भिलाई, बिलासपुर। भिलाई का बहुचर्चित शृंखला यादव हत्याकांड मामले में बिलासपुर हाईकोर्ट ने सेशन कोर्ट दुर्ग के फैसले को बरक़रार रखा है। गौरतलब है कि, आरोपी पक्ष द्वारा सेशन कोर्ट के निर्णय को हाईकोर्ट में चैंलेज किया गया था। जिसे उच्च न्यायालय ने खारिज कर दिया है। सेशन कोर्ट ने आरोपी को 20 साल की सश्रम कारावास की सजा सुनाई थी।
![](https://bhilaitimes.com/wp-content/uploads/2024/11/ADVT_Saheli-Gandhi-Chowk_Wedding_-25-x-16-cm__page-0001.jpg)
गौरतलब है कि 13 जून 2019 को दोपहर में रिसाली मैत्री नगर की निवासी शृंखला यादव पर ट्यूशन जाते समय हमला किया गया था। आरोप एक कथित नाबालिग पर था। 15 जून को इलाज के दौरान शृंखला ने दम तोड़ दिया था। पुलिस ने मौके से मिले साक्ष्यों के आधार पर एक युवक को गिरफ्तार किया था, लेकिन उसे जमानत मिल गई क्योंकि वह उस समय नाबालिग था। शृंखला की मां, ममता यादव, ने लगातार न्याय की मांग की और मामला बाल न्यायालय से सेशन कोर्ट में भेजा गया। यहां पांच साल तक केस चला। साक्ष्य, गवाह और डीएनए टेस्ट के आधार पर आरोपी को 20 साल की सजा दी गई थी।
![](https://bhilaitimes.com/wp-content/uploads/2024/12/advt_dulhe-sahab.jpg)
सजा सुनाए जाने के बावजूद आरोपी को बाल संप्रेक्षण गृह में रखा गया। ममता यादव ने बाल आयोग में इसकी शिकायत की, और चार महीने बाद आरोपी को दुर्ग सेंट्रल जेल भेजा गया। फिर आरोपी ने हाईकोर्ट में अपील की, लेकिन हाईकोर्ट ने डीएनए टेस्ट को स्वीकार करते हुए सेशन कोर्ट के फैसले को यथावत रखते हुए उसकी अपील खारिज कर दी। इस दौरान शहर में शृंखला यादव के हत्या के आरोपी को सख्त सजा दिलाने के लिए स्वयंसेवी संगठनों और विद्यार्थियों ने कैंडल मार्च भी निकाला था।
![](https://bhilaitimes.com/wp-content/uploads/2024/12/ADVT_MILESTONE.jpg)