VIDEO: क्या PM मोदी के भिलाई आने के पहले IIT भिलाई का काम होगा पूरा…? जुलाई में प्रधानमंत्री का आना तय, काम अब भी अधूरा… सांसद विजय बघेल ने किया निरिक्षण, दिए ये निर्देश…

  • पीएम मोदी से पहले दुर्ग सांसद विजय बघेल ने आईआईटी कैंपस का किया विजिट- सांसद विजय पहुंचे तो खुल गई निर्माण एजेंसी की पोल
  • जून तक किसी भी हालत में काम पूरा करने दिए निर्देश

भिलाई। इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी (IIT) भिलाई का काम अधूरा है। 1 हजार करोड़ रुपए की लागत से बन रहे आईआईटी परिसर में बहुत काम बाकी है। इसे जून तक किसी भी सूरत में कंप्लीट करने निर्देश दिए हैं। जुलाई में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का दौरा भी लगभग तय हो गया है। पीएम मोदी के हाथों आईआईटी का लोकार्पण होना है। अब तक मई-जून में पीएम मोदी का दौरा प्रस्तावित था। लेकिन सिविल कंस्ट्रक्शन में देरी और कई तकनीकी कारणों की वजह से प्रोजेक्ट डीले हो गया है।

देखिये वीडियो :-

दरअसल, बुधवार को दुर्ग सांसद विजय बघेल कुटेलाभाठा पर साढ़े चार सौ एकड़ में बन रहे आईआईटी कैंपस का निरीक्षण करने पहुंचे थे। सांसद विजय के साथ आईआईटी भिलाई के डायरेक्टर प्रो. राजीव प्रकाश भी रहें। उन्होंने एक-एक हॉल, क्लासरूम और परिसर को दिखाया। सांसद बघेल पहुंचे तब पता चला कि बहुत कुछ काम बाकी है। इसे जून तक करना संभव नहीं होगा। निर्माण एजेंसी लार्सन एंड टुब्रो लिमिटेड कंपनी (एलएंडटी) को सांसद विजय ने सख्ती से कहा है कि अमला बढ़ाकर काम पूरा करें। स्थानीय लोगों से काम लिया जाए। इसमें किसी प्रकार की कोताही न बरतें।

आईआईटी भिलाई में क्या-क्या है, यह भी जानिए…
वैसे तो आईआईटी भिलाई अपने आप में एक अलग दुनिया है। पहले चरण में 18 लैक्चर हॉल, क्लासरूम, इंजीनियरिंग डिपार्टमेंट व साइंस डिपार्टमेंट के दो-दो भवन, मेस ब्लॉक, विवाहित छात्रावास, लाइब्रेरी, आईटीआईएस भवन के साथ लेक्चर रूम, सेंट्रल प्रोटोटाइप फैसिलिटी, सेंट्रल इंस्ट्रूमेंटेशन फैसिलिटी, कनेक्टिविटी कॉरिडोर, फैकल्टी एवं स्टाफ के लिए आवास, लाइब्रेरी एंड डाटा सेंटर, शॉपिंग सेंटर, स्वास्थ्य केंद्र, संस्थान क्लब और गेस्ट रूम बनाया जा रहा है। आईआईटी के स्थायी कैम्पस में हाइटेक लेबोरेट्री से लेकर नई मशीने इंस्टॉल की जा रही हैं।

बाकी आईआईटी से इसलिए खास है हमारा आईआईटी भिलाई

  • पर्यावरण को नुकसान ही नहीं: इस कैंपस के निर्माण में प्रकृति के संरक्षण का खास ध्यान रखा गया है। कैंपस में पहले से मौजूद पेड़ व तालाबों को नुकसान नहीं पहुंचाया गया है। उन्हें प्राकृतिक रूप से ही सजाया जा रहा है। जबकि, डेड हो चुके तालाब को जिंदा किया गया है। इससे वाटर रिचार्ज में आसानी हो रही है। आवश्यक रूप से काटे गए पेड़ों की जगह कैंपस में और पेड़ लगाए गए हैं। जिससे पूरी तरह से आईआईटी कैम्पस का वातावरण इको फ्रेंडली बना रहे।
  • हाइटेक मशीनें, जो बनाती है खास: आईआईटी भिलाई में हाइटेक मशीनें लगाई गई हैं। थ्री-डी प्रिंटिंग मशीन सबसे पहले इंस्टॉल किया गया। यह देश का पहला आईआईटी बन गया था, जहां थ्री-डी प्रिंटिंग है। – डेटा साइंस पर फोकस्ड वर्किंग: आईआईटी भिलाई में डेटा साइंस की क्लासेस शुरू हो गई है। आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस का कोर्स पहले ही शुरू हो गया है। यह बाकी आईआईटीज से इसे खास बनाती है।
  • रिमोर्ट एरिया बूथ: आईआईटी भिलाई ने देश की निर्वाचन प्रणाली में बड़ी भूमिका निभाई है। आईआईटी भिलाई ने रिमोट एरिया में वोटिंग को लेकर स्ट्रेटर्जी के साथ काम किया। यह हुआ कि कोई भी कहीं से भी वोट दे सकेगा। यह सिस्टम देश में आने वाले दिनों में लागू होगा।

