भिलाई। महापौर परिषद के सदस्य, भवन अनुज्ञा एवं नगरीय नियोजन के प्रभारी साकेत चंद्राकर ने विभागीय अधिकारियों के साथ बैठक की। बैठक में उन्होंने कहा कि अवैध अतिक्रमण एवं अवैध निर्माण पर सख्त कार्रवाई आवश्यक है। मामला संज्ञान में आने एवं शिकायत प्राप्त होने पर त्वरित कार्यवाही करने पर उन्होंने चर्चा की।
प्रभारी ने भवन पूर्णत: प्रमाण पत्र में तीव्रता लाने पर चर्चा की। वही मुख्यमंत्री भूपेश बघेल द्वारा प्रारंभ किए गए प्रत्यक्ष भवन अनुज्ञा प्रणाली पर अधिक से अधिक फोकस करने अधिकारियों से कहा गया। उल्लेखनीय है कि हितग्राही या आवेदक घर बैठे 1 रुपए आवेदन शुल्क जमा करके एक क्लीक पर एक सेकंड में भवन अनुज्ञा प्रमाण पत्र प्राप्त कर पा रहे हैं।
नगर पालिक निगम भिलाई क्षेत्र अंतर्गत 500 वर्ग मीटर यानि की लगभग 5382 वर्ग फीट क्षेत्रफल के लिए इस प्रणाली के तहत हितग्राही जिन्हे भवन निर्माण हेतु भवन अनुज्ञा प्राप्त करना है वे सीधे निगम से पंजीकृत वास्तुविद के माध्यम से समस्त आवश्यक दस्तावेज के साथ पोर्टल www.bpms.sudacg.in में ऑनलाइन आवेदन कर सकेंगे।
दस्तावेज की प्रविष्टी भी ऑनलाइन होगी। भवन मानचित्र का परीक्षण मानव हस्तक्षेप रहित सॉफ्टवेयर के माध्यम से किया जायेगा। प्रस्तुत मानचित्र सही पाये जाने पर एक रूपये ऑनलाइन जमा करने पर तुरंत ही भवन अनुज्ञा हितग्राही को प्राप्त हो जायेगी। इसके उपरान्त भवन अनुज्ञा के लिये निर्धारित शुल्क 30 दिवस के भीतर जमा किया जाना आवश्यक है।
प्रत्यक्ष भवन अनुज्ञा प्रणाली के प्रारंभ होने से निगम दफतरो के अनावश्यक चक्कर काटने एवं भटकने से छुटकारा मिल जायेगा। वहीं जहां भवन अनुज्ञा के आवेदन करने के बाद पहले उपअभियंता, सहायक अभियंता, कार्यपालन अभियंता,जोन आयुक्त तथा भवन अनुज्ञा अधिकारी से होकर प्रक्रिया गुजरती थी वह समाप्त हो जायेगी और सीधे भवन अनुज्ञा प्रमाण पत्र ऑनलाइन मिल जायेगा।
इस प्रणाली से पारदर्शिता भी बनी रहेगी। वहीं गरीब एवं मध्यम वर्गीय परिवार के लिए यह लाभदायक साबित होगा। गौरतलब है कि भवन अनुज्ञा प्रमाण पत्र प्राप्त करने के लिए 1 महीने में 50 से 70 आवेदन प्राप्त होते हैं, प्रत्यक्ष भवन अनुज्ञा प्रणाली के आरंभ होने पर ऐसे आवेदकों एवं हितग्राहियों को घर बैठे ही भवन अनुज्ञा प्रमाण पत्र प्राप्त होगा।
इस प्रणाली से अभी तक सैकड़ों लोग लाभान्वित हो चुके हैं। बैठक में भवन अनुज्ञा विभाग के अधिकारी हिमांशु देशमुख, उप अभियंता पुरुषोत्तम सिन्हा, सिद्धार्थ साहू एवं दौलत चंद्राकर इत्यादि मौजूद रहे।