BSP हादसे में घायल मजदूर की मौत: 100% झुलस गया था श्रमिक, 15 दिन बाद तोड़ दिया दम…एक अन्य कर्मी भी गंभीर,

भिलाई। बीते 25 अप्रैल को बीएसपी में एक हादसा हुआ था। स्टील मेल्टिंग शाप के कन्वर्टर में आग लगने की वजह से चार ठेका श्रमिक झुलस गए थे। सभी का उपचार बीएसपी के सेक्टर-9 अस्पताल के बर्न वार्ड में चल रहा था। उनमें से एक घायल श्रमिक की मौत आज सुबह-सुबह हो गई। बाकी अन्य श्रमिकों की स्थिति कुछ ठीक नहीं है। हालांकि, सेक्टर-9 अस्पताल प्रबंधन उन्हें बचाने की कोशिश में लगा है।


बीएसपी वर्कर्स यूनियन के प्रेसिडेंट उज्जवल दत्ता ने भिलाई टाइम्स को बताया कि, घायल ठेका श्रमिक रंजीत सिंह की मौत हुई है। वह 100% झुलस गया था। अस्पताल प्रबंधन ने उसे बचाने की काफी कोशिश की लेकिन स्थिति ज्यादा गंभीर होने की वजह से उसे बचा नहीं पाए। बाकी कर्मियों का बेहतर उपचार हो सके। हो सके तो यहां से शिफ्ट भी कर दिया जाए।

क्या हुआ था, 25 अप्रैल को, जानिए
आपको बता दें कि, 25 अप्रैल को SMS के कन्वर्टर में आग लगी थी। हादसे की खबर लगते ही फायर ब्रिगेड की कई गाड़ियां मौके पर पहुंची थी। किसी तरह आग पर काबू पाया जा सका था। बीएसपी के कास्टर नंबर – 6 पर काम करते समय हादसा हुआ था। घटनास्थल और मेन मेडिकल पोस्ट पर बीएसपी के उच्चाधिकारी पहुंच गए थे।

स्टील मेल्टिंग शाप-2 के कास्टर नंबर-6 में मारुती कंस्ट्रक्शन कंपनी का कार्य चल रहा था। तब जानकारी मिली थी कि कास्टर नंबर- 6 पर काम करते समय हादसा हुआ था। झुलसे श्रमिकों में अमित सिंह 80 प्रतिशत, रणजीत सिंह 100 प्रतिशत, राजू टांडी 20 प्रतिशत , रमेश मौर्या 40 प्रतिशत झुलसे थे। इनमें से रंजीत की मौत हो गई। दुर्घटना में चार ठेका श्रमिकों के झुलसने की खबर मिलते ही सांसद विजय बघेल ने बेमेतरा प्रवास से तत्काल फोन कर उनका हाल चाल पूछा था। इस दुखद घटना के लिए चिंता प्रकट की।


सांसद ने हास्पिटल के सीएमओ और बर्न यूनिट के प्रभारी डाक्टर से भी चर्चा कर झुलसे ठेका श्रमिकों को अच्छा से अच्छा इलाज का निर्देश दिए थे। भिलाई विधायक देवेंद्र यादव उसी दिन अस्पताल पहुंचकर डॉक्टरों से मुलाकात की थी और बेहतर उपचार के लिए निर्देश दिए थे। उज्जवल दत्ता ने प्रबंधन से कहा है कि संयंत्र के ठेका श्रमिकों का जल्द से जल्द 20 लाख का सामूहिक बीमा किया जाए और घायल ठेका श्रमिकों के परिवार को तत्काल आर्थिक लाभ मुहैया कराया जाए । बीएसपी में लगातार हादसे हो रहे हैं । इसमें देखा जा रहा है कि विभागीय अधिकारी लापरवाही बरत रहे।