रिकॉल: कड़े संघर्षो के बाद भिलाई में बना आईआईटीदरअसल, दुर्ग जिले से पहले अभनपुर के करीब भरेगाभांठा गांव में आईआईटी कैम्पस का निर्माण होना था। लेकिन आईआईटी भिलाई के आने में उस अशासकीय संकल्प की बड़ी भूमिका रही। जिसे प्रेमप्रकाश पांडेय ने विस अध्यक्ष रहते हुए विधानसभा में पारित करवाया था। मोदी के पीएम बनने के बाद मंत्री ने सीएम को मांगपत्र सौंपा था। उसके बाद प्रदेश में आईआईटी की घोषणा हुई। पूर्व उच्च शिक्षा व राजस्व मंत्री प्रेम प्रकाश पांडेय ने पूर्व सीएम डॉ रमन सिंह की कैबिनेट में इसे दुर्ग के सिरसाखुर्द व कुटेलाभांठा गांव में बनाने का प्रस्ताव पास कराया। जिसके बाद केंद्रीय उच्च शिक्षा मंत्रालय की टीम ने यहां का सर्वे कर निर्माण के प्रस्ताव पर अंतिम मुहर लगाई।

आईआईटी भिलाई के वो फैक्ट्स जिसे जानना जरूरी है…

  • कुटेलाभाठा और सिरसाखुर्द की 445 एकड़ जमीन पर आकार ले रहा आईआईटी भिलाई
  • पहले चरण में 1200 छात्रों व दूसरे चरण में 2500 छात्रों की पढ़ाई के अनुसार व्यवस्था की जाएगी, अभी 900 स्टूडेंट्स हैं- पहले चरण में यूटीडी बिल्डिंग के लिए 1082 करोड़ रुपए केंद्र ने दिए हैं, जिससे काम हो रहा
  • 2008 में पूर्व विधानसभा अध्यक्ष प्रेमप्रकाश पांडेय ने अशासकीय संकल्प पारित कराकर आईआईटी को भिलाई में लाने का रास्ता साफ किया था।- 2014 में आईआईटी
  • भिलाई समेत 6 नए आईआईटी खोलने का एनाउंसमेंट केंद्र सरकार ने किया।
  • 2016 से सेजबहार स्थित जीईसी कैंपस में आईआईटी कैंपस संचालित है। – जून 2018 में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आईआईटी भिलाई की नींव रखी।
  • जुलाई 2023 से यहां क्लासेस शुरू हो जाएंगी।

आईआईटी भिलाई के काम में तेजी लाने निर्देश दिए हैं। पूरा कैंपस देखा है। यह बाकी आईआईटी से काफी कुछ अलग होगा। यह हमारे देश के लिए मिसाल साबित होगी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी हमें एक बड़ी सौगात दी है, जो मिल के पत्थर साबित होगी। अब निरीक्षण के बाद मैं रिपोर्ट सौंप दूंगा। जुलाई में पीएम मोदी का दौरा लगभग तय है।

विजय बघेल, सांसद, दुर्ग लोकसभा आईआईटी

भिलाई कैंपस के काम में तेजी है। हमारा टार्गेट है कि जून तक काम कैंपस पूरा कर लें और शिफ्टिंग करके पढ़ाई शुरू कर दें। जुलाई से यहां क्लासेस शुरू हो जाएंगी। बाकी आईआईटी भिलाई तेजी से ग्रोथ, रिसर्च कर रहा है।

प्रो. राजीव प्रकाश, डायरेक्टर, आईआईटी भिलाई

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