CM हाउस में वसुंधरा सम्मान समारोह: लीलाधर मंडलोई को मिला वसुंधरा सम्मान…CM भूपेश, मंत्री अमरजीत ने किया सम्मानित

भिलाई। कीर्ति शेष देवी प्रसाद चौबे की स्मृति में स्थापित एवं लोकजागरण के लिए प्रदत्त वसुंधरा सम्मान इस वर्ष सुविख्यात साहित्यकार लीलाधर मंडलोई को प्रदान किया किया गया। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल मुख्यमंत्री निवास में आयोजित 22 वें वसुंधरा सम्मान समारोह में शामिल हुए। वसुंधरा सम्मान का आयोजन संस्कृति विभाग छत्तीसगढ़ शासन लोक जागरण की मासिक पत्रिका कृति वसुंधरा एवं चतुर्भुज मेमोरियल फाउंडेशन के द्वारा संयुक्त रूप से किया जा रहा है। वसुंधरा सम्मान स्वर्गीय देवी प्रसाद चौबे की स्मृति में प्रदान किया जाता है। उनकी 46वीं पुण्यतिथि पर मुख्यमंत्री निवास में आयोजित वसुंधरा सम्मान का यह निरंतर 22वां आयोजन है।

कार्यक्रम की अध्यक्षता संस्कृति मंत्री अमरजीत भगत ने किया। सीएम भूपेश ने लीलाधर मंडलोई को वसुंधरा सम्मान से सम्मानित किया। उन्होंने कहा, श्री देवी प्रसाद चौबे जी ने समाज सुधार के लिए अनेक कार्य किये हैं। उन्होंने बलि प्रथा का विरोध किया। विचारों के प्रति दृढ़ता उनमें दिखाई देता था। विचारों की असहमति इस देश की परंपरा रही है। प्राचीन काल से जो स्थापित परम्पराएं रही हैं, उन सबको हम आज जी रहे हैं। असहमति और सहमति की लड़ाई इस देश की परंपरा रही है। समाज का सबसे बड़ा कलंक छुआछूत का है।

कौन हैं मंडलाई, जानिए…
छिंदवाड़ा जिले के गुढ़ी गांव मे जन्मे लीलाधर मंडलोई की शिक्षा-दीक्षा रायपुर और भोपाल में हुई है। वे दूरदर्शन और आकाशवाणी के महानिदेशक के अलावा प्रसार भारती बोर्ड के भी सदस्य रह चुके हैं। उनकी रचनाओं में छत्तीसगढ़ के जन जीवन का सजीव चित्रण है।

कविता, लोककथा,यात्रा वृतांत, डायरी, मीडिया, रिपोर्ताज, आलोचना, कथेतर गद्य जैसी अनेक विधाओं मे उन्होंने सार्थक और सकारात्मक लेखन किया है। अंदमान निकोबार द्वीप समूह की जनजातियों की लोककथाओं पर लिखा गया उनका गद्य एक समाज शास्त्रीय अध्ययन का अत्यंत प्रामाणिक दस्तावेज है।

लीलाधर मंडलोई ने विभिन्न विधाओं में 20 से अधिक पुस्तकों का लेखन सम्पादन किया है। अनेक भारतीय एवं वैदेशिक भाषाओं में उनकी रचनाओं का अनुवाद हो चुका है।वे पूर्व में अनेक प्रतिष्ठित सम्मानों से सम्मानित हो चुके हैं।

इसके पूर्व वसुंधरा सम्मान सर्वश्री रमेश नैयर,कुमार साहू, श्यामलाल चतुर्वेदी, बसंत कुमार तिवारी, विनोद शंकर शुक्ल, शरद कोठारी, बबन प्रसाद मिश्र, हिमांशु द्विवेदी, दिवाकर मुक्तिबोध, आशा शुक्ला, गिरिजाशंकर, ज्ञान अवस्थी, श्याम वेताल, अभय किशोर, सुशील त्रिवेदी, गिरीश पंकज, बी.के.एस.रे, प्रकाश दुबे, तुषार कांति बोस, ई.वी.मुरली एवं सतीश जायसवाल को प्रदान किया जा चुका है।

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