कांच का टुकड़ा ढूंढ़ते-ढूंढ़ते मिला कैंसर, हाइटेक हॉस्पिटल में आमाशय के कैंसर की सफल सर्जरी…

भिलाई। 52 वर्षीय एक व्यक्ति को यह भ्रम हो गया था कि वह कांच का टुकड़ा निगल गया है। पर उसे कोई तकलीफ नहीं थी। वह तो केवल यह जानने के लिए हाइटेक सुपरस्पेशालिटी हॉस्पिटल पहुंचा था कि कांच का वह टुकड़ा अभी भी पेट में है या निकल गया। मरीज की एंडोस्कोपी करने पर उसके पेट में एक छाला मिला। सैम्पल जांचने के बाद उसके कैंसर होने की पुष्टि हुई।

हाइटेक सुपरस्पेशालिटी हॉस्पिटल के गैस्ट्रोएंटरोलॉजिस्ट डॉ आशीष कुमार देवांगन ने बताया कि मरीज 2 मई को अस्पताल पहुंचा था। उसे कोई तकलीफ नहीं थी बस मन में खटका लगा हुआ था। पेट में गए कांच के टुकड़े के अपने आप निकलने का तो सवाल ही नहीं पैदा होता था। वस्तुस्थिति का पता लगाने के लिए हमने उसकी एंडोस्कोपिक जांच की। जांच में देखा गया कि उसके आमाशय में एक छाला है। छाले का आकार प्रकार देखकर संदेह होने पर उसका सैम्पल निकालकर टेस्ट हुआ। शंका सही निकली।वह कैंसर ही था जो आरंभिक चरण में था।

मरीज को स्थिति की जानकारी देने के बाद गैस्ट्रो सर्जन डॉ नवील शर्मा के साथ केस डिस्कस किया गया। कैंसर को वहीं खत्म करने के लिए तत्काल सर्जरी की जरूरत थी। रोगी की अनुमित लेकर डॉ नवील शर्मा ने 5 मई को उसकी सर्जरी कर दी। सर्जरी लगभग 4 घंटे तक चली। इसमें आमाशय के रोगी हिस्से को एक अच्छे मार्जिन के साथ निकाल दिया गया। मरीज अब स्वस्थ है। सर्जरी के एक सप्ताह बाद 13 मई को मरीज को छुट्टी दे दी गई।

डॉ आशीष देवांगन ने बताया कि इस तरह के वाकये सामने आते रहते हैं जब किसी और बीमारी की जांच के दौरान किसी नई बीमारी का पता चलता है। पेट के छाले अकसर बिना कोई तकलीफ दिए गुपचुप फैलते रहते हैं। समय पर पकड़ में आ जाए तो अधिकांश रोगों का प्रभावी इलाज संभव है। इसलिए 45 से अधिक उम्र के लोगों को समय समय पर अपने स्वास्थ्य की जांच करवाते रहना चाहिए।

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