दुर्ग में लगातार तीसरे ग्रीन कॉरिडोर बनाकर बचाई गई मरीज की जान: इंटक के पूर्व नेता को महज 35 मिनट में पहुंचाया रायपुर

– पार्षद वशिष्ठ नारायण मिश्रा की पहल से बनाया गया ग्रीन कॉरिडोर

– सेक्टर-1 के रहने वाले एमएच अंसारी को भेजा गया रामकृष्ण केयर अस्पताल

– 35 मिनट में सेक्टर-9 से पहुंच गए रामकृष्ण केयर, उपचार शुरू

– दुर्ग जिले में वेंटिलेटरयुक्त एंबुलेंस नहीं होने से हो रही परेशानी

– रायपुर से एंबुलेंस आने के बाद किया गया रेफर

– नेशनल हाइवे में फ्लाईओवर निर्माण होने की वजह से ट्रैफिक का रहता है दबाव

भिलाई। दुर्ग जिले में लगातार तीसरे दिन ग्रीन कॉरिडोर बनाकर मरीज की जान बचाई गई। ग्रीन कॉरिडोर की वजह से महज 35 मिनट में ही मरीज को सेक्टर-9 अस्पताल से रायपुर स्थित रामकृष्ण केयर अस्पताल भेजा गया। इन तीन दिनों में दो बार पार्षद वशिष्ठ नारायण मिश्रा ने ग्रीन कॉरिडोर बनाया। क्योंकि, दुर्ग जिले में वेंटिलेटरयुक्त एंबुलेंस नहीं है।

जानकारी के मुताबिक, सेक्टर-1 के रहने वाले MH अंसारी को अटैक आया। सुबह 8 बजे तबीयत बिगड़ने लगी तो उन्हें सेक्टर-9 अस्पताल में उपचार के लिए भर्ती कराया गया। सेक्टर-1 के सीनियर पार्षद वशिष्ठ नारायण मिश्रा से परिजनों ने संपर्क किया। डॉक्टरों ने स्थिति को देखते हुए उन्हें रायपुर रेफर करने कहा।

पार्षद वशिष्ठ ने ग्रीन कॉरिडोर के लिए समन्वय शुरू किया। ट्रैफिक पुलिस के डीएसपी गुरजीत सिंह से संपर्क किया। बिना देरी किए हाइवे पेट्रोलिंग मुहैया कराई गई।

4.10 बजे ग्रीन कॉरिडोर बनाकर सेक्टर-9 अस्पताल से रामकृष्ण केयर रायपुर के लिए शिफ्ट किया गया। पार्षद वशिष्ठ ने बताया कि, मरीज का उपचार शुरू हो गया है। एक्सपर्ट्स डॉक्टरों ने उपचार शुरू कर दिया है।

भिलाई-दुर्ग में जरूरी है वेंटिलेटरयुक्त एंबुलेंस
दुर्ग जिले में वेंटिलेटरयुक्त एंबुलेंस जरूरी है। पार्षद मिश्रा ने इसके लिए मांग की थी कि भिलाई शहर को वेंटिलेटर युक्त एंबुलेंस और शव वाहन की जरूरत है।

शहर की बढ़ती जनसंख्या के मद्देनजर दोनों ही चीजें बहुत जरूरी है। इसके लिए सेक्टर-1 से पार्षद वशिष्ठ नारायण मिश्रा ने निगम आयुक्त और कलेक्टर को लेटर लिखा था।

उनके लेटर के बाद इस पर काम शुरू हो गया है। आज निगम आयुक्त प्रकाश सर्वे ने बीएसपी के डायरेक्टर इंचार्ज अनिर्बान दासगुप्ता को पत्र लिखा है। जिसमें कहा है कि बीएसपी के सीएसआर मद से वेंटिलेटरयुक्त एंबुलेंस और शव वाहन मुहैया कराई जाए।

Exit mobile version