मौसम डेस्क। अरब सागर के ऊपर आया चक्रवात ‘बिपारजॉय’ अब तेजी से चक्रवाती तूफान में बदल गया है. मौसम वैज्ञानिकों ने इस चक्रवात के चलते केरल में मॉनसून की धीमी शुरुआत का अनुमान लगाया है. भारत मौसम विज्ञान विभाग (IMD) ने कहा कि पूर्व-मध्य और उससे सटे दक्षिण-पूर्व अरब सागर के ऊपर स्थित चक्रवात ‘बिपोर्जॉय’ के उत्तर की ओर बढ़ने और अगले कुछ घंटों में एक गंभीर चक्रवाती तूफान में बदलने की आशंका है.
मौसम विभाग ने अपने ताजा अपडेट में कहा है कि यह चक्रवाती तूफान अत्यंत भीषण रूप लेगा। अभी यह चक्रवात गोवा के पश्चिमी-दक्षिणपश्चिमी तट से करीब 870 किलोमीटर और मुंबई के दक्षिण पश्चिम तट से 930 किलोमीटर दूर है। विभाग का कहना है कि अगले 48 घंटे में यह और प्रबल होगा और तीन दिनों में यह उत्तर-उत्तरपश्चिम तट के और करीब आएगा।
बता दें कि अरब सागर से उठा इस साल का पहला चक्रवाती तूफान है। आईएमडी का अनुमान है कि इस चक्रवाती तूफान का असर केरल के मानसून पर पड़ सकता है। यह मानसून की चाल धीमी कर सकता है। केरल में मानसून की ‘धीमी’ शुरुआत होने और इसके दक्षिणी प्रायद्वीप के आगे ‘कमजोर’ होने का पूर्वानुमान है।
हालांकि, आईएमडी ने अभी तक भारत, ओमान, ईरान और पाकिस्तान सहित अरब सागर से सटे देशों पर इसके किसी बड़े प्रभाव को लेकर कोई पूर्वानुमान नहीं लगाया है। मौसम का पूर्वानुमान लगाने वाली एजेंसियों ने कहा कि तूफान पहले के आकलन को धता बताते हुए केवल 48 घंटे में एक चक्रवात से गंभीर चक्रवाती तूफान बनने की दिशा में बढ़ रहा है। पर्यावरण संबंधी स्थितियों से संकेत मिलता है कि 12 जून तक बहुत गंभीर चक्रवाती तूफान का रुख रह सकता है।
इन क्षेत्रों में दिखेगा तूफान का असर
मौसम विभाग ने आज इसे लेकर चेतावनी जारी की है. आईएमडी ने बताया कि पूर्व-मध्य अरब सागर के ऊपर बने गहरे दवाब का क्षेत्र अब तूफान का रूप ले चुका है. मौसम विभाग के मुताबिकस इसके कारण 24 घंटे में कोंकण के तटीय इलाके रायगढ़, रत्नागिरी और सिंधुदर्ग के अलावा मुंबई, ठाणे, पालघर में तेज हवाओं के साथ बारिश देखने को मिल सकती है. कोंकण-गोवा-महाराष्ट्र तट पर आठ से 10 जून तक समुद्र में बहुत ऊंची लहरें उठने की संभावना है.
इन्हें किया गया अलर्ट, समुद्र में ना जाने की दी गई सलाह
समुद्र में उतरे मछुआरों को तट पर लौटने की सलाह दी गयी है. आईएमडी ने सोमवार को कहा था कि दक्षिण-पूर्व अरब सागर के ऊपर निम्न दबाव का क्षेत्र बनने और इसके गहरा होने से मानसून का केरल तट की ओर आगमन गंभीर रूप से प्रभावित हो सकता है. हालांकि, मौसम विभाग ने केरल में मानसून के आगमन की संभावित तारीख नहीं बताई. ऐसे में प्रशासन ने सावधानी बरतते हुए मछुवारों को समुद्र में ना जाने की सलाह दी गई है ताकि किसी प्रकार की कोई दुर्घटना ना हो और जान-माल का भी नुकसान ना हो.