केंद्र सरकार पर नीता लोधी का तंज: कहा-हीरे के दाम कम करने से गरीबों को राहत नहीं, बजट से सिर्फ पूंजीपतियों को फायदा, महिलाओं और किसानों को मोदी सरकार ने कुछ नहीं दिया

भिलाई। कांग्रेस नेत्री और अंत्याव्यावसायी व वित्त विकास निगम की उपाध्यक्ष नीता लोधी ने मोदी सरकार के बजट पर अपनी प्रतिक्रिया देते हुए कहा है कि, केंद्रीय बजट निराशावादी वाला बजट है। यह केवल पूंजीपतियों के लिए है प्रतीत हो रहा है। बढ़ती महंगाई रोकने की कोई कार्ययोजना नहीं है। शासकीय कर्मचारियों एवं अधिकारियों के इनकम टैक्स में कोई राहत नहीं है। किसानों की आय 2022 तक दुगनी कर देने वाली केंद्र सरकार का वादा खोखला साबित हुआ है। नीता ने कहा,
बजट में न बेरोजगार एवं गरीबो, महिलाओं एवं युवा, मध्यम वर्ग व सामान्य जन, श्रमिकों के लिए शासकीय कर्मचारियों के लिए मध्यम वर्ग के लिए व सामान्य जनमानस के लिए किसी भी प्रकार की राहत अथवा उनकी आजीविका एवं आय बढ़ाने के बारे में कोई ठोस प्रावधान कार्य योजना नहीं दिखाई देती है।
बजट से किसानों की आय 2022 तक दुगना कर देने वाली केंद्र सरकार का दावा खोखला साबित हुआ। बजट को लेकर लोगों को बड़ी उम्मीद थी पर सभी वर्ग के लोगों में केवल निराशा ही मिली। चाहे वह किसानों की आय दुगनी कर देने की बात हो यह महिला सशक्तिकरण की बात हो। बेरोजगार नौजवानों की बात हो कर्मचारियों में तो घोर निराशा है। यह रोजगार देने की बात करते हैं किंतु बड़े-बड़े जितने उपक्रम है। सार्वजनिक उपक्रमों को प्राइवेटाइज( बेच रही) कर दे रहे हैं। अब बचा ही क्या महंगाई चरम सीमा पर है। नीता ने कहा, महंगाई को कम करने के लिए एक भी उपाय बजट में देखने को नहीं मिलते। कोई ठोस कदम नहीं उठाया बल्कि महंगाई को दूर करने की बात तो दूर उन्होंने कहा की हीरे-जवाहरात के गहने सस्ते होंगे। महिलाओं में तो घोर निराशा जो मध्यमवर्गीय और लोग जो सोना और चांदी सस्ता होता तो खरीद पाते यदि कहते रसोई गैस सस्ती होगी तो महिलाओं में शायद खुशी होती। पेट्रोल डीजल दाम कम होते किसी भी तरह महंगाई में रोक लगाने जैसी बात कहीं नजर नहीं आई। यह पूर्णता निराशावादी बजट एवं केवल पूजी पतियों को और अधिक लाभ देने वाला बजट है।