महासमुंद। छत्तीसगढ़ के महासमुंद से एक बड़ी खबर आ रही है। महासमुंद जिले के पिथौरा थाने में पदस्थ दो आरक्षकों की बड़ी लापरवाही सामने आई है। जिस शख्स ने बाइक चोरी की शिकायत पर युवक को थाने में बंद कराया था, उसी ने रात में हथकड़ी खोलकर आरोपी को साथ ले गया और रास्तेभर उसके साथ मारपीट की। इसका वीडियो भी सामने आया। वारदात के समय वहां मौजूद दो आरक्षकों को एसपी धर्मेंद्र सिंह ने करवाई कर थाने से हटाकर लाइन अटैच कर जांच के निर्देश दिए हैं।

दैनिक भास्कर की रिपोर्ट के अनुसार पीड़ित युवक ने रायगढ़ में मारपीट करने वाले युवकों के खिलाफ एसपी से लिखित में शिकायत कर कार्रवाई की मांग की है। पीड़ित पुलिस विभाग में पदस्थ आरक्षक के भाई के यहां काम करता है। उसकी बाइक ले जाने के मामले में आरक्षक ने अपने साथी कॉन्स्टेबल से सहयोग मांगा था।

सन्नी खोरा थाना पलारी जिला बलौदाबाजार निवासी तरुण कुमार डहरिया को रायगढ़ के रहने वाले राहुल सिंह और सन्नी सरदार ने बाइक चोरी के आरोप में पिथौरा में पकड़ा। उसके बाद दोनों ने तरुण के साथ मारपीट की। तरुण को मारते-मारते दोनों युवक पिथौरा थाना लाए। थाना प्रभारी शशांक पौराणिक ने बताया कि ड्यूटी में आरक्षक गोपाल यादव और शैलेष ठाकुर थे। ये दोनों आरक्षक कम्प्लेन करने वाले भाई के बैचमेट थे। शिकायतकर्ता का भाई पुलिस विभाग में आरक्षक है। उन्हीं के कहने पर युवक को हिरासत में लिया था। उन्होंने बताया कि आरक्षकों ने लापरवाही बरती है। सुपुर्दनामा होने के बाद हथकड़ी को आरक्षकों को खोलना था, लेकिन शिकायतकर्ता ने खोला और इसका वीडियो भी बना लिया। यही वीडियो उन्होंने वायरल किया।

पीड़ित तरूण डहरिया रायगढ़ में राहुल सिंह के यहां झाडू़-पोछे का काम करता था। कुछ दिन पहले उसकी बुलेट को लेकर ये अपने गांव आ गया और पिथौरा के एक ढाबे में काम करने लगा। इस बात की सूचना राहुल सिंह को मिली तो अपने दोस्त सन्नी सरदार के साथ 30 जून को पिथौरा आया और तरुण को ढूंढने लगा। रात में तरुण की मुलाकात पिथौरा के पास एक ढाबे में हुई है। इसके बाद दोनों युवक अपने भाई को सूचना देकर पिथौरा पुलिस की मदद करने की बात कही। इसके बाद उसके भाई के पहचान वाले दोनों आरक्षक वहां आए। उसे लेकर पीटते हुए थाना ले गए। पीड़ित ने बताया की पिथौरा से अपनी कार में दोनों लाए और रास्तेभर मारपीट किए और रायगढ़ लाकर स्टेशन चौक के आसपास फिर घंटों मारपीट की। पीड़ित के बताया की फिर आरोपी युवकों ने उसे सिटी कोतवाली पुलिस के हवाले कर दिया था। वहीं पीड़ित ने दोनों युवकों के खिलाफ पुलिस अधीक्षक रायगढ़ को ज्ञापन सौंपकर कार्रवाई की मांग की। पीड़ित ने बताया कि मैंने बुलेट चोरी नहीं की है। काम की मजदूरी नहीं देकर मुझसे कहा गया कि बुलेट लेकर घूमने जाओ कहा। मैं बुलेट लेकर अपने गांव आ गया था। बुलेट चोरी नहीं की है।

इस घटना को सोशल मीडिया में देखकर सिटी कोतवाली पुलिस के पास जब शहर की एक महिला आवेदन लेकर सोशल मीडिया के वीडियो साथ पहुंची, तब पुलिस ने पीड़ित दलित युवक तरुण को कोतवाली से यह कहकर छोड़ दिया कि, इसके खिलाफ कोई मामला दर्ज नहीं है। इसके बाद यह वीडियो इंस्टाग्राम से डिलीट भी कर दिया गया। मामले ने जब तूल पकड़ा तब पीड़ित युवक के साथ कुछ लोग रायगढ़ पुलिस के अधिकारियों से मुलाकात की, जिसके बाद पुलिस ने उन्हें पिथौरा थाने में शिकायत करने की सलाह दी।

इस घटना को सोशल मीडिया में देखकर सिटी कोतवाली पुलिस के पास जब शहर की एक महिला आवेदन लेकर सोशल मीडिया के वीडियो साथ पहुंची, तब पुलिस ने पीड़ित दलित युवक तरुण को कोतवाली से यह कहकर छोड़ दिया कि, इसके खिलाफ कोई मामला दर्ज नहीं है। इसके बाद यह वीडियो इंस्टाग्राम से डिलीट भी कर दिया गया। मामले ने जब तूल पकड़ा तब पीड़ित युवक के साथ कुछ लोग रायगढ़ पुलिस के अधिकारियों से मुलाकात की, जिसके बाद पुलिस ने उन्हें पिथौरा थाने में शिकायत करने की सलाह दी।


