पुरी (ओडिशा): जगन्नाथ रथ यात्रा के दौरान ओडिशा के पुरी में शुक्रवार को भारी अव्यवस्था का माहौल देखने को मिला। भीषण गर्मी और अनुमान से अधिक श्रद्धालुओं की भीड़ के कारण 600 से ज्यादा लोग चोटिल या बीमार हो गए, जिन्हें इलाज के लिए पुरी मेडिकल कॉलेज अस्पताल में भर्ती कराना पड़ा। हालांकि राहत की बात है कि किसी की जान नहीं गई।

रथ यात्रा के दौरान सबसे ज्यादा अव्यवस्था उस वक्त हुई जब भगवान बलभद्र के तलध्वज रथ को खींचने में तकनीकी और मानवीय कारणों से काफी देरी हुई। यात्रा मार्ग के एक मोड़ पर रथ खींचने में कठिनाई के कारण रथ की गति रुक गई, जिससे आसपास भारी भीड़ इकट्ठा हो गई। भीड़ ने सुरक्षा घेरों को पार करते हुए प्रतिबंधित क्षेत्रों में प्रवेश कर लिया, जिससे रथों की आवाजाही में बाधा उत्पन्न हुई।
सुरक्षा अधिकारियों के अनुसार, इस वर्ष भीड़ का दबाव उम्मीद से कहीं अधिक था। लगातार गर्मी, उमस और भीड़ प्रबंधन की चुनौतियों के बीच रथ खींचने की प्रक्रिया बाधित हुई और कई श्रद्धालु थकावट, बेहोशी और अन्य स्वास्थ्य समस्याओं से जूझते नजर आए।
राज्य सरकार की ओर से स्थिति पर नज़र रखते हुए ओडिशा के मंत्री मुकेश महालिंग ने कहा कि गर्मी और उमस के चलते कुछ श्रद्धालु बेहोश हुए हैं, लेकिन सभी को तत्काल चिकित्सा सहायता उपलब्ध कराई गई। उन्होंने बताया कि मंदिर क्षेत्र के पास प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र (PHC) स्थापित किए गए हैं, जहां पानी, ग्लूकोज और आपात चिकित्सा सेवाओं की व्यवस्था की गई है।
मंत्री महालिंग ने कहा, “मैं खुद इस बात की निगरानी कर रहा हूं कि सभी श्रद्धालुओं को सही समय पर चिकित्सा सुविधा मिले। जल्द ही अस्पताल का निरीक्षण भी करूंगा।” रथ यात्रा के आयोजकों और प्रशासन के लिए यह स्थिति भीड़ नियंत्रण और आपात व्यवस्थाओं की प्रभावशीलता पर पुनर्विचार करने का संकेत देती है।