CGST ने पकड़ी 68 करोड़ के टैक्स चोरी: फर्जी बिल बनाकर कर रहे थे जालसाजी… 7 फर्मों पर मामला दर्ज

रायपुर। सेंट्रल जीएसटी ने करोड़ों की फर्जी बिलिंग करने वाले रायपुर के 7 स्टील और आयरन कारोबारियों के खिलाफ धोखाधड़ी और जालसाजी का जुर्म दर्ज किया है। कारोबारी बिना स्टील और आयरन की खरीदी किए फर्जी आईटीसी बिल तैयार कर रहे थे।

यह खेल पिछले तीन वर्ष से चल रहा था। विभागीय पोर्टल की जांच करने पर पता चला कि अब तक 68.04 करोड़ रुपए की टैक्स चोरी की जा चुकी है। फर्म के संचालक बिना किसी सामान की खरीदी किए बिल बनाने के साथ ही इसे बेच रहे थे। इसका खुलासा होने के बाद सेंट्रल जीएसटी की टीम ने फर्म के संचालकों के सिलतरा, शंकर नगर और विधानसभा मार्ग स्थित ठिकानों पर दबिश दी। लेकिन, वह टीम के पहुंचने के पहले ही फरार हो गए। इन सभी को सप्ताहभर सेंट्रल जीएसटी के दफ्तर में उपस्थिति दर्ज कराने नोटिस जारी किया गया है।

CGST के प्रधान आयुक्त अतुल गुप्ता ने बताया, GST के तहत नकली इनपुट टैक्स क्रेडिट जारी करने वालों के खिलाफ एक बड़ा अभियान शुरू हुआ है। इसके तहत CGST के रायपुर कार्यालय ने 21 सितम्बर को सात फर्मों के खिलाफ मामले दर्ज किए हैं। इनसे 68.04 करोड़ की कर चोरी का खुलासा हुआ है। जिन फर्मोंं पर मामला दर्ज हुआ है उनमें बिजोटिक डेवलपर्स प्राइवेट लिमिटेड, गोल्डन ट्रेडर्स, एआरएल ट्रेडिंग कंपनी, देवी ट्रेडिंग कंपनी, बद्री इंटरप्राइजेज, कुमार ट्रेडर्स और सिंह ब्रदर्स का नाम शामिल है।

अधिकारियों ने बताया, ये फर्जी फर्म हैं और छत्तीसगढ़ के भीतर और बाहर कई करदाताओं को माल की वास्तविक आपूर्ति किए बिना इनपुट टैक्स क्रेडिट प्राप्त करने और पास करने में लगी हुई थीं। उन्होंने उम्मीद जताई कि फर्जी इनपुट टैक्स क्रेडिट रैकेट को संचालित करने वाले व्यक्तियों की जल्द ही पहचान कर ली जाएगी। ऐसे लोगों पर कानून के अनुसार सख्त कार्रवाई की जाएगी।

अधिकारियों का कहना है कि छत्तीसगढ़ सहित कई प्रदेशों में ऐसे नकली फर्मों का रैकेट सक्रिय है। ये लोग बोगस बिल के सहारे GST का इनपुट टैक्स क्रेडिट का दावा करते हैं। छत्तीसगढ़ में पहले भी ऐसे मामले पकड़े जा चुके हैं। अगस्त में ही सेंट्रल GST ने दो कारोबारियों को गिरफ्तार भी किया था। अप्रैल में भी एक कारोबारी से करोड़ों की कर चोरी के दस्तावेज मिले थे। पिछले साल रायपुर के दो ऐसे कारोबारियों को पकड़ा गया था जो फर्जी इनपुट टैक्स क्रेडिट इनवायस का रैकेट चला रहे थे।

GST में इनपुट टैक्स क्रेडिट से मतलब ऐसे सिस्टम से है, जिसमें आपको पहले कहीं चुकाए गए टैक्स के बदले क्रेडिट मिल जाते हैं। बाद में अगर कभी आपको टैक्स चुकाने की जरूरत पड़ती है तो पैसों के बदले इस क्रेडिट का इस्तेमाल कर सकते हैं। इस तरह से आपको एक वस्तु के कारोबार पर पर बार-बार टैक्स नहीं चुकाना पड़ता।

इसको ऐसे समझ सकते हैं-आप कोई उत्पाद बनाते हैं जिसके व्यापार पर आपको 600 रुपए GST चुकाना पड़ता। उस उत्पाद को बनाने के लिए आपने जो माल खरीदा था उस पर पहले ही 400 रुपए GST चुका चुके हैं तो फिर आपको फिलहाल सिर्फ 200 रुपए GST ही चुकाना होगा। इनपुट टैक्स क्रेडिट इनवायस के जरिए इसी अंतर का दावा किया जाता है। अगर यह दावा बिना किसी माल अथवा सेवा की आपूर्ति के किया जाए तो सरकार को लूटने जैसा होगा।

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