ग्रामीणों ने की थनौद के पास बोगदा पुलिया की ऊंचाई बढ़ाने की मांग… कांग्रेस नेता दीप सारस्वत ने ने केंद्रीय मंत्री गडकरी को समस्याओं से कराया अवगत… मंत्री ने अधिकारियों को जल्द से जल्द पुलिया की ऊंचाई बढ़ाने दिए निर्देश

दुर्ग। टेडेसरा से अंजोरा, थनौद, मचांदुर, उतई, पाटन के रास्ते अभनपुर तक नए सिक्सलेन का काम तेजी से चल रही है। इस बायपास के बनने के बाद रायपुर होकर हावड़ा की तरफ जाने वाले भारी वाहनों का ट्रैफिक डायवर्ट होगा। नेहरूनगर से रायपुर तक ट्रैफिक जाम की समस्या से मुक्ति मिलेगी। इस कार्य के दौरान थनौद में एक बोगदा पुलिया का निर्माण किया जा रहा है। जिसकी हाईट महज 4 मीटर है।

इससे नीचे से भारी वाहन नहीं गुजर पाएंगे। धान खरीदी के दौरान इस मार्ग से वाहन नहीं निकल पाएंगे। इसके आसपास सर्विस लेन भी नहीं दिया जा रहा है। इस तकनीकी दिक्कत को लेकर थनौद, बिरेझर, चंगोरी के ग्रामीणों ने केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी से इस पुलिया की ऊंचाई बढ़ाने की मांग की है। तीनों गांवों के प्रतिनिधि के रूप में कांग्रेस नेता दीप सारस्वत रायपुर में केंद्रीय मंत्री नितिन गड़करी से मिले। उन्होंने इस स्थिति से अवगत कराया। इस पर नितिन गडकरी ने इस विषय को गंभीरता से ​लेते हुए अधिकारियों को तत्काल निर्देशित किया कि पुलिया की ऊंचाई बढ़ाई जाए। ताकि ग्रामीणों को किसी प्रकार की समस्या का सामना न करना पड़े।

सारस्वत ने बताया कि थनौद,  बिरेझर और चंगोरी शिवनाथ नदी के तट पर बसा हुआ है। इसके कारण यहां प्रतिवर्ष बरसात के समय बाढ़ का सामना करना पड़ता है। इससे किसानो को नुकसान सहना पड़ता है । वर्तमान में भारतमाला परियोजना के अंतर्गत राष्ट्रीय राजमार्ग निर्माण कार्य चल रहा है, जिसमें ग्रामीणों के आवागमन के लिए अंडरपास की ऊंचाई एवं गांव के नाले एवं नदी में पुल निर्माण कार्य की जा रही है जिससें ग्रामीणों को समस्याओं को सामना करना पड़ेगा ।

थनौद बायपास मार्ग विपश्यना साधना केन्द्र के पास अंडर ब्रिज का निर्माण कार्य किया जा रहा है, जिसकी ऊंचाई 4 मीटर है, क्योकि यह मार्ग गांव की कृषि एवं धान परिवहन का मुख्य मार्ग है एवं शिल्प ग्राम होने से यहां 20 से 22 फीट का मूर्ति भी बनती है। ऊंचाई 4 मीटर होने की वजह से बड़े कृषि यंत्र जैसे हार्वेस्टर सहकारी धान केन्द्र से बड़े परिवहन वाहनों का अवागमन एवं बड़े मूर्ति का आवाजाही इत्यादि अवरूद्ध होगा अतः ब्रिज की ऊंचाई 6 मीटर किया जाये।

बाढ़ ग्रस्त क्षेत्र होने की वजह से सड़क पर मिट्टी निर्माण के स्थान पर नाला से 500 मीटर पहले से शिवनाथ नदी तक कालम पद्धति से पुल निर्माण किया जाए ताकि बाढ़ की सम्भावना को कम किया जा सकें एवं किसानों के कृषि कार्यों हेतु आवागमन की सुविधा हो। उन्होंने बताया कि इस मामले को लेकर दुर्ग जिलाधीश को दिनांक 08/04/2024 को अवगत कराया गया था, जिसमें उनके द्वारा स्थल निरीक्षण कर पंचनामा बनाया गया। प्रकरण में समस्या का समाधान निकालने का आश्वासन दिया गया था।इस संबंध में पुनः दिनांक 20/08/2024 को एसडीएम, तहसीलदार, भारत सरकार रोड परिवहन अधिकारी, एनएचएआई अधिकारी एवं रोड ठेकेदार मौके का पुनः मूल्यांकन किया, लेकिन उक्त समस्या के संबंध में कोई ठोस आश्वासन नहीं दिया गया। इससे इन गांवों की करीब 20 हजार आबादों के सामने आवाजाही का संकट पैदा हो गया है। केंद्रीय मंत्री ने इस समस्या के निराकरण का भरोसा दिलाया है। उन्होंने कहा कि मामला बिल्कुल सही है, इस विषय को गंभीरता से लेने की जरुरत है, क्योंकि निर्माण के बाद इस हटा पाना मुश्किल होगा, इसलिए इसे अभी ही गंभीरता से लिया जाना चाहिए।

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