खिसक रही CM की कुर्सी: राज्यपाल रमेश बैस के फैसले पर टिकी सीएम की कुर्सी: चुनाव आयोग के फैसले के बाद राज्यपाल की भूमिका महत्वपूर्ण…राजभवन में चल रही मीटिंग

रांची। झारखंड में बड़ा पॉलिटिकल उलटफेर हो गया है। लाभ के पद के मामले में झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन पर चुनाव आयोग ने अपनी राय गुरुवार को राजभवन भेज दी। अब राज्यपाल ही इस पर आखिरी फैसला लेंगे। अभी राज्यपाल रमेश बैस दिल्ली में हैं। वे डेढ़ बजे तक रांची पहुंचेंगे। बताया जा रहा है कि वे 3 बजे तक इस पर फैसला ले सकते हैं। फिलहाल इसे लेकर राजभवन में अफसरों की मीटिंग चल रही है।

  • राज्य में अगले 48 घंटे में राजनीतिक उथल-पुथल होने का अंदाजा लगाया जा रहा है।
  • चुनाव आयोग के इस फैसले का असर राज्य सरकार की सेहत पर पड़ना तय माना जा रहा है।
  • सत्ताधारी यूपीए सभी विकल्पों पर विचार कर उस आधार पर स्ट्रेटजी बना रही है।
  • यूपीए खेमे में हेमंत के साथ और हेमंत के सीएम नहीं रहने की स्थितियों को लेकर तैयारी की जा रही हैं।
  • कांग्रेस विधायक दल के नेता और मंत्री आलमगीर आलम सीएम हाउस पहुंचे।
  • उन्होंने कहा कि हम लोग एक साथ है जो कुछ भी जानकारी आ रही है। मीडिया के माध्यम से आ रही है राजभवन को भेजे रिपोर्ट में क्या लिख कर भेजा गया इसकी पुष्टि अभी नहीं।
  • JMM ने विधायकों की बैठक बुलाई है।
  • विधायकों का मुख्यमंत्री निवास पर पहुंचना शुरू हो गया है।
  • रांची के बीजेपी ऑफिस में हलचल तेज हो गई है। नेताओं का पहुंचना और मीटिंग का दौर चल रहा है।
  • कांग्रेस ने सभी विधायकों को रांची में रहने के निर्देश दिए हैं।
  • रांची एसएसपी और डीआईजी ​​​​​​​सीएम हेमंत सोरेन से मिलने पहुंचे।
  • सीएम के सचिव विनय चौबे भी मिलने आए थे।
  • अगर हेमंत सोरेन की सदस्यता रद्द होती है तो उन्हें इस्तीफा देकर फिर से मुख्यमंत्री पद की शपथ लेनी होगी।
  • इसके बाद 6 महीने के अंदर उन्हें दोबारा विधानसभा चुनाव जीतना होगा।
  • अगर चुनाव लड़ने के लिए उन्हें अयोग्य घोषित किया जाता है तो उन्हें मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा देना होगा।
  • ऐसे में वे परिवार या पार्टी से किसी को कमान सौंप सकते हैं।
  • चुनाव आयोग के फैसले के दोनों पक्षों को लेकर यूपीए ​​​​​रेडी मोड में हैं।
  • अगर फैसले से सोरेन की राजनीतिक सेहत पर कोई असर नहीं पड़ा तो सत्तापक्ष कम्फर्टेबल मोड में रहेगा।
  • दूसरी तरफ झामुमो इस बात को लेकर बेचैन है कि अगर कमीशन का फैसला सोरेन के खिलाफ गया तो ऐसी स्थिति में उनके विकल्प के रूप में किसे चुना जा सकता है।
  • हालांकि, इसको लेकर पार्टी और यूपीए प्लेटफार्म पर अनौपचारिक रूप से तीन नामों की चर्चा हुई है।
  • उसमें सबसे पहला नाम सोरेन की पत्नी कल्पना सोरेन का है।
  • दूसरे और तीसरे नंबर पर जोबा मांझी और चम्पई सोरेन हैं।
  • दोनों सोरेन परिवार के काफी करीबी और विश्वस्त हैं।
  • कांग्रेस ने भी इन नामों पर अभी तक नहीं किसी तरह की आपत्ति नहीं जताई है।