद राज्य में आदर्श आचार संहित लागू है। इसी कड़ी में चुनाव आयोग (ECI) ने झारखंड सरकार को निर्देश दिया है कि वह पुलिस महानिदेशक अनुराग गुप्ता को तत्काल प्रभाव से कार्यकारी पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) के पद से हटा दे। आयोग ने कहा है कि गुप्ता की जगह विभाग में मौजूद सबसे वरिष्ठ डीजीपी स्तर के अधिकारी को जिम्मेदारी सौंपा जाए।
क्यों लिया गया यह फैसला?
सूत्रों के अनुसार, अनुराग गुप्ता के खिलाफ कई शिकायतें दर्ज की गई हैं, खासकर पिछले चुनावों के दौरान। यह निर्णय राज्य में विधानसभा चुनावों की तैयारियों के बीच लिया गया है, जो 13 और 20 नवंबर को दो चरणों में होने वाले हैं। पहले चरण की नामांकन प्रक्रिया पहले ही शुरू हो चुकी है।
2019 के आम चुनाव में झारखंड मुक्ति मोर्चा (झामुमो) ने गुप्ता पर पक्षपातपूर्ण आचरण का आरोप लगाया था। इसके बाद उन्हें झारखंड के अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक (विशेष शाखा) के पद से हटा दिया गया था और दिल्ली में रेजिडेंट कमिश्नर के कार्यालय में तैनात किया गया था। चुनाव प्रक्रिया के पूरा होने तक उनके झारखंड लौटने पर रोक लगा दी गई थी।
गुप्ता पर 2016 के राज्यसभा उपचुनाव के दौरान भी पद के दुरुपयोग के आरोप लगे थे। तब आयोग ने उनके खिलाफ जांच समिति का गठन किया था, जिसके नतीजों के आधार पर उन्हें विभागीय जांच का सामना करना पड़ा। 2018 में जगन्नाथपुर थाने में उनके खिलाफ प्राथमिकी भी दर्ज की गई थी। 2021 में झारखंड की झामुमो सरकार ने भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम, 1988 की धारा 17 (ए) के तहत उनके खिलाफ जांच की अनुमति दी थी।