- एनिमल रेस्क्यूअर ने दर्ज करवाई FIR
- धारा 429 के तहत कार्रवाई, 5 साल तक की जेल का प्रावधान
- बेजुबान की जान लेने वालों को चुकानी होगी कीमत: पशु प्रेमी
- संविधान का अनुच्छेद 51 (A) (g)क्या कहता है?
- 1960 में लाया गया था पशु क्रूरता निवारण अधिनियम
- डिग्री गर्ल्स कॉलेज के प्रिंसिपल पर डॉग के बच्चों को फेंकवाने का लगा था आरोप
- दुर्ग में व्यक्ति ने डंडे से मारकर ली थी कुत्ते की जान
रायपुर। छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर में पशु क्रूरता का बेहद ही दर्दनाक मामला सामने आया है। रविवार सुबह तेलघानी नाका ओवर ब्रिज में एक व्यक्ति द्वारा उम्रदराज स्ट्रीट डॉग को बेरहमी से पत्थर से कुचलकर मौत के घाट उतार दिया गया। आरोपी ने न सिर्फ बेजुबान जानवर की निर्मम हत्या की बल्कि उसने बेजुबान की हत्या के बाद भी बार-बार पत्थर से उसके शरीर को कुचलता रहा। जब तक वहां से गुजरने वाले लोगों ने उसे रोका नहीं और पुलिस के हवाले नहीं किया तब तक वो शैतान रूपी इंसान दम तोड़ चुके कुत्ते के साथ हैवानियत करता रहा। यह वारदात रायपुर के गंज थाना फाफाडीह की है।
एनिमल रेस्क्यूअर ने दर्ज करवाई FIR
मिली जानकारी के अनुसार आरोपी शराबी प्रवत्ति का लग रहा है। आरोपी की पहचान नहीं हो पाई है। परन्तु बताया जा रहा है कि, आरोपी गुढ़ियारी इलाके का रहने वाला है। राहगीरों ने इसकी जानकारी एनिमल रेस्क्यूअर और NGO को दी। कुछ लोगों ने इसका वीडियो बनाया। जो सोशल मीडिया के वायरल हुआ। इस मामले में पशु प्रेमी एवं एनिमल रेस्क्यूअर ने गंज थाना प्रभारी से शिकायत भी की है। इसके बाद कुत्ते के शव का पोस्टमॉर्टम के लिए भेजा गया है। बताया जा रहा है कि, जिस कुत्ते की हत्या की गई। वो पहले से उम्रदराज था और बिलकुल आक्रामक नहीं था। आरोपी ने इस प्रकार से क्यों उस बेजुबान की जान ली इसके जाँच पुलिस कर रही है। क्योकि समाज के लिए ऐसे अपराधीक प्रवृत्ति के लोग खतरा है। कल ये किसी के साथ भी ऐसा घिनौना और निर्मम कृत्या कर सकते है।
धारा 429 के तहत कार्रवाई, 5 साल तक की जेल का प्रावधान
आरोपी के खिलाफ धारा 429 के तहत अपराध दर्ज किया गया है। इस मामले में पुलिस की टीम जांच कर रही है। ओवर ब्रिज से गुजर रहे कुछ युवकों ने इसका वीडियो बना लिया। इस वीडियो में शराबी बड़े पत्थर से कुत्ते पर लगातार सिर पर वार कर रहा था। कुत्ते के बॉडी के पास खून की नदी बह गई थी। युवक ने वीडियो बनाते हुए शराबी को फटकार भी लगाई। हालांकि युवकों के मौके पर पहुंचने से पहले कुत्ते की मौत हो चुकी थी। वहीं घटना के बाद एनिमल रेस्क्यू कार्य करने वाली वांचना लाबान ने अपने के साथी के साथ पुलिस शिकायत की। इसके बाद मृत कुत्ते के शव को पोस्टमॉर्टम के लिए पशु चिकित्सालय भेजा गया है। पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट आने के बाद पुलिस आगे की कार्रवाई करेगी। इसके साथ ही एनिमल लवर और एनिमल रेस्क्यूअर समाज में मैसेज देने के लिए उस कुत्ते के लिए फ्यूनरल रखने का भी बंदोबस्त कर रहे है।
बेजुबान की जान लेने वालों को चुकानी होगी कीमत: पशु प्रेमी
इस मामले में पशु प्रेमियों का कहना है कि, बेजुबान की जान लेने वालों को उसकी कीमटी तो चुकानी ही होगी। यह उन लोगों के लिए ये सख्त मैसेज है जिनको लगता है कि बेजुबान जानवरों के प्रति कितनी भी क्रूरता की जाए उन्हें मारा जाए या उनकी हत्या की जाए। उसके बाद वह आसानी से छूट जाएंगे या उनके खिलाफ कानूनी कार्रवाई नहीं हो सकती, तो वो यह गलत फेहमी दूर करदे क्योकि कुत्ते की हत्या में 429 आईपीसी के तहत FIR दर्ज किया गया है। इस धरा के तहत 5 साल तक की जेल का प्रावधान है साथ ही फाइन भी देने का प्रावधान है।
5 साल तक की हो सकती है सजा!
