भिलाई। बृजेश ब्रिजपुरिया। भाजपा भिलाई के नवनियुक्त जिलाध्यक्ष हैं। ये नाम कोई नया नहीं है। वर्ष 1990 से लेकर 1996 तक पहले भी भिलाई भाजपा की कमान संभाल चुके हैं। अब 32 साल बाद दोबारा उन्हें जिलाध्यक्ष बनाकर भाजपा ने एक संदेश दिया है। मन में सवाल उठ रहा होगा कि आखिर दोबारा उन्हें जिलाध्यक्ष क्यों बनाया गया? क्या कोई और चेहरा नहीं था? पार्टी तो युवा नेतृत्व चाह रही थी तो बुजुर्ग नेता को जिले में संगठन की कमान क्यों सौंपी गई है?

इसके कई राजनीतिक मायने हैं। पार्टी मैसेज देना चाहती है कि यहां गुटिय राजनीति अब नहीं होगी। संघ के आदमी को पार्टी ने मौका दिया है, जो सबको साथ लेकर चले। किसी प्रकार की गुटबाजी पार्टी अब नहीं चाहती।


वहीं मिशन-2023 के लिए भी तैयारी भाजपा ने शुरू कर दी है। राज्यसभा सांसद सरोज पांडेय, पूर्व मंत्री प्रेमप्रकाश पांडेय और सांसद विजय बघेल के बीच आपसी तालमेल और तीनों को साथ लेकर चलने वाले नेता को यह जिम्मेदारी दी है। हालांकि, वैशालीनगर विधायक विद्यारतन भसीन के करीबी कहे जाने वाले और उनके कांपीटिशन में अक्सर ब्रिजपुरिया का नाम लिया जाता है।

कहा जा रहा है कि जिलाध्यक्ष को लेकर भसीन की विशेष राय ली गई थी। भसीन के कहने पर ही उन्हें यह कमान दी गई है। यह राजनीतिक गलियारे में चर्चा है। पहले दुर्ग में जितेंद्र वर्मा को जिलाध्यक्ष बनाकर पार्टी ने वहां के कई समीकरण बदले और अब भिलाई में जिलाध्यक्ष बन जाने से कई समीकरण बदल गए हैं। ये आपको हम आगे बताएंगे।




