रायपुर। छत्तीसगढ़ में विधानसभा चुनाव के पहले सियासत तेज हो रही है। रविवार को मुंगेली जिले के लोरमी से जनता कांग्रेस छत्तीसगढ़ जोगी (JCCJ) के विधायक धर्मजीत सिंह ने भारतीय जनता पार्टी (BJP) में का दामन थाम लिया हैं। इनके अलावा रिटायर्ड IFS SSD बड़गैया और धर्मेंद्र गिरी गोस्वामी ने भी भाजपा की सदस्यता ली है। इन्हें प्रदेश अध्यक्ष अरुण साव ने पार्टी की सदस्यता दिलाई। BJP में शामिल होने के बाद धर्मजीत सिंह ने कहा-कांग्रेस को हराना है, कमल खिलाना है। उन्होंने कहा-मैंने 2016 में कांग्रेस से इस्तीफा दे दिया था। उसके बाद अजीत जोगी के साथ मिलकर हमने नई पार्टी बनाई। जिसमें हमारे पांच विधायक जीते थे और 11% वोट मिला था, लेकिन जोगी जी के निधन के बाद परिस्थितियों कुछ बदली। इसके बारे में आप स्वयं जानते हैं। मुझे एक राष्ट्रीय पार्टी, जिसमें नरेंद्र मोदी जी जैसे नेता हैं, भारतीय जनता पार्टी जो देश के लिए समर्पित हैं। गरीबों की सेवा कर रहे हैं, दुश्मनों का मुंह तोड़ रहे हैं, ऐसे नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली भारतीय जनता पार्टी में मैं आज शामिल हुआ हूं।

जानिए धर्मजीत सिंह के बारें में…
धर्मजीत सिंह पूर्व मुख्यमंत्री अजीत जोगी के नजदीकियों में से एक हैं। 1998 में पहली बार लोरमी से चुनाव जीतकर विधानसभा पहुंचे थे। 2003 और 2008 में भी उन्हाेंने कांग्रेस की ओर से विधानसभा में लोरमी का प्रतिनिधित्व किया।

अमित जोगी ने पार्टी से किया था निष्काषित
JCCJ अध्यक्ष अमित जोगी ने धर्मजीत को 6 साल के लिए पार्टी से निष्कासित किया था। पिछले साल तक धर्मजीत सिंह जनता कांग्रेस के विधायक थे, तब अमित जाेगी ने कहा था, धर्मजीत जी उनके चाचा थे। लेकिन बड़े दुखी मन से उनके खिलाफ यह फैसला लेना पड़ा है। अमित जोगी ने कहा था कि विधायक धर्मजीत सिंह लगातार अन्य दल के संपर्क में रहकर अपने निजी स्वार्थ का ताना बाना बुनने में लगे रहे हैं। इन शिकायतों के संदर्भ में, पूर्व में अनेकों बार विधायक धर्मजीत सिंह के साथ चर्चा भी की गई पर उनके आचरण और विचार में कोई बदलाव नहीं आया। धर्मजीत सिंह जिस पार्टी के चिन्ह पर चुनाव जीते और विधायक बने। उसी पार्टी की नीतियों को त्यागने और छत्तीसगढ़वाद की क्षेत्रीय विचारधारा को मिटाने का प्रयास करने के कारण उन्हें 6 साल के लिए पार्टी से निष्कासित किया गया है। यह भी आशंका थी धर्मजीत सिंह पार्टी का ही भाजपा में विलय करा देंगे। पता चला तो पार्टी ने कार्रवाई करते हुए अपने विधायक दल के नेता धर्मजीत सिंह को ही पार्टी से 6 साल के लिए निष्कासित कर दिया था।