IPC की धारा 429 किसी जानवर की हत्या करना या अपाहिज करने को अपराध बनाती है। ये धारा कहती है कि अगर किसी जानवर की हत्या की जाती है, उसे जहर दिया जाता है या फिर अपाहिज किया जाता है, तो दोषी पाए जाने पर 5 साल तक की कैद या जुर्माना या दोनों की सजा हो सकती है। वहीं, पशु क्रूरता निवारण कानून की धारा 11 (1) (L) के मुताबिक, अगर कोई व्यक्ति किसी जानवर के हाथ-पैर काटता है या बिना वजह ही क्रूर तरीके से उसकी हत्या करते है, तो ऐसा करने पर दोषी पाए जाने पर तीन महीने तक की कैद या जुर्माना या दोनों की सजा हो सकती है।
संविधान का अनुच्छेद 51 (A) (g)क्या कहता है?
संविधान का अनुच्छेद 51 (A) (g) कहता है कि हर जीवित प्राणी के प्रति सहानुभूति रखना हर नागरिक का मूल कर्तव्य है। यानी, हर नागरिक का कर्तव्य है कि वो पर्यावरण और प्रकृति का संतुलन बनाए रखे।
1960 में लाया गया था पशु क्रूरता निवारण अधिनियम
देश में पशुओं के खिलाफ क्रूरता को रोकने के लिए साल 1960 में पशु क्रूरता निवारण अधिनियम लाया गया था। साथ ही इस एक्ट की धारा-4 के तहत साल 1962 में भारतीय पशु कल्याण बोर्ड का गठन किया गया। इस अधिनियम का उद्देश्य पशुओं को अनावश्यक सजा या जानवरों के उत्पीड़न की प्रवृत्ति को रोकना है। मामले को लेकर कई तरह के प्रावधान इस एक्ट में शामिल हैं। जैसे- अगर कोई पशु मालिक अपने पालतू जानवर को आवारा छोड़ देता है या उसका इलाज नहीं कराता, भूखा-प्यासा रखता है, तब ऐसा व्यक्ति पशु क्रूरता का अपराधी होगा।
डिग्री गर्ल्स कॉलेज के प्रिंसिपल पर डॉग के बच्चों को फेंकवाने का लगा था आरोप
आज से 15 दिन पहले राजधानी रायपुर के डिग्री गर्ल्स कॉलेज के प्रिंसिपल पर डॉग के बच्चों को फेंकवाने का आरोप लगा था। पीपल फॉर एनिमल के मेंबर ने इसकी शिकायत भी की थी। उनका कहना है कि बच्चों को उनकी मां से दूर करने पर चार में से 2 बच्चों की मौत हो गई है। उन्होंने प्रशासन से सख्त सजा देने की मांग की है। इस मामले में पिपल्स फॉर एनिमल्स NGO से जुड़ी किरण आहूजा ने कोतवाली थाने में FIR भी दर्ज कराई है।
दुर्ग में व्यक्ति ने डंडे से मारकर ली थी कुत्ते की जान
कुछ दिनों पहले दुर्ग जिले के नंदिनी थाना क्षेत्र में अहिवारा से 7 किलोमीटर दूर एक गांव में भी पशु क्रूरता का मामला सामने आया था। जहां एक व्यक्ति द्वारा कुत्ते को डंडे से मौत के घाट उतार दिया गया था। इस मामले में भी पुलिस ने एनिमल रेस्क्यूअर आदर्श राय की शिकायत पर FIR दर्ज किया था।