SDO की कार से युवक की मौत: फोरलेन पर स्पीड कार ने युवक को रौंदा…आरोपी SDO भिलाई से गिरफ्तार, थाने से ही छूट गए साहब…

राजनांदगांव/भिलाई। फोरलेन पर बीते दिनों राजनांदगांव शहर के युवा यश चौथवानी को लापरवाही पूर्वक वाहन चलाते हुए ठोकर मारने वाले पीडब्लूडी के एसडीओ एसपी दीवान को बुधवार को कोतवाली पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया। उन्हें भिलाई से राजनांदगांव लाया गया और विधिवत् गिरफ्तारी की गई। जमानती धाराएं होने की वजह से थाने से ही उन्हें जमानत दे दी गई। इधर शुक्रवार को सिंधी समाज ने एक बैठक रखी। बैठक में इस हादसे को लेकर प्रशासन और पुलिस से कार्रवाई की मांग की गई।

इस हादसे के बाद एसडीओ दीवान कुछ समय तक राजनांदगांव के अस्पताल में दाखिल थे। इसके बाद उनका मोबाइल बंद हो गया और फरार हो गए। बताया गया कि विभागीय अफसरों ने उनसे संपर्क साधा लेकिन मोबाइल बंद होने से उनका पता नहीं चल पा रहा था। पुलिस ने सूचनातंत्र लगाकर भिलाई से उन्हें पकड़ा और राजनांदगांव में विधिवत गिरफ्तारी की। जबकि सिंधी समाज की बैठक में एसडीओ दीवान के खिलाफ आक्रोश फूटा।

समाज की बैठक में युवाओं में इस बात को लेकर आक्रोश था कि एसडीओ दीवान 120 किमी की रफ्तार से गाड़ी चला रहे थे। लापरवाही पूर्वक अपनी साइड में जा रहे यश चौथवानी को पीछे से ठोकर मारते हुए ट्रैक्टर के शोरूम में उनकी गाड़ी जा टकराई। तत्पश्चात 112 गाड़ी आई, जिसमें पुलिस वालों ने एसडीओ दीवान को अस्पताल पहुंचाया।

अगर तत्काल ही यश चौथवानी को पुलिस की सहायता मिलती तो उसे बचाया जा सकता था। उन्होंने प्रशासन से मांग करने की सहमति जताई कि इस अमानवीय कृत्य के प्रति एसडीओ दीवान के खिलाफ कड़ी से कड़ी कार्रवाई की मांग की जाएगी। 112 में आए पुलिसकर्मी को भी सजा मिलनी चाहिए, ताकि भविष्य में इस तरह की घटनाओं को रोका जा सके।

सिंधी समाज के अध्यक्ष लीलाराम भोजवानी एवं मनुमल मोटलानी ने आक्रोशित स्वर में कहा कि अगर उक्त घटना में शासन प्रशासन ने लीपापोती की कोशिश की और एसडीओ को बचाने के लिए कमजोर धाराएं लगाई गई तो सिंधी समाज उग्र आंदोलन के लिए बाध्य होगा।

उक्त बैठक में समाज के युवाओं में भारी आक्रोश को देखते हुए समझाइश देकर शांत कराया गया। शासन प्रशासन पर भरोसा रखकर धीरज रखने की समझाइश दी तथा प्रशासन से कड़ी व न्यायोचित कार्रवाई का आग्रह किया है।

इस मामले में मृतक यश चौथवानी के परिजन ने आरोप लगाया है कि पुलिस के द्वारा घटनास्थल पर यश की बजाय एसडीओ दीवान की मदद की जा रही थी। सीसीटीवी फुटेज में स्पष्ट नजर आ रहा है कि दीवान अपनी गाड़ी से उतर रहे और उन्हें 112 के वाहन में बैठाकर ले जाया जा रहा है। जबकि उसी दौरान यश भी तड़प रहा था। उसकी कोई मदद नहीं की गई। पुलिस ने यश को अधमरा छोड़ दिया और दीवान को उपचार के लिए ले गए।

इस मामले में यश के पिता अनिल चौथवानी और चाचा विवेक चौथवानी ने कहा है कि मामले में एसडीओ दीवान के खिलाफ हिट एंड रन का मामला दर्ज होना चाहिए। पीछे से ठोकर मारने के बाद यश को मौके पर छोड़कर दीवान खुद उपचार के लिए निकल गए। कुछ स्थानीय पुलिस अफसरों ने भी वहां दीवान की मदद की। पूरी चीजें सीसीटीवी फुटेज में कैद हो गई हैं। आसपास के लोगों से भी बयान लिए जाने चाहिए।


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