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IIT भिलाई के 7 साल पूरे: डायरेक्टर प्रो. मूना बोले- शुरुआती दौर में कई चैलेंजेस आए, अब यहां से पढ़ने वाले छात्र हो रहे सफल

IIT भिलाई के 7 साल पूरे: डायरेक्टर प्रो. मूना बोले- शुरुआती दौर में कई चैलेंजेस आए, अब यहां से पढ़ने वाले छात्र हो रहे सफल

भिलाई। आईआईटी भिलाई ने अपना 7वां स्थापना दिवस हर्षोल्लास और धूमधाम से मनाया। स्थापना दिवस के उपलक्ष्य पर संस्थान को अपनी स्थापना पर विचार करने और अब तक हुए विकास पर विचार करने का अवसर भी प्राप्त हुआ। समारोह की शुरुआत दीप प्रज्ज्वलन के साथ हुई, जिसके बाद सरस्वती वंदना और गणमान्य व्यक्तियों का अभिनंदन किया गया। इस अवसर पर मुख्य अतिथि एम्स (AIIMS) रायपुर के निदेशक प्रो. नितिन एम. नागरकर थे।

  • आईआईटी भिलाई के बोर्ड ऑफ गवर्नर्स के अध्यक्ष के. वेंकटरमणन, विशिष्ट अतिथि के रूप में शामिल हुए।
  • अपने भाषण में आईआईटी भिलाई के निदेशक, प्रो. रजत मूना ने आईआईटी भिलाई की उपलब्धियों और इसकी उल्लेखनीय यात्रा के बारे में बताया।
  • उन्होंने एक नए संस्थान स्थापना में आने वाली शुरुआती बाधाओं और चुनौतियों पर काबू पाने के लिए संकाय सदस्यों और कर्मचारियों के प्रयासों की सराहना की।
  • संस्थान की उपलब्धियों के बीच, उन्होंने उच्च प्लेसमेंट प्रतिशत के बारे में बताया जिसके द्वारा आईआईटी भिलाई के कई पूर्व छात्र अपने क्षेत्रों में सफल हुए हैं। आज संस्थान को अपने 900 छात्रों, अत्याधुनिक उपकरणों और नवीन शिक्षा तकनीकों पर गर्व है।
  • के. वेंकटरमणन ने सामाजिक गतिविधियों और खेलों के महत्व पर प्रकाश डालते हुए दर्शकों को संबोधित किया।
  • उन्होंने आईआईटी भिलाई के साथ एम्स (AIIMS) रायपुर के मध्य हुए समझौता ज्ञापन (MOU) को नवाचार की दिशा में एक महान कदम बताया।
  • उन्होंने यह भी कहा कि स्थापना दिवस वह जब हम अतीत की उपलब्धियों का सम्मान करते हैं।
  • भविष्य की चुनौतियों के लिए खुद को तैयार करते हैं।
  • प्रो. नितिन एम. नागरकर और प्रो. रजत मूना ने गत वर्ष में प्रेस द्वारा प्रकाशित संस्थान की उपलब्धियों पर प्रकाश डालते हुए आईआईटी भिलाई: इन प्रेस पत्रिका का विमोचन किया।
  • उन्होंने गत वर्ष सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करने वाले कर्मचारियों को पुरस्कार से सम्मानित किया।
  • विजेताओं को उनकी कड़ी मेहनत और लगन से कार्य करने के लिए के लिए सराहा गया।
  • संस्थान के सभी सदस्यों को समर्पण भाव के साथ अपने कर्तव्यों का पालन करने के लिए प्रोत्साहित किया गया।
  • लिबरल आर्ट्स विभाग की सहायक प्रोफेसर डॉ. सोनल झा द्वारा धन्यवाद प्रस्ताव प्रस्तुत किया गया और राष्ट्रगान के साथ समारोह का समापन हुआ।

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