राष्ट्रीय शोक घोषित: लता मंगेशकर के निधन पर 2 दिन का राष्ट्रीय शोक, आधा झुका रहेगा राष्ट्रध्वज…राजकीय सम्मान के साथ होगा अंतिम संस्कार, सीएम बघेल और राज्यपाल उइके ने जताया गहरा शोक

नई दिल्ली/रायपुर: ‘भारत रत्न’ स्वर कोकिला लता मंगेशकर रविवार सुबह दुनिया को अलविदा कह गईं। लता मंगेशकर के निधन पर देश में दो दिनों का राजकीय शोक घोषित किया गया है। केंद्र सरकार के आधिकारिक सूत्रों ने बताया कि इस दौरान राष्ट्रीय ध्वज आधा झुका रहेगा। वहीं लता दीदी का अंतिम संस्कार पूरे राजकीय सम्मान के साथ होगा। इस दौरान उनके पार्थिव शरीर को तिरंगे से लिपटाया जाएगा और सशस्त्र सेना के जवान अतिम संस्कार में सलामी देंगे।

बता दें कि लता मंगेशकर का आज सुबह मुंबई के ब्रीच कैंडी अस्पताल निधन हो गया। वह 92 साल की थीं और 29 दिनों से मुंबई के ब्रीच कैंडी अस्पताल के ICU में भर्ती थीं। उनके निधन पर देशभर में शोक की लहर है। बता दें कि भारत रत्न से सम्मानित किसी भी शख्सियत के निधन को अपूर्णीय क्षति मानते हुए राजकीय शोक की घोषणा की जाती है।


पहले इसकी घोषणा केवल केंद्र सरकार की सिफारिश पर राष्ट्रपति करते थे लेकिन अब राज्य सरकारें भी राजकीय शोक की घोषणा करती हैं। राष्ट्रीय ध्वज संहिता के अनुसार राजकीय शोक के दौरान संसद, सचिवालय, विधानसभा, अन्य महत्वपूर्ण राष्ट्रीय भवनों या सरकारी कार्यालयों पर लगा राष्ट्रध्वज आधा झुका रहता है। इसके अलावा देश से बाहर स्थित भारतीय दूतावासों पर भी राष्ट्रध्वज आधा झुका रहता है। राष्ट्रीय शोक के दौरान कोई सरकारी या औपचारिक कार्यक्रम को आयोजन नहीं किया जाता है।

मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने स्वर कोकिला भारत रत्न लता मंगेशकर के निधन पर गहरा शोक व्यक्त किया है। सीएम बघेल ने कहा है- स्वर कोकिला, ‘भारत रत्न’ आदरणीया लता मंगेशकर जी का निधन बेहद दुःखद और सम्पूर्ण कला जगत के लिए अपूरणीय क्षति है। उन्होंने ईश्वर से उनकी आत्मा की शांति और शोकसंतप्त परिवारजनों को इस दुख को सहन करने की शक्ति प्रदान करने की प्रार्थना की है। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा है कि लता मंगेशकर जी के गाये मधुर गीत हमेशा लोगों के दिलों में बसे रहेंगे। उनकी आवाज़ ही उनकी पहचान है, जो कभी खो नहीं सकती। मुख्यमंत्री ने कहा कि लता मंगेशकर जी ने 30 से ज्यादा भाषाओं में गीत गाए, उनके निधन से भारत ने आज एक रत्न खो दिया है।

राज्यपाल अनुसुईया उइके ने भारत रत्न, स्वर साम्राज्ञी लता मंगेशकर के निधन पर गहरा दुख व्यक्त किया है। राज्यपाल ने शोक संदेश में कहा है कि स्वर कोकिला लता मंगेशकर के निधन से संगीत जगत को अपूरणीय क्षति हुई है। उनके योगदान को भुला पाना मुश्किल है। हम सबकी प्रिय गायिका, जिनके गीतों को सुनकर, मधुरिम सुरों को महसूस कर हम सबसे अच्छा समय बिताते आ रहे, ऐसे अद्वितीय सुरों की महान साधिका लता मंगेशकर जी का 92 वर्ष की आयु में निधन बेहद दुःखद है।उनकी आवाज़ विश्वभर के संगीतप्रेमियों की स्मृतियों में युग-युगांतर यात्रा करेगी। राज्यपाल ने उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित हुए उनके शोकसंतप्त परिवार के प्रति गहरी संवेदना व्यक्त की है।

लता मंगेशकर ने अपने सात दशक के लंबे करियर में कई भारतीय भाषाओं में 30 हजार से भी ज्यादा गाने गाए थे। लता जी की गिनती भारती सिनेमा की महान पार्श्व गायिकाओं में की जाती थी। इतना ही नहीं अपने बेहतरीन काम और सुरीली आवाज के लिए उन्हें तीन राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार, भारत रत्न और कई अन्य पुरस्कारों से सम्मानित किया गया था। लता मंगेशकर प्रीत पारा से ‘अजीब दास्तान है ये’, ‘ऐ मेरे वतन के लोगो’ और ‘लग जा गले’ और फिल्म मुगल-ए-आज़म से ‘ये कहां आगे हैं हम’ जैसे तमाम गानों के जरिए हमेशा अपने फैंस के दिलों में जिंदा रहेंगी।

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