- जुलाई 2023 का है ये कांड
- पुलिस ने बनाई थी स्पेशल टीम
- हत्या के 3 दिन पहले आरोपी और मृतक की हुई थी मुलाकात
- मंदिर के मंच में मछली खाने को लेकर शुरू हुआ था विवाद
- जिस त्रिशूल को मृतक ने तोड़ा, उसी से आरोपी ने की हत्या
- मालगाड़ी में सवार होकर भागा था आरोपी
दुर्ग। दुर्ग में पिछले साल जुलाई माह के 30 तारीख को बड़ा कांड हुआ था। रसमड़ा के सतबहनिया मंदिर की मंच पर एक अधजली जलती हुई लाश मिली थी। शव के पास से त्रिशूल भी बरामद हुआ था। आखिरकार 5 महीने बाद इस मर्डर मिस्ट्री को दुर्ग पुलिस सुलझाने में सफल रही। हत्या के आरोपी को पुलिस ने अरेस्ट कर मामले का खुलासा किया है। दुर्ग CSP मणिशंकर चंद्रा ने बताया कि, रसमड़ा सतबहनिया मंदिर में मृतक को टंगिया व त्रिशुल से मारकर उतारा था मौत के घाट उतारा गया था। मृतक की पहचान छुपाने चादर कंबल डालकर उसके शव को जला दिया गया था। हमें लगातर प्रयास के बाद ये सफलता मिली है। हमारी टीम ने दर्जनों CCTV कैमरों के फुटेज खंगाले और मुखबीरों से मिली सूचना के आधार पर हम आरोपी तक पहुंच पाए।
जुलाई 2023 का है ये कांड
आरोपी की पहचान शक्तिनगर दुर्ग निवासी 40 वर्षीय रामचरण चंद्राकर, पिता स्व. दशरथ चंद्राकर के रूप में हुई है। पुलिस ने जानकारी देते हुए बताया कि, 30 जुलाई 2023 को सतबहनिया मंदिर रसमड़ा के मंच में मृतक अज्ञात पुरूष उम्र करीबन 30-40 वर्ष को दोहपर के करीबन साढ़े तीन बजे के पूर्व किसी अज्ञात आरोपी द्वारा त्रिशुल से मारकर हत्या कर उसके शरीर को जला दिये जाने की सूचना मिली थी। पुलिस ने मर्ग कायम कर धारा 174 द.प्र.स. के तहत अज्ञात आरोपी के खिलाफ पुलिस चौकी अंजोरा, थाना पुलगांव जिला दुर्ग में 2 अगस्त 2023 को अपराध कमांक 297/2023 धारा 302,201 का मामला पंजीबद्ध कर विवेचना की जा रही थी।
पुलिस ने बनाई थी स्पेशल टीम
इस अंधे कत्ल की गुत्थी जल्द से जल्द सुलझाने पुलिस उप महानिरीक्षक एवं वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक दुर्ग रामगोपाल गर्ग (IPS) के मार्गदर्शन में अति. पुलिस अधीक्षक (शहर) अभिषेक झा, नगर पुलिस अधीक्षक दुर्ग मणीशंकर चंद्रा के निर्देशन में थाना प्रभारी मोहननगर विजय यादव, चौकी प्रभारी अंजोरा रामनारायण सिंह ध्रुव के नेतृत्व में थाना प्रभारी मोहनगन व चौकी प्रभारी अंजोरा अपने टीम के साथ लगातार उक्त मामले के खुलासे कि लिये प्रयासरत थे कि घटना दिनांक से सतबहनिया मंदिर में रह रहे रामचरण चंद्राकर फरार था जिसकी पतातलाश की जा रही थी जिनकी पतातलाश हेतु मुखबीर लगाए गए थे।
हत्या के 3 दिन पहले आरोपी और मृतक की हुई थी मुलाकात
विवेचना के दौरान पुलिस को 8 जनवरी 2024 को मुखबीर से सूचना प्राप्त हुई कि रामचरण चंद्राकर अपने घर शक्तिगनर दुर्ग आया हुआ है। इस सूचना पर तत्काल घेराबंदी कर रामचरण चंद्राकर को अपने घर से रेल्वे स्टेशन आते समय ग्रीन चौक के पास पकड़ा गया। जिन्होने सतबहनिया मंदिर में अज्ञात पुरूष उम्र करीबन 30-40 वर्ष की हत्या करना बताया जिससे आरोपी का समक्ष गवाहान मेमोरंडम कथन लिया गया जिन्होने अपने कथन में बताये कि दिनांक 27 जुलाई 2023 को लोकल ट्रेन से साल्हेकसा महाराष्ट्र में उतरकर पटरी-पटरी डिब्बा बीनते हुये दरेंकसा तरफ जा रहा था। वहीं बीच रेल्वे ट्रेक में एक व्यक्ति मिला जिनसे आपस में बातचीत किया और अपना नाम राजू बताया पता नहीं बताया और मुझे जहां तुम रहते हो मुझे भी ले चलो मैं भी बेघर हूं बोलने लगा तब मैं उस उसे अपने साथ रसमड़ा सतबहनिया मंदिर लाया कुछ घंटे रूकने के बाद शाम को वह मंदिर से चला गया दूसरे दिन फिर मिला और रात्रि में मेरे साथ सतबहनिया मंदिर रसमड़ा में रूका सुबह 04-05 बजे उठकर चला गया।
