पाटन के किसान गदगद: सूखे की स्थिति के बीच राहत देने वाली पाटन से आई तस्वीर…CM भूपेश के निर्देश के बाद तांदुला से छोड़ा गया किसानों के लिए पानी, किसानों के बीच पहुंचे कलेक्टर मीणा और CEO देवांगन

भिलाई। आज कलेक्टर पुष्पेंद्र मीणा तर्रा एवं उन गांवों में स्थिति जानने पहुंचे, जहां नहर का पानी छोड़ दिया गया है। किसानों ने बताया कि बिल्कुल सही समय पर पानी छोड़ दिया गया, हमारी खेती अब शानदार होगी। मुख्यमंत्री के निर्णय से खेती की जरूरत के वक्त पानी मिल गया। हम लोग बहुत खुश हैं। पाटन में कई गांवों में अच्छी बारिश हुई लेकिन तर्रा एवं निकटवर्ती गांवों में बारिश बहुत खराब रही। नहर से पानी छोड़ दिये जाने से खेतों को संजीवनी मिल गई है। तर्रा के किसान सेवाराम वर्मा ने बताया कि साहब, बिल्कुल सही टाइम में पानी छोड़े हव, बढ़िया खेत तक पानी पहुंच गे हे। बढ़िया फसल होही। जलसंसाधन विभाग के कार्यपालन अभियंता श्री सुरेश पांडेय ने बताया कि उत्तर पाटन में 32 गांवों में पानी दिये जाने नहर का पानी छोड़ा गया जिसमें अभी की स्थिति में 28 गांवों तक पानी पहुंच गया है। उन्होंने कहा कि दक्षिण पाटन में भी एहतियातन सिपकोना नहर को खोला गया है। इस मौके पर जिला पंचायत सीईओ श्री अश्विनी देवांगन एवं एसडीएम श्री विपुल गुप्ता भी मौजूद थे।

ठकुराइनटोला में पर्यटन के विकास के लिए बनेगा प्रोजेक्ट- कलेक्टर ने ठकुराइनटोला की साइट देखी और यहां पर सौंदर्यीकरण के निर्देश दिये। उन्होंने कहा कि धार्मिक रूप से यह महत्वपूर्ण स्थल है। मुख्यमंत्री महोदय के निर्देश पर यहां लक्ष्मण झूला भी बन रहा है। यहां की प्राकृतिक सुंदरता इतनी अच्छी है कि इसमें सौंदर्यीकरण और अच्छे पिकनिक स्पाट के रूप में विकसित होने की अच्छी संभावना है। बर्ड्स भी यहां पर है इस तरह बहुत दुर्लभ स्थल है। इसके समग्र विकास के लिए प्रोजेक्ट तैयार किया जाएगा।

आंगनबाड़ी पहुंचे, वजन त्योहार का निरीक्षण किया- कलेक्टर पाटन ब्लाक के आंगनबाड़ी केंद्रों में भी पहुंचे। उन्होंने यहां वजन त्योहार का निरीक्षण भी किया। आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं ने बताया कि सभी बच्चों का वजन लिया जा रहा है तथा हाइट की माप की जा रही है। कलेक्टर ने यहां हो रही एक्टिविटी भी देखी। उन्होंने कहा कि कुपोषित बच्चों पर नजर रखना सबसे अहम टास्क है। कलेक्टर ने महिला एवं बाल विकास विभाग के अधिकारियों को बताया कि अपने क्षेत्र में विशेष रूप से सर्वे करें कि किसी खास हिस्से में कुपोषण तो नहीं है। यदि ऐसा है तो इसके लिए पृथक से प्लान करें ताकि पूरे हिस्से से कुपोषण दूर किया जा सके।

जैविक खेती कर रहे किसानों से मिले- अचानकपुर में कलेक्टर ने श्री श्रीनिवासन के खेत देखे। श्रीनिवासन बीई ग्रेज्यूट हैं और खेती कर रहे हैं। उन्होंने अपने खेतों में बाड़ी लगाई है। डबरी बनाई है जिसमें मछलीपालन कर रहे हैं। बकरीपालन की बड़ी योजना उनकी है। उन्होंने कहा कि छत्तीसगढ़ सरकार खेती किसानी के जिस समग्र माडल पर कार्य कर रही है। वो बहुत अच्छा है। कलेक्टर अरसनारा भी पहुंचे, यहां हो रही गौठान की गतिविधियों एवं आजीविकामूलक गतिविधियों को भी उन्होंने देखा और समूह की महिलाओं की प्रशंसा की।
इसके अलावा कलेक्टर ने सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र और सीएससी सेंटर का भी निरीक्षण किया।

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