पाटन। स्वामी आत्मानंद अंग्रेजी एवं हिंदी उत्कृष्ट माध्यम विद्यालय घुघुवा क विकासखंड पाटन में गुरु पूर्णिमा के अवसर पर कार्यक्रम आयोजित किया गया। माता सरस्वती की पूजा, वंदना कर गुरुजनों के लिए कविता एवं भाषण एवं सम्मान समारोह आयोजित किया, नन्हें कलाकारों ने चित्र बनाकर लाया और सभी ने अपने अपने गुरुजनों को चित्र देकर आशीर्वाद लिया।

आचार्य राजेश ने कहा – सनातन शास्त्र के अनुसार भगवान शिव ने दक्षिणामूर्ति का रूप धारण किया और ब्रह्मा के चार मानसपुत्रों को वेदों का अंतिम ज्ञान प्रदान किया। महाभारत के रचयिता कृष्ण द्वैपायन व्यास का जन्मदिन भी है। वे संस्कृत के प्रकांड विद्वान थे। उनका एक नाम वेद व्यास भी है। उन्हें आदिगुरु कहा जाता है और उनके सम्मान में गुरु पूर्णिमा को व्यास पूर्णिमा नाम से भी जाना जाता है। तस्मै श्री गुरुवे नमः अर्थात अंधकार को हटाकर प्रकाश की ओर ले जाने वाले को ‘गुरु’ कहा जाता है। प्राचार्य कुसुम लता नारंग, समस्त व्याख्यता, अन्य शिक्षकगण, समस्त छात्र-छात्राएं उपस्थित थे।


