रायपुर। 1 मई की शाम तेज आंधी-तूफान के कारण रायपुर, दुर्ग, राजनांदगांव तथा जगदलपुर क्षेत्र में पेड़ गिरने 1000 से अधिक बिजली के खम्भे टूटे। 1217 लाइनें क्षतिग्रस्त हुई जिससे ज्यादातर फीडरों से विद्युत आपूर्ति बंद हो गई। मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय द्वारा तेजी से सुधार तथा आपूर्ति सामान्य करने के निर्देश दिये गये तथा किये जाने वाले कार्याें पर लगातार नजर रखी गई।
ऊर्जा सचिव की निगरानी में मैदानी विद्युत अमले ने दिन-रात एक करके विद्युत प्रदाय सामान्य बनाने का कार्य युद्धस्तर पर किया। प्रबंध निदेशक, वितरण कंपनी भीमसिंह कंवर ने बताया कि आज की स्थिति में आंधी-तूफान प्रभावित ज्यादातर आबादी क्षेत्रों में आपूर्ति सामान्य हो गई हैं। आज भी रात भर कार्य किया जायेगा। वहीं खेतों तथा वन क्षेत्रों में दूसरे चरण में शीघ्र ही सुधार कार्य कर स्थिति को सामान्य बनाया जायेगा।

वरिष्ठ अधिकारियों के मुताबिक विभिन्न जिलों में 01 मई 2025 को आये तेज आंधी-तूफान के कारण विद्युत लाइनों पर पेड़, फ्लेक्स, शेड, होर्डिंग्स तथा अन्य स्ट्रक्चरर्स गिरने के कारण 33 के.व्ही. एवं 11 के.व्ही. विद्युत नेटवर्क ट्रिप हुआ व आपूर्ति बाधित हुई। प्रभावित क्षेत्रों में अधिकारियों एवं कर्मचारियों द्वारा सर्वप्रथम ग्राउंड पेट्रोलिंग करते हुए लाईनों पर गिरे हुए पेड़, फ्लेक्स, शेड, होर्डिंग्स को हटाने की त्वरित कार्यवाही की गई। अनेक स्थानों पर स्थानीय निकायों तथा जिला प्रशासन की मदद भी लाइन पर गिरी चीजें हटाने में ली गई।
संचारण-संधारण निकाय के अतिरिक्त लाईनों के संधारण एवं मॉनिटरिंग कार्य हेतु सतर्कता, एस.टी.एम., परियोजना संकाय के अधिकारी-कर्मचारी एवं ठेकेदारों की टीम गठित कर त्वरित सुधार कार्य में सम्पूर्ण विद्युत अमला लगा दिया गया है, जिसके परिणामस्वरूप शहरी क्षेत्रो में रात्रि में ही विद्युत सप्लाई बहाल कर दी गई है तथा ग्रामीण क्षेत्रो के बस्तियों में पेयजल आपूर्ति को देखते हुए प्राथमिकता के तौर पर टूटे पोल बदले जा रहे है, जिसे चालू करने का कार्य युद्धस्तर पर किया गया, इसके साथ ही कृषि कनेक्शनों की लाइनों का भी संधारण अतिशीघ्र पूर्ण कर सप्लाई पूर्ण रूप से सामान्य करने हेतु सार्थक प्रयास जारी हैं।
रायपुर शहर क्षेत्र के कार्यपालक निदेशक एम.जामुलकर ने बताया कि रायपुर शहर अंतर्गत 33 तथा 11 केवी के 36 खम्भे टूटे थे। 126 लाइनें बाधित हुई थी। वहीं निम्न दाब की 430 लाइनें भी बाधित हुई थी। 93 उपकेन्द्रों विद्युत आपूर्ति बंद हो गई थी। रातभर तथा आज दिनभर सुधार का काम चला। हांलाकि रायपुर शहर में 1 मई की शाम 7 बजे से ही विद्युत आपूर्ति आंशिक रूप से प्रारंभ कर दी गई थी लेकिन जैसे-जैसे सुधार होता गया, आधी रात तक 33 केवी के सभी कार्य पूर्ण कर लिये गये। सुबह तक 11 केवी के 49 फीडर भी शुरू कर दिये गये। टीएमसी के 276 तथा एफओसी के 1344 प्रकरणों पर कार्य जारी हैं जो 2 मई की रात तक पूरा हो गया। इस तरह आज रायपुर शहर में शत-प्रतिशत आपूर्ति सुनिश्चित कर ली गई है। व्यक्तिगत शिकायतों का निराकरण भी तेजी से किया जा रहा हैं।
जगदलपुर क्षेत्र के कार्यपालक निदेशक एसके ठाकुर ने बताया कि तेज आंधी-तूफान से कांकेर में 15, भानुप्रतापपुर में 18, पखांजूर में 33, नारायणपुर में 23, कोन्डागांव में 6, बीजापुर में 6 खम्भें एवं सुकमा में 10 खम्भे क्षतिग्रस्त हुये थे जो 33 तथा 11 किलोवॉट के थे। इसी तरह कांकेर में 36, भानुप्रतापपुर में 56, पखांजूर में 99, नारायणपुर में 29, कोन्डागांव में 15,दंतेवाड़ा में 3, सुकमा में 13 एवं बीजापुर में 14 लाइनें क्षतिग्रस्त हुई थी। अधिकांश लाइनों में सुधार पूर्ण हो चुका हैं तथा विद्युत आपूर्ति सामान्य की गई हैं। वहीं शेष क्षेत्रों में आज रात को भी सुधार कार्य चालू रहेगा जिससे कल तक आपूर्ति सामान्य होने की संभावना हैं।
राजनांदगांव क्षेत्र के कार्यपालक निदेशक शिरीष सेलट ने बताया कि राजनांदगांव, खैरागढ़ तथा मानपुर-मोहला जिलों में 33 केवी के 2 तथा 11 केवी के 53 खम्भें क्षतिग्रस्त हुये थे, वहीं निम्नदाब के 74 लाइनें भी क्षतिग्रस्त हुई थी। पूरे क्षेत्र में आबादी इलाके में विद्युत आपूर्ति सामान्य कर दी गई हैं। खेतों तथा जंगलों में हुई क्षति का आंकलन अभी नहीं हो पाया है जिसे शीघ्र ही आकलित कर विद्युत आपूर्ति सामान्य कर दी जायेगी।
दुर्ग क्षेत्र के मुख्य अभियंता एस. आर.बी.खण्डेलवाल ने बताया कि दुर्ग तथा भिलाई में 22 निम्नदाब लाइनों पर विद्युत आपूर्ति प्रभावित हुई थी जिन्हें सुधार कर चालू कर दिया गया हैं। ग्रामीण अंचलों में खेतों की लाइनों में हुई क्षति का आकलन किया जा रहा हैं। शीघ्र ही इसे भी सुधार लिया जायेगा।