सरकार के सलाहकारों ने की दुर्ग जिले के प्रशासनिक टीम की तारीफ: भूपेश सरकार की महत्वकांक्षी योजनाओं का किया रिव्यू…गांव के विकास और महिलाओं के आत्मनिर्भर पर बैठक में किया मंथन

भिलाई। एनजीजीबी योजना के लिए इन्फ्रास्ट्रक्चर तैयार, सभी गौठानों के लिए नोडल अधिकारी नियुक्त और पुराने नरवे एवं नालों का जीर्णोद्धार कर शासन इस योजना के दूसरे फेस में पहुंच गई है ऐसा प्रदीप शर्मा ने आज कलेक्ट्रेट सभागार में संचालित हो रही मीटिंग में कहा।

मीटिंग कृषि सलाहकार प्रदीप शर्मा की अध्यक्षता व पूर्व मुख्य सचिव अजय सिंह और भारतीय वन सेवा के पूर्व अधिकारी केएस सुब्रमण्यम की उपस्थिति में जिले के सर्व विभाग प्रमुखों के साथ की गई। मीटिंग में जिले में संचालित 295 सक्रिय गौठानों, कुल पंजीकृत पशुपालकों और अभी तक क्रय किए गए गोबर के संबंध में गहन चर्चा की गई।

इसके अलावा गौठान समिति को मजबूत करने व व्यवस्थित करने, बाड़ियों में काम करने वाली एसएचजी समूह को गौठान की बाड़ियों के साथ-साथ घर की बाड़ियों के लिए भी डीएमएफ के माध्यम से बीज उपलब्ध कराने को लेकर, बैलों को नियोजित करने को लेकर दइहान के संबंध में भी विस्तृत चर्चा की गई।

स्व सहायता समूह व स्वच्छताग्राही दीदियां करेंगी गोबर खरीदी का कार्य- बैठक में अपनी चर्चा में प्रदीप शर्मा ने बताया कि शासन जिले में गोधन व गौठान योजना पर और सक्रियता चाहता है, ग्रामीण व शहरी अर्थव्यवस्था दोनों में प्रति व्यक्ति की आय में और वृद्धि हो ताकि निम्न वर्ग के जीवन का बेहतर निर्वहन हो सके, इसके लिए सरकार कर्तव्यबद्ध है।

ऐसा देखने को मिला है कि कई प्राइवेट पशु पालक और डेयरी फार्म के संचालक अपने पशुधन के गोबर को गौठान तक नहीं पहुंचा पा रहे। इसलिए इस योजना की अगली कड़ी में स्व सहायता समूह व स्वच्छताग्राही दीदियों के द्वारा गोबर खरीदी के कार्य को संपादित कराया जाएगा। प्रति किलो गोबर खरीदी के पीछे हितग्राहियों को 02 रूपए दिए जाते हैं। जिसमें से एसएचजी व स्वच्छताग्राही दीदियों को उसी 02 रूपए से प्रति किलो गोबर के पीछे 50 पैसे की मजदूरी प्राप्त होगी।

पशुधन पंजीयन कार्य में लायी जाएगी तेजी- दुर्ग जिले को दुधारू जिला भी कहा गया है। यहां कृषि कार्य के साथ-साथ डेयरी के लिए भी बड़ी संख्या में पशुओं को पाला जाता है। मीटिंग में श्री प्रदीप शर्मा ने संबंधित अधिकारियों को निर्देशित किया कि जिले में पशुधन के पंजीयन कार्य को युद्धस्तर पर किया जाए ताकि सभी को शासन की इस महत्वकांक्षी योजना से लाभ मिल सके।

इसके लिए भी उन्होंने एसएचजी की टीम गठित करने की बात कही जिसमें स्व सहायता समूह की महिलाएं अपने गांव के प्रत्येक घर में उपलब्ध पशु के पंजीकरण का कार्य करेंगी।

इस अवसर पर पूर्व मुख्य सचिव अजय सिंह ने दुर्ग जिले के प्रशासनिक दल की तारीफ की प्रशासन तंत्र को प्रेरक बनने की सलाह दी और शासन की योजनाओं एवं गतिविधियों पर विस्तार से चर्चा की। भारतीय वन सेवा के पूर्व अधिकारी श्री के.एस.सुब्रमण्यम ने भी उपस्थित प्रशासनिक अधिकारियों को स्थानीय लोगों के साथ मिलकर उनके हित में कार्य करने की सलाह दी।

इस अवसर पर कलेक्टर पुष्पेन्द्र कुमार मीणा ने कृषि सलाहकार प्रदीप शर्मा, पूर्व मुख्य सचिव अजय सिंह और भारतीय वन सेवा के पूर्व अधिकारी के.एस. सुब्रमण्यम को उनके मार्गदर्शन के लिए धन्यवाद दिया।

बैठक में जिला पंचायत सीइओ अश्वनी देवांगन, एसडीएम दुर्ग मुकेश रावटे, एसडीएम पाटन विपुल गुप्ता, एसडीएम धमधा बृजेश क्षत्रिय, दुर्ग नगर निगम आयुक्त प्रकाश सर्वे एवं अन्य अधिकारीगण उपस्थित थे।

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