प्रसिद्ध रंगकर्मी-निर्देशक मिर्जा मसूद का निधन, आकाशवाणी में लंबे समय तक रहे उद्घोषक, राज्य सरकार ने चक्रधर और चिन्हारी सम्मान से किया था सम्मानित

रायपुर. छत्तीसगढ़ के मशहूर रंग निर्देशक मिर्जा मसूद का निधन रात 3 बजे हुआ. उन्होंने 82 साल की उम्र में अंतिम सांसें ली. मिर्जा मसूद लंबे समय से बीमार थे. वे परिवार के साथ इंदौर में रह रहे थे. उन्होंने आकाशवाणी में उद्घोषक के रूप में अपना लम्बा करियर बिताया और रंगमंच के लिए अपना पूरा जीवन समर्पित कर दिया. उनके निधन पर कला और पत्रकारिता जगत में शोक की लहर है. का माहौल है.

80 साल की उम्र के बाद भी थेियेटर के लिए रहे समर्पित

मिर्ज़ा मसूद का जन्म 3 अप्रैल को 1942 को हुआ था। उन्होंने बाल कलाकार के रूप में अपने करियर की शुरुआत की। उन्होंने स्कूल और कॉलेज में कई नाटक किए। सार्वजनिक मंचों पर अभिनय किया। हबीब तनवीर के निर्देशन में 1973 में रायपुर में आयोजित अखिल भारतीय नाच वर्कशॉप में भागीदारी रही। छत्तीसगढ़ राज्य शासन का चक्रधर सम्मान और चिन्हारी सम्मान सहित दिल्ली के राष्ट्रीय नाट्य विद्यालय में भी विशेष सम्मान प्राप्त मिर्जा मसूद 80 साल की उम्र पार करने के बाद भी थेियेटर के लिए समर्पित रहे। कई नाटक लिखे और उन्होंंने 80 से अधिक नाटकों का निर्देश किया। अंधा युग, हरिश्चन्द्र की लड़ाई, गोदान, शहंशाह इडिपस , सैया भये कोतवाल, विक्रम सैन्धव, जायज़ हत्यारे जैसे सैकड़ों नाटक का निर्देशन किया।

युवाओं को सिखाई रंगमंच और अभिनय की बारीकियां

मिर्जा मसूद ने लंबे समय तक इंटरनेशनल और हिंदी ब्रॉडकास्ट कमेंटेटर के रूप में भी काम किया। फर्स्ट एशिया कप हॉकी प्रतियोगिता पाकिस्तान, पंचम विश्व कप हॉकी प्रतियोगिता बम्बई, दिल्ली एशियाड 1982, चैंपियन ट्रॉफी कराची पाकिस्तान दक्षिण कोरिया सियोल ओलंपिक 1988 और राष्ट्रीय खेल प्रतियोगिताओं में हिंदी कमेंटेटर की भूमिका निभाई। उन्होंने अवंतिका -रंग सर्जन का मंच, कौशल नाट्य अकादमी और रायपुर नट मंडल की स्थापना की और लगातार युवाओं को रंगमंच और अभिनय की बारीकियां सिखाई।