रायपुर। परिवहन विभाग द्वारा विभाग के कार्यों में पारदर्शिता और लोगों की सुविधा को ध्यान में रखते हुए निरंतर कदम उठाए जा रहे हैं। इसी कड़ी में आज परिवहन मंत्री मोहम्मद अकबर ने आज शंकर नगर स्थित अपने शासकीय निवास कार्यालय में आयोजित कार्यक्रम में यूपीआई आधारित क्यूआर बेस्ड भुगतान सुविधा की शुरूआत की। चालानी कार्रवाई में पारदर्शिता के लिए पीओएस मशीन का उपयोग होगा। विभाग द्वारा आज मोबाइल वे-पैड से ओवरलोड गाड़ियों में चालान प्रक्रिया की शुरूआत भी की गई।
परिवहन मंत्री अकबर ने इस दौरान बताया कि प्रदेश में ओवर लोड गाड़ियों की चेकिंग के लिए 07 मोबाइल वे-ब्रिज की व्यवस्था की गई है। इससे प्रवर्तन अमले के द्वारा कहीं पर भी गाड़ी का वजन कराया जा सकेगा और प्रवर्तन में पारदर्शिता आयेगी। पीओएस के माध्यम से ऑनलाइन चालान होने से प्रवर्तन में पारदर्शिता आयेगी। यूपीआई आधारितर क्यूआर कोड के माध्यम से भुगतान करने की नई सुविधा भी शुरू की जा रही है। ओवरलोड गाड़ियों से जहां शासन को राजस्व का नुकसान होता है, वहीं सड़कें भी समय से पहले खराब हो जाती हैं। अब इन ओवर लोड गाड़ियों पर लगाम लगाने के लिए परिवहन विभाग ने मोबाइल वे-ब्रिज खरीद लिया है। परिवहन विभाग के सभी फ्लाइंग स्क्वाड को मोबाइल वे-ब्रिज दिया जा रहा है। इससे माल वाहक गाड़ियों का वजन चेक किया जा सकेगा।
ज्ञात हो कि प्रदेश में करीब चार लाख माल वाहक गाड़ियां सड़कों पर दौड़ रही हैं। इसके साथ प्रदेश से महाराष्ट्र, बंगाल, गुजरात, झारखंड, पंजाब, उत्तर-प्रदेश और बिहार आदि राज्यों की गाड़ियां गुजरती हैं। अत्यधिक संख्या में गाड़ी होने के वजह से सभी गाड़ी की जाँच करने में समस्या होती है। यदि ओवर लोड गाड़ियां पकड़ी भी गई तो इनके वजन का माप करने के लिए धर्मकांटा ले जाना पड़ता है। ऐसे में धर्मकांटा दूर होने से काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ता है। इस समस्या के निदान के लिए परिवहन विभाग ने 07 मोबाइल वे-पैड ख़रीदा गया है। मोबाइल वे-पैड आने के बाद यह प्रदेशभर की अलग-अलग सड़कों पर खड़ी कर आने-जाने वाले माल वाहक गाड़ियों की तुरंत चेकिंग होगी। यदि ओवर लोड पाया गया तो तुरंत कार्रवाई की जाएगी। इससे एक तरफ जहां राजस्व की वसूली में वृद्धि होगी वहीं दूसरी तरफ सड़कें भी जल्दी खराब नहीं होगी।
खदानों और उद्योगों के बाहर रहेगा मोबाइल वे-ब्रिज
परिवहन विभाग के अधिकारी ने बताया कि प्रदेशभर की खदानों और उद्योगों से निकलने वाली ज्यादातर गाड़ियां ओवर लोड रहती हैं। मोबाइल वे-ब्रिज के आने के बाद इसे खदानों और उद्योगों के बाहर खड़ा कर दिया जाएगा। उसके बाद खदानों और उद्योगों से निकलने वाली गाड़ियों की जांच कर कार्रवाई होगी।
चालानी कार्रवाई में पारदर्शिता के लिए पीओएस मशीन का होगा उपयोग
सुप्रीम कोर्ट की गाईडलाईन के मुताबिक ट्रैफिक नियमो को तोड़ने वालों के चालानी कार्यवाई में पारदर्शिता बनी रहे और काम जल्दी हो इसके लिए पूरे प्रदेश भर पीओएस मशीन के जरिये ई चालान और ईपेमेंट की शुरुआत की जा रही है। किसी व्यक्ति के पास जुर्माने की राशि नही है और ऑनलाइन भुगतान की कोई सुविधा भी नही है. तो उसका गाड़ी नम्बर और मोबाइल नम्बर फीड किया जाएगा. उससे एक ेउे जनरेट होगा. जो उसके फोन पर आएगा. इस नंबर पर पीओएस के जरिये लिंक भेजी जाएगी., जिस पर तीन दिन के अंदर भुगतान करना होगा। अन्यथा परिवहन कार्यालय में जाकर भी राशि भरी जा सकती है।
एक से अधिक दफा नियमो को तोड़ा तो बताएगी मशीन
एक से अधिक दफा ट्रैफिक नियमो को तोड़ने वालों की अब खेर नही है. यदि पहले ई-चालान कटा है और दूसरी दफा फिर नियमो को तोड़ते पकड़े गए तो यह पीओएस मशीन पुराना रिकार्ड बता देगी। परिवहन विभाग से मिली जानकारी अनुसार पीओएस मशीन कई तरह से काम करेगी। इसमें एक साफ्ट वेयर है। इसके पीछे एक कैमरा भी लगा है जो मौक़े की फोटो उतारेगा। जिसमे ट्रैफिक नियमो की नए मोटर व्हीकल एक्ट के मुताबिक विभिन्न धाराओं और उनके जुर्माने की राशि फीड है जिस धारा का उल्लंघन होगा उसको भरते ही जुर्माने की राशि सामने आ जायेगी और उसे भरना पड़ेगा।
इस लेनदेन के लिए स्टेट बैंक आफ इंडिया से छत्तीसगढ़ परिवहन विभाग ने टाइअप किया है। इसके लिए डेबिट कार्ड/एटीएम और नेट बैंकिंग आदि का उपयोग होगा। साथ ही यूपीआई/क्यू आर कोड सिस्टम के माध्यम से भी भुगतान करने की सुविधा उपलब्ध है। इस पर गाड़ी का नंबर और नियम के उल्लंघन की जानकारी फीड करते ही पर्ची निकल जाएगी।
इस अवसर पर परिवहन सचिव एस. प्रकाश, संयुक्त परिवहन आयुक्त वेदव्रत सिरमौर, उप परिवहन आयुक्त अंशुमान सिसोदिया, आरटीओ रायपुर शैलाभ साहू, एसबीआई के डीजीएम निराला सहित परिवहन विभाग के समस्त फ्लाइंग स्क्वाड प्रभारी उपस्थित थे।