चंदूलाल चंद्राकर अस्पताल में‌ मरीज के मुंह में चीटियों का झुंड; लापरवाही बरतने वाले डाक्टर, नर्सिंग स्टाफ को नौकरी से बेदखल

भिलाई। भिलाई के चंदूलाल चंद्राकर मेमोरियल हॉस्पिटल के खिलाफ कार्रवाई हुई है। यह कार्रवाई अस्पताल के डॉक्टर और नर्सिंग स्टाफ के द्वारा की गई बड़ी लापरवाही के वजह से हुई है। मिली जानकारी के अनुसार इलाज के दौरान मरीज के मुंह में चीटिंयों का झुंड पाए गया था। इस मामले को सीएमएचओ दुर्ग डॉ. जेपी मेश्राम ने गंभीर लापरवाही माना है। जांच रिपोर्ट के बाद सीएमएचओ ने हॉस्पिटल प्रबंधन को लापरवाही बरतने वाले डॉक्टर व तीन निर्सिंग स्टॉफ को नौकरी से निकालने के निर्देश दिए हैं। आस्पताल मैनेजमेंट ने चारों स्टॉफ को नौकरी से निकल दिया है।

जांच करने अस्पताल पहुंची टीम
मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी कार्यालय के नोडल अधिकारी डॉ. आरके खंडेलवाल के नेतृत्व पहुंची टीम ने मामले की जांच की थी। इस टीम में जिला चिकित्सालय दुर्ग के मेडिकल विशेषज्ञ डॉ. चंदर बाफना और तहसीलदार खुद मैजूद थे। जांच के बाद टीम ने पाया कि चंदूलाल चंद्राकर मेमोरियल हॉस्पिटल नेहरू नगर के आईसीयू वार्ड में भर्ती मरीज रामा साहू (69 साल) के इलाज में लापरवाही बरती गई है।

टीम ने पाया कि ड्यूटी में तैनात डॉ. हिमांशु चंद्राकर (BAMS) के साथ-साथ निर्सिंग स्टॉफ एलिन राम, अटंडेंट मानसिंह यादव और युगल किशोर वर्मा ने लापरवाही बरती है। इस पर इन चारों को नौकरी से निकालने के निर्देश दिए गए हैं। चंदूलाल चंद्राकर मेमोरियल हॉस्पिटल के सीएमओ डॉ. सौरभ साव का कहना है कि सीएमएचओ दुर्ग के निर्देश के बाद उन्होंने चारों स्टॉफ की सेवा समाप्त कर दी है।

जानिए पूरा मामला
दुर्ग के सुभाष नगर निवासी रामा साहू (69 साल) को 25 सितंबर को पेट में दर्द, बुखार, उल्टी और खांसी की शिकायत के चलते चंदूलाल चंद्राकर हॉस्पिटल में भर्ती कराया गया था। इलाज के दौरान स्थिति गंभीर होने पर उसे आईसीयू में भर्ती किया गया था। 29 सितंबर की शाम जब परिजन मरीज को देखने पहुंचे तो उनके होश उड़ गए। मरीज रामा साहू के चेहरे पर सांस लेने वाली नली में हजार से अधिक संख्या में लाल चीटियां चल रही थीं। जब परिजनों ने इसकी शिकायत डॉक्टर से की तो उन्होंने मामले को दबाने का प्रयास किया। साथ ही मरीज को दूसरे बेड में शिफ्ट किया गया।

ICU के अंदर डॉक्टर के भरोसे रहता है मरीज- डॉ. आरके खंडेलवाल
जांच अधिकारी डॉ. आरके खंडेलवाल का कहना है कि आईसीयू में संक्रमण न हो इसके चलते वहां मरीज के परिजनों को नहीं जाने दिया जाता है। 24 घंटे आईसीयू का मरीज डॉक्टर और वहां के स्टॉफ की देखरेख में रहता है। चंदूलाल चंद्राकर मेमोरियल हॉस्पिटल के आईसीयू में इस तरह की लापरवाही पाया जाना गंभीर लापरवाही है।

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