नई दिल्ली। पश्चिम बंगाल शिक्षक भर्ती घोटाले में पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के उद्योग मंत्री और पूर्व शिक्षा मंत्री पार्थ चटर्जी को प्रवर्तन निदेशालय ने गिरफ्तार कर लिया है. पार्थ चटर्जी की करीबी अभिनेत्री अर्पिता मुखर्जी को भी हिरासत में लिया गया है. प्रवर्तन निदेशालय ने अर्पिता मुखर्जी के घर से 21 करोड़ रुपये कैश, सोने का गहना, अवैध जमीन के कागजात सहित भारी मात्रा में दास्तावेज जब्त किये हैं.
प्रवर्तन निदेशालय ने तृणमूल कांग्रेस के विधायक और महासचिव पार्थ चटर्जी से लगभग 27 घंटे तक पहले पूछताछ की थी और उसके बाद अंततः उन्हें गिरफ्तार कर लिया है. पार्थ चटर्जी वर्तमान में ममता बनर्जी सरकार के उद्योग मंत्री हैं और लंबे समय से ममता बनर्जी के साथ हैं और ममता बनर्जी के विश्वस्त नेताओं में से एक माने जाते हैं.
पार्थ चटर्जी तृणमूल कांग्रेस की स्थापना के समय से तृणमूल कांग्रेस से जुड़े हुए हैं और तृणमूल कांग्रेस के संस्थापक सदस्यों में से एक हैं और छात्र राजनीति के बाद युवा कांग्रेस के कार्यकर्ता थे. उन्होंने बिजनेस एडमिनिस्ट्रेशन में मास्टर्स किया और मल्टीनेशनल कंपनी वह एंड्रयू यूल में उच्च पद पर कार्यरत थे.
साल 2011 में तृणमूल की सरकार बनने के बाद से ही मंत्री हैं पार्थ चटर्जी
पार्थ चटर्जी वर्तमान में ममता बनर्जी की सरकार में उद्योग और वाणिज्य मामलों के मंत्री हैं. इसके पहले वह शिक्षा, सूचना और प्रौद्योगिकी, राज्य प्रशासन, औद्योगिक पुनर्निर्माण और परिषद विभाग के मंत्री रह चुके हैं.
साल 2011 में ममता बनर्जी ने वाममोर्चा के 34 साल के शासन का खात्मा कर मां, माटी, मानुष की सरकार बनाई, तो 20 मई 2011 को उन्होंने ममता बनर्जी के नेतृत्व वाले पश्चिम बंगाल राज्य मंत्रिमंडल में कैबिनेट मंत्री के रूप में शपथ ली थी. इसके पहले वह वह 2006 से 2011 तक पश्चिम बंगाल विधानसभा में विपक्ष के नेता थे और साल 2011 मे उन्हें विधान सभा में सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस संसदीय दल के उप नेता के रूप में चुना गया था.
पूर्व मुख्यंत्री बुद्धदेव भट्टाचार्य के शासन काल में नेता प्रतिपक्ष थे पार्थ चटर्जी
पार्थ चटर्जी पहली बार साल 2001 में वह बेहाला पश्चिम विधानसभा क्षेत्र से विधायक चुने गए. वह फिर साल 2006 में उस से विधायक चुने गए. 2011 में वह 59,021 मतों के अंतर से बेहाला पश्चिम से लगातार तीसरी बार विधायक चुने गए. बुद्धदेव भट्टाचार्य के शासन काल में पार्थ चटर्जी विपक्ष के नेता थे.
साल 2011 में तृणमूल कांग्रेस ने पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनाव जीता और सरकार बनाई, वह पश्चिम बंगाल सरकार में उच्च शिक्षा और स्कूली शिक्षा मंत्री बने और शिक्षा मंत्री रहने के दौरान ही उन पर धांधली के आरोप लगे हैं और इसी धांधील के आरोप में ईडी ने उन्हें गिरफ्तार किया है. पार्थ चटर्जी ममता बनर्जी के काफी करीबी माने जाते हैं और तृणमूल कांग्रेस के नीति निर्धारक में से एक है.
अभिनेत्री अर्पिता घोष के फ्लैट में पार्थ चटर्जी का रहता था आना-जाना
पार्थ चटर्जी बेहला में नाकतला उदयन संघ पूजा कमेटी के सर्वेसर्वा हैं. यह पूजा कमेटी कोलकाता की शीर्षस्थ पूजा कमेटी मानी जाती है. इस कमेटी के कार्यक्रमों से अभिनेत्री अर्पिता चटर्जी जुड़ी हुई थीं और उसी दौरान मंत्री उनके संपर्क में आये. कथित रूप से अर्पिता के हरिदेबपुर फ्लैट में पार्थ चटर्जी का आना-जाना रहता था.
मंत्री पार्थ चटर्जी को प्रायः ही अर्पिता चटर्जी के फ्लैट में आते-जाते देखा जा रहा था. अर्पिता मुखर्जी के करीबी सौमेन रॉय का दावा है कि अर्पिता का घर बेलघरिया में अब्दुल लतीफ स्ट्रीट में हैं. उनकी मां वहीं रहती है. बहन की शादी हो चुकी है. अर्पिता मॉडलिंग करती थीं और तमिल और उड़िया फिल्मों में काम किया था. फिर जब वह नाकतला उदयन संघसे जुड़ी, तो वह पार्थ चटर्जी के करीब आई है. इडी ने टालीगंज के डायमंड सिटी साउथ स्थित अर्पिता मुखोपाध्याय के फ्लैट की तलाशी ली और वहां से 21 करोड़ की राशि, 50 लाख रुपये के सोने के जेवर जब्त किए गए हैं.
खाने के शौकीन माने जाते हैं पार्थ चटर्जी
मंत्री पार्थ चटर्जी खोने के शौकीन माने जाते हैं. ममता बनर्जी भी सार्वनजिक रूप से उनके खाने और उनके स्वास्थ्य को लेकर कटाक्ष कर चुकी हैं. पार्थ चटर्जी की पत्नी का पहले निधन हो गया है. उनकी एक बेटी हैं.
ईडी की पूछताछ के दौरान और शिक्षक नियुक्ति में धांधली के बाद उनके दामाद को भी अनैतिक रूप से लाभ पहुंचाने का आरोप लगा है. आरोप है कि नोटबंदी के दौरान एक प्रतिष्ठित स्कूल की जमीन करोड़ों रुपए में कैश देकर खरीदी गई थी. इस स्कूल से उनके दामाद का नाम जुड़ा हुआ है.