प्रदर्शनकारी सड़क पर: बिना अनुमति रैली निकाल रहे संविदा बिजली कर्मचारियों को पुलिस ने हटाया… सैकड़ों आंदोलनकारी हुए गिरफ्तार… FIR भी दर्ज

रायपुर। बिजली संविदाकर्मी शनिवार को अचानक अलग-अलग टुकड़ियों में सरकारी दफ्तरों का घेराव करने निकले। इस वजह से पुलिस ने उन्हें खदेड़ा। कुछ लोगों को हिरासत में लिया गया है। साथ ही, आवागमन बाधित करने का अपराध दर्ज किया गया है। इससे पहले कल शाम आंदोलनकारियों ने बिना अनुमति रैली निकाली थी, पुलिस ने जब उन्हें रोकने की कोशिश की तो सभी स्मार्ट सिटी कार्यालय के पास सड़क पर ही बैठ गये।

सड़क जाम की स्थिति बनता देख प्रशासन ने आंदोलनकारियों को समझाकर धरनास्थल भेजने का प्रयास किया,लेकिन आंदोलनकारी नहीं माने। रातभर सड़क जामकर बैठे आंदोलनकारी सुबह होते ही फिर से उग्रता के साथ आंगे बढ़ने की कोशिश कर रहे थे।

सुबह प्रदर्शनकारी अलग-अलग टुकड़ी में बंटकर उग्र प्रदर्शन पर उतारू हो गये। आंदोलनकारी शासकीय संस्थान की घेराव के लिए आगे बढ़ने लगे, जिसके बाद पुलिस ने सभी को बलपूर्वक रोका और फिर आंदोलनकारियों को खदेड़ना शुरू कर दिया। बिना अनुमति रैली निकाल कर रहे आंदोलनकारियों को पुलिस ने गिरफ्तार कर जेल भी भेजा है। साथ ही रोड जामकर बैठे लोगों पर FIR भी दर्ज किया गया है।

आपको बता दें कि पिछले एक महीने से बिजली संविदाकर्मी आंदोलन कर रहे हैं। CSPDCL के अधिकारियों के साथ कई दौर की चर्चा के बाद भी आंदोलनकारी अपने हठ पर अड़े थे। उल्लेखनीय है क़ि, संविदाकर्मियों की 5 में से 3 माँग पर कार्यवाही करते हुए, संविदा वेतन बढ़ाने, कार्य के दौरान दुर्घटना में उपचार व्यय की प्रतिपूर्ति, मृत्यु के स्थिति में मुआवज़ा सम्बन्धी माँग मानी जा चुकी है और उसके क्रियान्वयन आदेश भी जारी हो चुका है।

संविदाकर्मियों के नियमितिकरण का मुद्दा हाईकोर्ट में है, लिहाजा नियमितिकरण के मुद्दे पर सरकार ने अभी कोई नहीं निर्णय नहीं लिया है। ये बातें आंदोलनकारियों को बैठक में बताया भी गया था, लेकिन हड़ताल खत्म करने को आंदोलनकारी तैयार नहीं थे। संघ को यह भी बताया गया कि, श्रम न्यायालय द्वारा भी हरताल को अवैध घोषित करते हुए पुनः कार्य पर उपस्थित होने के निर्देश संघ एवं सम्बंधित को दिए गए हैं। आंदोलनकारियों ने अपने हड़ताल के दौरान कई बार सड़क जाम किया था, जिसका विरोध भी स्थानीय लोगों ने किया था।