बिलासपुर।, भिलाई। भिलाई नगर विधायक और बिलासपुर लोकसभा कांग्रेस सांसद प्रत्याशी देवेंद्र यादव ने बिलासपुर में चुनावी प्रक्रिया पर गंभीर आरोप लगाए हैं, उन्होंने कहा कि, 611 EVM बदले गए है। लोकसभा चुनाव के दौरान क्षेत्र क्र. 5 बिलासपुर अंतर्गत जिला निर्वाचन द्वारा प्रदाय की गई (सेकेण्ड रेन्डमाईजेशन रिपोर्ट, कमिशनिंग, मोकपोल, एक्चुएल पोल) दस्तावेज एवं मतदान दलों द्वारा प्रदाय की गई प्ररूप 17C (बैलेट यूनिट, कंट्रोल यूनिट एवं वी.वी.पैट) में हुए असमानता पर जांच कर स्पष्ट जानकारी प्रदान करने के संबंध मे जांच हेतु संबंधित अधिकारियों को सभी बिंदुओं को स्पष्ट कर मतगणना से पूर्व जवाब देने हेतु 28/5/24 को पत्र दिया था, आज दिनांक तक कोई जानकारी नहीं मिली है।
विधायक ने सोशल मीडिया प्लेटफार्म फेसबुक में शेयर किया पोस्ट :-
लोकसभा चुनाव के दौरान क्षेत्र क्र. 5 बिलासपुर अंतर्गत जिला निर्वाचन द्वारा प्रदाय की गई (सेकेण्ड रेन्डमाईजेशन रिपोर्ट,…
Posted by Devendra Yadav on Sunday 2 June 2024
उन्होंने कहा कि जीत-हार से अधिक बड़ा सवाल है कि बदली गई EVM के नंबर में गड़बड़ियां क्यों की गई? मतगणना से पहले इसका स्पष्ट जवाब नहीं मिलता तो हम न्यायालय का दरवाजा खटखटाएंगे। हालांकि कलेक्टर ने कहा कि उनकी आपत्ति पर पहले ही कई बैठक हुई है कीं कोई समस्या वाली बात नहीं है। कांग्रेस प्रत्याशी देवेंद्र यादव ने निर्वाचन आयोग के अफसरों पर आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि 611 EVM में गड़बड़ियां भाजपा को मदद करने और चुनाव को प्रभावित करने के लिए की गईं। मतगणना के पहले उठाई गई आपत्तियों पर जिला निर्वाचन की ओर से जवाब आना चाहिए था, जो अब तक नहीं मिली है।
देवेंद्र यादव का कहना है कि असमानता की जांच की मांग 28 मई को की गई थी। जिला निर्वाचन आयोग की ओर से दिए गए दस्तावेज और मतदान दलों के ओर से दिए गए दस्तावेजों में असमानता है। निर्वाचन आयोग के दस्तावेज जैसे सेकेंड रेंडमाइजेशन रिपोर्ट, कमीशनिंग, मॉक पोल और 2251 मतदान केंद्रों के मतदान दलों के ओर से मिले प्रारूप 17 सी (बैलेट यूनिट, कंट्रोल यूनिट और वीवीपैट) में कई आंकड़े अलग-अलग है। दोनों दस्तावेजों के मिलान के बाद 98 बैलेट यूनिट के नंबर अलग-अलग पाए गए हैं। इसी तरह बाकी विधानसभा क्षेत्रों में मिली असमानता को मिला कर कुल 611 EVM मशीनों के नंबरों में गड़बड़ी है। उन्होंने यहां तक कहा कि यदि इस मामले में स्पष्टता नहीं आती है तो यह लोकतंत्र की हत्या होगी।
वहीं देवेंद्र यादव के आरोपों पर जिला निर्वाचन अधिकारी एवं जिला कलेक्टर अवनीश कुमार शरण ने भी मीडिया को जवाब दिया। उन्होंने कहा कि कांग्रेस के प्रत्याशी ने 28 तारीख को जो आपत्ति की थी, उसके लिए समय-समय पर बैठक बुलाई गई थी। कल भी एक बैठक बुलाई गई थी, जिसमें उनके लोग आए थे। कहीं कोई समस्या वाली बात नहीं है। मतदान के दूसरे दिन भी स्क्रूटनी होती है जो इलेक्शन कमीशन के ऑब्जर्वर की मौजूदगी में होती है। सभी प्रत्याशी, पोलिंग एजेंट होते हैं। 8 तारीख को स्क्रूटनी के समय उन्हें रेंडम दिखाया गया कि किसी मतदान केंद्र का पेपर चेक कराना है, तो करा सकते हैं? इसके बाद सारा कुछ सील हो जाता है।
कलेक्टर ने कहा कि एक बार जब सारा कुछ सील हो जाता है तो पेपर निकाल कर उसे देखना संभव नहीं है। अब मतगणना हॉल में काउंटिंग के दिन प्रत्याशी उसे मैच कर सकते हैं। कांग्रेस प्रत्याशी ने जो पत्र हमें दिया है, आज की डेट में उसका कोई आधार नहीं है, क्योंकि अब सारा कुछ सील हो चुका है। आज की डेट में कोई उसे खोल कर चेक नहीं कर सकता, काउंटिग के दिन मैच कर सकते हैं।