दुर्ग। जेसीआई दुर्ग-भिलाई ने जेसी सप्ताह यंगरंग के अंतर्गत रुआबंधा स्थित ज्ञानोदय विद्यालय के बच्चों के लिए छोटी सी आशा नामक अनुदान कार्यक्रम का सफलतापूर्वक आयोजन किया। इस आयोजन के तहत बच्चों को स्टडी टेबल, स्टेशनरी किट और टिफिन बॉक्स प्रदान किए गए। अध्यक्ष योगेश पदमा राठी ने कहा, “हर वर्ष की तरह इस बार भी हमारे सदस्यों ने बच्चों की ज़रूरतें पूरी करने के लिए पूरी उत्साह के साथ योगदान दिया, ताकि वे अपने अध्ययन में बेहतर कर सकें।”
समुदाय के लिए निरंतर योगदान
कार्यक्रम की संचालनकर्ता मेंटर लेडी जेसी नीति बल्लेवार ने कहा, “जेसीआई दुर्ग-भिलाई 2015 से इस विद्यालय के बच्चों की सहायता करती आ रही है, और हम बच्चों के भविष्य को संवारने के लिए प्रतिबद्ध हैं।” कार्यक्रम की मुख्य अतिथि पास्ट चेयरपर्सन लेडी जेसी रुचिका अंशुल जैन ने बच्चों को प्रोत्साहित किया और संस्था के इस योगदान की सराहना की।
खेल और रचनात्मकता के संग
कार्यक्रम प्रभारी लेडी जेसी रुचि जैन और सिंपल राठी ने इस आयोजन को स्पोर्ट्स डे के रूप में आयोजित किया, जिसमें बच्चों के लिए विभिन्न खेलकूद और गतिविधियाँ आयोजित की गईं। बच्चों ने बढ़-चढ़ कर हिस्सा लिया और विजेताओं को प्रशस्ति पत्र देकर सम्मानित किया गया।
लेडी जेसी मोनिका सुरेन्द्र खेतान और लेडी जेसी विकिता मित्तल ने बच्चों के बीच दिया सजाओ प्रतियोगिता का आयोजन किया, जिसमें सभी मेंबर्स ने सजावट के अनुसार दिए खरीदकर बच्चों और उनके माता-पिता को प्रोत्साहित किया।
मनोरंजन और संदेशप्रद शो
जेसी वीक डायरेक्टर छाया आदित्य राठी ने बच्चों के लिए कठपुतली शो का आयोजन किया, जिसे भिलाई के प्रसिद्ध रंगकर्मी श्री विभाष उपाध्याय और उनकी टीम ने प्रस्तुत किया। यह शो मनोरंजन के साथ-साथ संदेशप्रद भी था, जिसे बच्चों ने बड़े उत्साह के साथ देखा।
विशेष सम्मान और सहभागिता
मेंटर जेसी कमलेश राजा ने बच्चों के बीच खेलकूद और डांस परफॉर्मेंस भी आयोजित किया और उन्हें पुरस्कार दिए। कार्यक्रम में पूर्व अध्यक्ष जेसी सुरेंद्र खेतान, जेसी रजनीश जायसवाल, और जेसी प्रणय राखी माहेश्वरी को विशेष रूप से सम्मानित किया गया।
इस अवसर पर जेसी संतोष कुमार, अनिल अरोरा, चंद्रेश राठी, आलोक अग्रवाल, हिमांशु दरवांगन, अंकित मित्तल, नीतेश केडिया, और जेसी प्रांजल हरिहर्णो जैसे सदस्य उपस्थित थे, जिन्होंने कार्यक्रम की सफलता में योगदान दिया। यह जानकारी संस्था के पीआरओ जेसी प्रतीक जैन ने दी है।