Good News: Bhilai के मैत्रीबाग में फिर सुनाई देगी Royal Bengal Tiger की दहाड़…वाइट टाइगर को एक्सचेंज कर रॉयल बंगाल टाइगर का जोड़ा लाने का प्लान; पढ़िए ये रिपोर्ट

भिलाई। भिलाई वासियों के लिए अच्छी खबर है। नया साल अपने साथ भिलाईयंस के लिए खुशखबरी आने की पूरी सम्भावना है। मैत्रीबाग भिलाई में फिर से एक बार में रॉयल बंगाल टाइगर की दहाड़ जल्द सुनाई देगी। मैत्रीबाग प्रबंधन सफेद बाघ आजाद को एक्सचेंज कर यहां रॉयल बंगाल टाइगर का जोड़ा लाने का प्लान कर रहा है।

इसके लिए उत्तरप्रदेश के कानपुर प्राणी उद्यान प्रबंधन से बातचीत भी हो चुकी है। सेंट्रल जू अथारिटी को जल्द ही इसके लिए प्रस्ताव भेजा जाएगा। इसके बाद निर्धारित गाइडलाइन का पालन करते हुए। वन्य जीवों का आदान- प्रदान किया जा सकेगा।

भारत में “जंगल का राजा कहलाने वाला भारत के नेशनल एनिमल रॉयल बंगाल टाइगर (पॅथेरा टाइग्रिस) मैत्रीबाग की एक समय शान हुआ करते थे। एक समय था जब यहां आठ रॉयल बंगाल टाइगर हुआ करते थे। 15 जनवरी 2021 को रॉयल बंगाल टाइगर वसुंधरा की मौत के बाद से यहां केज वीरान पड़ा हुआ हैं। टाउनशिप में सुनाई देने वाली दहाड़ रॉयल बंगाल टाइगर का ही हुआ करती थी।

मैत्रीबाग में इनकी खूबसूरती और ताकत लोगों को लुभाती थी। भास्कर के रिपोर्ट के मुताबिक मैत्रीबाग प्रबंधन इसका कुनबा बढ़ाने दूसरे जू को सफेद बाघ देकर रॉयल बंगाल टाइगर लाने की पहल कर रहा है। जू से जुड़े अधिकारियों का कहना है कि नए साल में रॉयल बंगाल टाइगर का सुना केज फिर से आबाद हो जाएगा। अगर किसी कारणवश कानपुर से बात नहीं बनी तो रायपुर के नंदनवन या बिलासपुर के कानन पेंडारी चिड़ियाघर से जोड़ा लाया जाएगा।

गौरतलब है की सन 1984 में मैत्री बाग में रायल बंगाल टाइगर का पहला जोड़ा तैयार किया गया। मादा भुनेश्वर (उड़ीसा) से लाई गई जबकि नर वन विभाग की ओर से मुहैया कराया गया था। नर का नाम शंकर और मादा का नाम पार्वती रखा गया। शंकर और पार्वती से नर्मदा व सतपुड़ा फिर इनसे वसुंधरा और नंदी हुए। इसके बाद आगे ब्रीडिंग नहीं होने से मैत्रीबाग में रॉयल बंगाल टाइगर का कुनबा ही खत्म हो गया। मैत्रीबाग आने वाले पर्यटकों को इनकी कमी खेलने लगी।

शंकर और पार्वती दोनों अपनी एवरेज उम्र पूरी करने के बाद चल बेस। इसके बाद 2015 में नर्मदा की सांप डसने से मौत हो गई। 22 अगस्त 2019 को 15 साल की उम्र में कैंसर से सतपुड़ा की मौत हो गई। इसके बाद प्रबंधन ने 9 साल की वसुंधरा और 13 साल के नंदी से वंशज बढ़ाने की योजना बनाई, लेकिन ब्रीडिंग सफल नहीं हो सकी। पहले नंदी की मौत हुई। इसके बाद 15 जनवरी 2021 को किडनी फेल होने से वसुंधरा भी चल बसी। इसके साथ ही पूरा परिवार का अंत हो गया।

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