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ये खबर बच्चे से जुड़ी है: एक साल का मासूम बेड से गिरा, कट गया था जीभ, कई अस्पतालों ने खड़े कर दिए हाथ, SR अस्पताल के प्लास्टिक सर्जन ने मिनटों में किया सफल ऑपरेशन

ये खबर बच्चे से जुड़ी है: एक साल का मासूम बेड से गिरा, कट गया था जीभ, कई अस्पतालों ने खड़े कर दिए हाथ, SR अस्पताल के प्लास्टिक सर्जन ने मिनटों में किया सफल ऑपरेशन

भिलाई। खमतराई खैरागढ़ निवासी बृजलाल वर्मा के 1 साल का पुत्र मिथिलेश वर्मा रात को 1:30 बजे सोई हुई अवस्था में बिस्तर से जमीन पर गिर गया। बच्चा बिस्तर से गिरा तब माता-पिता सो रहे थे। जब बच्चा तेजी से रोने लगा आवाज सुनकर माता-पिता जाग गए। देखा तो बच्चे का मुंह खून से लथपथ हो गया था। आनन-फानन मे बच्चे को लेकर खैरागढ़ के सरकारी अस्पताल गए।

खैरागढ़ सरकारी अस्पताल के डॉक्टरो ने जांच में पाया कि बच्चे की जीभ का आगे का हिस्सा कटकर लटक गया था। जीभ से लगातार रक्त स्राव हो रहा था। प्राथमिक उपचार कर डॉक्टरों ने बेहतर ईलाज के लिए बच्चे को हायर सेंटर रेफर किया।

गंभीर रुप से घायल बच्चे को लेकर माता पिता राजनादगांव पहुंचे। कई हॉस्पिटल ईलाज के लिए गए किंतु प्लास्टिक सर्जन एवं एक्सपर्ट एनेस्थेटीसट नही होने के कारण बच्चे को ईलाज के लिए दुर्ग रेफर कर दिए । बच्चे को लेकर माता पिता दुर्ग जिले के कई अस्पताल गए किन्तु निराशा हाथ लगी।

अंत मे एस.आर.हॉस्पिटल एंड रिसर्च सेंटर चिखली धमधा रोड दुर्ग पहुंचे। अस्पताल के बर्न एंड प्लास्टिक सर्जन डॉ विश्वामित्र दयाल ने तत्काल बच्चे का परीक्षण किया पाया कि बच्चे की जीभ का अगला हिस्सा कटकर लटक गया है जहाँ से लगातार खून बह रहा था । तत्काल ऑपरेशन करने की सलाह दी

परीजनो की सहमती के बाद तत्काल मांड्युलर आपरेशन थियेटर में बच्चे को लेकर एनेस्थेटिस्ट डॉ पवन देशमुख के सहयोग से चंद मिनटों मे ऑपरेशन प्रारंभ कर रक्त स्राव को रोका गया एवं जीभ के कटे हिस्से को सफलता पूर्वक जोड़ दिया गया ।

डॉ दयाल ने बताया कि तत्काल ऑपरेशन नहीं किया जाता तो अत्यधिक रक्त स्राव होने से बच्चे की जान को खतरा हो सकता था। कटी जीभ काला पड़ने से जीभ छोटा हो जाता जिससे बच्चे को स्थायी विकृति हो सकती थी। डॉ पवन देशमुख एनेस्थेटीटस ने जानकारी दी की एक वर्ष के बच्चे को बेहोश करना चुनौती पूर्ण कार्य था।

ऑपरेशन जटिल था क्योंकि जहां जीभ का आपरेशन कर जोड़ा जाना था। वहां से निरंतर रक्त स्राव हो रहा था। किंतु अस्पताल के डॉक्टरो एवं ऑपरेशन थयेटर की अनुभवी टीम ने अत्यंत सूझ-बुझ से जटील ऑपरेशन सफलतापूर्वक कर बच्चे की जान बचाई ।

बच्चे के पिता बृजलाल वर्मा ने बताया कि हम कई हॉस्पिटल बच्चे के ईलाज के लिए भटके किंतु रात के समय डॉ उपलब्ध नहीं मिला, किन्तु एस.आर. हॉस्पिटल ही एक मात्र ऐसा अस्पताल जहां तत्काल प्लास्टिक सर्जन और बेहोशी के डॉ उपलब्ध थे। परिजनों ने एस.आर. हॉस्पिटल का धन्यवाद करते हुए कहाँ कि एस.आर. हॉस्पिटल के डॉक्टरों एवं नर्सों की टीम ने मेरे बच्चे को नया जीवन दिया है ।

अस्पताल के शिशु रोग विशेषज्ञ डॉ एस.पी. केसरवानी ने जानकारी दी कि हमारे यहां अस्पताल में 24×7 घंटे डॉक्टरों की सेवाएं उपलब्ध है। बच्चे के उपचार मे डॉ अश्वनी शुक्ला, डाँ हिमांशु चन्द्राकर, डॉ वेंकट शर्मा, डाँ पावस शर्मा, डाँ नीलम चन्द्राकर ,डॉ संदीप ओझा, डॉ रजत डहरिया, हरि साहू, सीमा बरहरे, किशोर, प्रतिमा केरकट्टा ,मनोहर डोंगरे, व अन्य स्टाफ ने अपनी सेवाएं प्रदान की। अस्पताल के चेयरमैन संजय तिवारी ने बच्चे का सफल ऑपरेशन किए जाने पर अस्पताल की टीम की भूरी भूरी प्रशंसा की।


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