मंदिर के मंच में मछली खाने को लेकर शुरू हुआ था विवाद
आरोपी ने बताया कि, 30 जुलाई 2023 को मंदिर की लिपाई करने गोबर बीनने गया था करीबन दोपहर 12-1 बजे वापस सतबहनिया मंदिर आया तो राजू एक मोटर सायकल हीरो होंडा स्प्लेंडर से आकर मंदिर में बैठा था। वह मंदिर में बैठकर मछली वगैरह खा रहा था तथा शराब पिया हुआ था व अपने साथ बोरी में रिंग जैसा सामान लेकर आया था जिसे पूछने पर वह बताया कि यह सामान रेल्वे का है तब मेरे द्वारा उसे बोला गया कि रेल्वे का सामान यहां क्यों लाये हो मैं मंदिर में अकेले रहता हूं मुझे पुलिस वाले पकड़ लेंगे तुम ऐसा सामान मत लाया करो तब वह मुझे मां बहन की गाली देने लगा तब हम दोनों मारपीट होने लगे उस समय हम दोनों के अलावा कोई नहीं था। मारपीट के दौरान राजू माता रानी के मंदिर के अंदर लगे त्रिशुल को तोड़ दिया तथा मंदिर परिसर में स्थापित शिवलिंग में लपटे नाग प्रतिरूप को तोड़ने लगा।
जिस त्रिशूल को मृतक ने तोड़ा, उसी से आरोपी ने की हत्या
आरोपी ने आगे बताया कि, राजू वहां लगे त्रिशुल को भी तोड़ने का प्रयास किया जिससे मैं मना किया वह नहीं माना और मंदिर में तोड़फोड़ करना जारी रखा जिसे मैं मंदिर में रखे टंगिया को लेकर उसे जान से मारने के लिये दौड़ाया तब वह मंच में चढ़ने लगा उसी समय मैं टंगिया से उसके गर्दन में मारा जिससे टंगिया उसके चेहरे की ओर पड़ा जिससे राजू मंच में गिर गया उसके बाद मैं टंगिया से उसके सीने पर वार किया उसके बाद राजू द्वारा तोड़ें गये मंदिर के त्रिशुल से उसके पेट व सिर में वार किया जिससे वह मर गया तब मैं काफी डर गया और उसकी पहचान छिपाने के लिये अपने ओढ़ने बिछाने के लिये रखे कंबल तथा पहनने वाले कपड़ों व मंदिर में पेटी में रखे मातारानी के कपड़े वहां रखे अखबार पेपर को हड़बड़ी में राजू के शव पर सिर की ओर डाल कर माचिस मारकर राजू को जिस टंगिया से मारा था उसे मंदिर के पास झाड़ी में छिपाकर वहां से भाग कर रसमड़ा रेल्वे ट्रेक आया।
मालगाड़ी में सवार होकर भागा था आरोपी
उसने आगे बताया कि, वहां पर एक कोयले से भरी ट्रेन खड़ी थी जिसमें चढ़कर मुढ़ीपार स्टेशन चला गया वहां से लोकल ट्रेन से रायपुर रेल्वे स्टेशन गया जहां राजू के साथ मारपीट के दौरान मेरे बांये पैर में लगे चोट के ईलाज हेतु मेकाहारा अस्पताल के बाहर मेडिकल से दवाई लेकर पट्टी किया बाद रायपुर के चौड़ी गया जहां से मजदूरी काम मिलने पर काम करता तथा रात्रि को स्टेशनों में सोता था और छुपछुपकर रहता था। आरोपी आज अपने घर शक्तिनगर दुर्ग आया था मेरे घर में ताला लगा मिला तो मैं वहां से रायपुर जाने पैदल रेल्वे स्टेशन दुर्ग की ओर जा रहा था ग्रीन चौक के पास पहुंचा था आरोपी को पकड़ा गया तथा आरोपी द्वारा हत्या में प्रयुक्त टंगिया को सतबहनिया मंदिर के पास झाड़ियों में छुपाकर रखा गया था जिसे बरामद किया गया है। अरोपी का कृत्य धारा का अपराध घटित करना पाये जाने से आरोपी को दिनांक 8 जनवरी 2024 के 02:45 बजे गिरफ्तार कर न्यायिक रिमांड पर भेजा जा रहा है।