दुर्ग कलेक्टर इन एक्शन: 3 हॉस्पिटल और 1 लैब पर जुर्माना लगाकर किया सील… सामने आई ये बड़ी वजह; शहर के एक और हॉस्पिटल में RTI के मामले में लगा फाइन

दुर्ग। दुर्ग जिले में 3 अस्पताल और 1 लैब के ऊपर जिला कलेक्टर ने बड़ी कार्रवाई की है। दरहसल ये चरों संस्थानों का संचालन बिना लाइसेंस के ही हो रहा था। इसकी शिकायत मिलने के बाद जिला प्रसाशन ने कार्रवाई करते हुए सभी संस्थानों को सील किया है इसके साथ 20-20 हजार रूपए का जुर्माना भी लगाया है। दुर्ग कलेक्टर पुष्पेंद्र कुमार मीणा ने नर्सिंग होम एक्ट के तहत ये एक्शन लिया है। इसके साथ ही RTI के तहत गलत जानकारी के मामले में पद्मनाभपुर स्थित वीवाय हॉस्पिटल दुर्ग के संचालक पर भी फाइन लगा है।

जिले के ग्रामीण क्षेत्र में संचालित तीन हॉस्पिटल और एक लैब नियमों को दरकिनार करते हुए अपना संचालन कर रहे थे। इन संस्थानों के खिलाफ शिकायत मिलने पर जांच टीम ने पाया कि चारों संस्थानों के संचालकों के पास नर्सिंग होम एक्ट का लाइसेंस ही नहीं है। इन सभी संस्थानों के खिलाफ नर्सिंग होम एक्ट की धारा 12 (क) (1) के तहत 20-20 हजार रुपए का जुर्माना लगाया गया और उन्हें लाइसेंस नहीं मिलने तक बंद करने का आदेश दिया गया।

इन संस्थानों पर हुई करवाई

  • गंगोत्री हॉस्पिटल एंड डायग्नोस्टिक सेंटर धमधा
  • सीतादेवी क्लीनिक श्याम प्लाजा ग्राउंड फ्लोर अहिवारा रोड कुम्हारी
  • नंदिनी नर्सिंग होम वार्ड नं. 7 अहिवारा
  • लैब केयर डायग्नोस्टिक, वार्ड 6 अहिवारा

शहर के इस अस्पताल के संचालक पर लगा जुर्माना
इसके साथ ही वीवाय हॉस्पिटल दुर्ग के संचालक पर भी कार्रवाई हुई। संचालक पर 20 हजार रुपए का फाइन लगाया गया है। ये कार्रवाई सूचना के अधिकार (RTI) के तहत मांगी गई जानकारी को छिपाते हुए मरीज के इलाज की गलत जानकारी देने की वजह से हुई है। वीवाय हॉस्पिटल पद्मनाभपुर दुर्ग के संचालक को कई बार सही जानकारी देने के लिए निर्देश दिया गया था, लेकिन उसने मरीज के चिकित्सकीय उपचार संबंधी जानकारी नहीं दी। उन्होंने मरीज के उपचार की जानकारी न होने की बात कही, आपको बता दें जबकि छत्तीसगढ़ राज्य उपर्चायगृह एवं रोगोपचार संबंधी स्थापनाएं अनुज्ञापन अधिनियम के तहत प्रत्येक नर्सिंग होम, क्लीनिक एवं अस्पताल को मरीज का इलाज शुरू होने की तारीख से 5 साल तक मेडिकल रिकार्डों को संभालकर रखने का निर्देश है।

फाइन जमा न करने पर होगी सख्त कार्रवाई: कलेक्टर
दुर्ग जिला कलेक्टर पुष्पेंद्र कुमार मीणा ने बताया कि, नर्सिंग होम एक्ट लाइसेंस के बिना मेडिकल संस्था का संचालन नर्सिंग होम एक्ट 2010 और 2013 का उल्लंघन है। सभी संस्था संचालकों को निर्देश दिया गया है कि वो जुर्माने की राशि नोटिस जारी होने के 5 दिन के भीतर ’सुपरवाईजरी अथॉरिटी सी.जी. नर्सिंग होम एक्ट डिस्ट्रिक्ट दुर्ग’ के नाम पर बैंक ड्राफ्ट बनवाकर कार्यालय मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी दुर्ग में जमा करें। ऐसा न करने पर उनके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी।

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